रायपुर : शहर में नशे की गोली और प्रतिबंधित कफ सिरप बेचने का गोरखधंधा जोरों से चल रहा है. वहीं इस गोरखधंधे के मास्टरमाइंड राजेश अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने लगभग 6 महीने पहले प्रतिबंधित कफ सिरप बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया था. उस समय भी मास्टरमाइंड का नाम सामने आया था, लेकिन जिस व्यक्ति के पास सबूत था, वह आरोपी फरार था. उसके मिलने के बाद पुलिस ने मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है.
कोतवाली सीएसपी के मुताबिक टाटीबंध में तिरुपति फार्मा के नाम से मेडिकल स्टोर चलाने वाला राजेश अग्रवाल शहर में भारी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सिरप की सप्लाई करता था. इसका खुलासा होने पर पुलिस ने टाटीबंध स्थित उसके मेडिकल स्टोर पर छापा मारा था, जहां पर काफी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सिरप पाया गया था.
प्रतिबंधित कफ सिरप की सप्लाई
जिस वक्त पुलिस ने मेडिकल स्टोर में रेड मारी थी, उस समय राजेश ने जब्त किए माल को किसी दूसरे का होना बताया था. इसके बाद पुलिस ने मौके से बरामद दस्तावेजों की जांच की थी, लेकिन उसमें कोई पुख्ता सबूत नहीं मिल पाया था. उसी दौरान पुलिस ने भिलाई के मेडिकल स्टोर में भी छापा मारा था. उस समय मेडिकल स्टोर के संचालक अजय चौहान फरार हो गया था, जिसे हाल ही में पुलिस ने पकड़ा लिया है. साथ ही उससे पूछताछ की गई, पूछताछ में अजय ने बताया कि उसके लाइसेंस का इस्तेमाल राजेश अग्रवाल करता था और उसी के आधार पर ही प्रतिबंधित कफ सिरप की सप्लाई करता था. अजय ने आगे बताया कि राजेश ने कई ऐसे लोगों को कफ सिरप की सप्लाई की है, जिनके पास मेडिकल स्टोर तक नहीं है. ऐसे लोग घर से ही प्रतिबंधित कफ सिरप बेचने का धंधा कर रहे थे.
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अजय के बयान के आधार पर मौदहापारा पुलिस ने तिरुपति फार्मा में छापा मारा और राजेश अग्रवाल को नारकोटिक्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के मुताबिक तिरुपति फार्मा का संचालक राजेश अपने कारोबार के लिए अजय के लाइसेंस का इस्तेमाल करता था. वहीं राजेश अग्रवाल लाइसेंस के बदले में अजय चौहान को 15 हजार रुपए का कमीशन देता था. जानकारी के मुताबिक प्रतिबंधित कफ सिरप अजय के नाम से लिया करता था.