रायपुर: कोरोना संक्रमण में मेडिकल स्टाफ और फ्रंटलाइन वर्कर अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों का इलाज कर रहे हैं. लेकिन उनकी सुरक्षा में लापरवाही का मामला सामने आया है. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल में बनाए गए प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी कोविड सेंटर में काम करने वाले डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को फटी हुई PPE किट दी जा रही है. इसी किट को पहनकर मेडिकल स्टाफ कोरोना मरीजों की देखभाल और इलाज कर रहे हैं.
फटे हुए और खराब PPE किट को लेकर कोविड सेंटर में ड्यूटी करने वाले स्टाफ ने कई बार प्रबंधन से शिकायत भी की. लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया है. ड्यूटी करने वाले स्टाफ का कहना है कि PPE किट फटने वाली है और उसकी गुणवत्ता भी सही नहीं है.
सप्लाई भी घटी
अस्पताल में रोजाना 150 PPE किट संबंधित स्टाफ को दी जा रही थी. जिन की सप्लाई भी अब घटकर 130 हो गई है. स्टाफ ही नहीं डॉक्टरों की भी शिकायत है कि शनिवार और रविवार को खराब क्वॉलिटी वाली PPE किट दी जा रही है. यानी ये हो सकता है कि शनिवार और रविवार को PPE किट रिपीट की जा रही हो. स्टाफ का कहना है कि दी जाने वाली PPE किट भी छोटी है जिसके कारण पहनने से वह फटने लगी है.
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पहले भी हो चुकी है शिकायत
घटिया PPE किट की शिकायत पहले भी अंबेडकर अस्पताल के हेल्थ स्टाफ द्वारा की जा चुकी है. इस शिकायत के बाद अंबेडकर अस्पताल के प्रबंधन ने किट सप्लाई वाली सरकारी एजेंसी CGMSC को पत्र लिखकर कहा था कि बैक स्टाफ के लिए तीन अलग साइज के PPE किट की सप्लाई की जाए. लेकिन अब नया मामला सामने आया है. जिसमें हर वीकेंड घटिया PPE किट दी जाने की शिकायत मिली है.
खराब PPE किट लेकर अप्रैल में की थी हड़ताल
खराब PPE को लेकर कोविड वार्ड में काम करने वाले पीजी स्टूडेंट और स्टाफ ने अप्रैल में हड़ताल की थी. उस दौरान हेल्थ स्टाफ और पीजी स्टूडेंट का कहना था कि पूरी शिफ्ट के दौरान खराब क्वॉलिटी की PPE किट से प्रोटेक्शन नहीं मिल रहा है. इससे काम करने वाले स्टाफ के साथ मरीजों को भी संक्रमण फैल सकता है.
इस मामले पर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ विष्णु दत्त का कहना है कि PPE किट की क्वॉलिटी को लेकर शिकायत मिली है. उन्होंने कहा कि पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कोविड वार्ड में काम कर रहे स्टाफ को घटिया किट क्यों दी जा रही है. जबकि वे खुद संक्रमण के खतरे में रहकर काम कर रहे हैं.