रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने कई मुद्दों पर सवाल दागे. इनमें कोरोना काल में दूसरे राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों के साथ ही शराब की बिक्री, सरकारी शराब में पानी मिलाकर बेचने, शिक्षकों की भर्ती, प्रधानमंत्री आवास योजना और सिवरेज योजना सहित कई मुद्दे शामिल रहे.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक केशव चंद्रा ने मंत्री शिव डहरिया से पूछा कि कोरोना के चलते बड़े पैमाने में प्रवासी मजदूर घर लौटे हैं क्या इनकी संख्या सरकार के पास है. विधायक ने बताया कि करीब 6 लाख 37 हजार 423 मजदूर देश के अलग-अलग हिस्सों से वापस आए हैं. आने वाले मजदूरों के पंजीयन को लेकर विधायक ने प्रश्न पूछा.
दूसरे राज्यों से वापस आने वाले मजदूरों के पंजियन का मुद्दा
मंत्री शिव डहरिया ने जवाब देते हुए बताया कि वापस आने वाले मजदूरों की संख्या के आंकड़े जिला कलेक्टरों के माध्यम से मिले हैं. मंत्री ने बताया कि मजदूरों के ऑनलाइन पंजियन के लिए एप्लीकेशन तैयार किया गया, जिसमें करीब 2 लाख से ज्यादा मजदूरों ने पंजियन किया. मंत्री डहरिया ने कहा कि मजदूरों और अन्य लोगों की वापसी और उन्हें स्टे कराने सहित खाने-पीने की व्यवस्था में 65 करोड़ 14 लाख रुपए खर्च हुए हैं. वापस आए मजदूरों में से 95 हजार को रोजगार उपलब्ध कराया गया है.
इसके अलावा मंत्री डहरिया ने राज्य सरकार के मजदूरों के लिए किए गए व्यवस्थाओं के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्पेशल ट्रेन की मदद से बाहर रहने वाले मजदूरों को वापस लाया गया. मनरेगा के तहत हजारों की संख्या में मजदूरों को रोजगार दिया गया.
'मजदूर एक बार फिर राज्य से पलायन करने को मजबूर'
विपक्ष ने कहा कि कोरोना की स्थिति के बावजूद एक बार फिर मजदूर बड़े शहरों के लिए पलायन करने लगे हैं. ऐसे में क्या सरकार कोई बंदोबस्त कराएगी, जिससे जिले स्तर पर ही ये रिकॉर्ड रहे कि कितने मजदूर रोजगार के लिए कहां जा रहे हैं. इससे भविष्य में इन्हें किसी भी तरह की मदद देने में सहुलियत हो सके. इस पर मंत्री शिव डहरिया ने हामी भरी है.