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Mata Kaushalya Mahotsav चंद्रखुरी में माता कौशल्या महोत्सव का दूसरा दिन, कविता पौडवाल और मैथिली ठाकुर बांधेंगी समां

रायपुर के चंद्रखुरी में माता कौशल्या महोत्सव का आज दूसरा दिन है. आज मैथिली ठाकुर और कविता पौडवाल अपनी प्रस्तुति देंगी. इस महोत्सव में स्व सहायता समूह की महिलाएं स्टॉल लगाकर छत्तीसगढ़ी कला की प्रदर्शनी करेंगी.

mata kaushalya mahotsav
माता कौशल्या महोत्सव
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Published : Apr 23, 2023, 2:17 PM IST

रायपुर: रायपुर में शनिवार को माता कौशल्या महोत्सव का आगाज हो चुका है. रविवार को कविता पौडवाल और मैथिली ठाकुर अपने गीतों से समां बांधेंगी. व्योमेश शुक्ल के श्रीराम की शक्ति पूजा कार्यक्रम का मंचन भी किया जाएगा.

महोत्सव में आकर्षण का केन्द्र: कौशल्या महोत्सव कार्यक्रम में स्व सहायता समूह की महिलाएं स्टॉल लगाकर छत्तीसगढ़ी कला का प्रदर्शनी करेंगी. इन स्टॉल्स में छत्तीसगढ़ी कला से निर्मित वस्तुओं को बेचने के अलावा इनका प्रचार किया जाएगा. यहां छोटे छोटे 9 स्टॉलों को लगाया गया है. इन स्टॉलों में बिक रही वस्तुओं में छत्तीसगढ़ संस्कृति की झलक दिखेगी. महोत्सव के लिए एक भव्य मंच बनाया गया है. मंदिर परिसर में पर्यटन विभाग की ओर से पर्यटन कैफे तैयार किया गया है. इस कैफे में सैलानी छत्तीसगढ़ी व्यंजन का लुत्फ उठा रहे हैं.

यह भी पढ़ें: Chhattisgarh: क्या माता कौशल्या महोत्सव के जरिए कांग्रेस की हिन्दू वोटरों पर है नजर ?

इसलिए खास है भगवान राम का ननिहाल: रायपुर का चंद्रखुरी माता कौशल्या की जन्मभूमि है. माता कौशल्या मंदिर पूरे देश में एक मात्र प्राचीन मंदिर है. चंदखुरी भगवान राम का ननिहाल है. ये दक्षिण कौशल के नाम से पूरे देश में प्रसिद्ध है. चंदखुरी स्थित माता कौशल्या धाम, राम वनगमन पर्यटन परिपथ का महत्वपूर्ण स्थल है. यह स्थल रायपुर से मात्र 27 किलोमीटर दूर स्थित है. ये गांव 126 तालाबों वाला गांव है. जलसेन तालाब के बीच में माता कौशल्या का एतिहासिक मंदिर है. इस मंदिर में प्रभु श्रीराम को गोद में लिए हुए माता कौशल्या की अद्भुत प्रतिमा सबको अपनी ओर आकर्षित करती है.

रायपुर: रायपुर में शनिवार को माता कौशल्या महोत्सव का आगाज हो चुका है. रविवार को कविता पौडवाल और मैथिली ठाकुर अपने गीतों से समां बांधेंगी. व्योमेश शुक्ल के श्रीराम की शक्ति पूजा कार्यक्रम का मंचन भी किया जाएगा.

महोत्सव में आकर्षण का केन्द्र: कौशल्या महोत्सव कार्यक्रम में स्व सहायता समूह की महिलाएं स्टॉल लगाकर छत्तीसगढ़ी कला का प्रदर्शनी करेंगी. इन स्टॉल्स में छत्तीसगढ़ी कला से निर्मित वस्तुओं को बेचने के अलावा इनका प्रचार किया जाएगा. यहां छोटे छोटे 9 स्टॉलों को लगाया गया है. इन स्टॉलों में बिक रही वस्तुओं में छत्तीसगढ़ संस्कृति की झलक दिखेगी. महोत्सव के लिए एक भव्य मंच बनाया गया है. मंदिर परिसर में पर्यटन विभाग की ओर से पर्यटन कैफे तैयार किया गया है. इस कैफे में सैलानी छत्तीसगढ़ी व्यंजन का लुत्फ उठा रहे हैं.

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इसलिए खास है भगवान राम का ननिहाल: रायपुर का चंद्रखुरी माता कौशल्या की जन्मभूमि है. माता कौशल्या मंदिर पूरे देश में एक मात्र प्राचीन मंदिर है. चंदखुरी भगवान राम का ननिहाल है. ये दक्षिण कौशल के नाम से पूरे देश में प्रसिद्ध है. चंदखुरी स्थित माता कौशल्या धाम, राम वनगमन पर्यटन परिपथ का महत्वपूर्ण स्थल है. यह स्थल रायपुर से मात्र 27 किलोमीटर दूर स्थित है. ये गांव 126 तालाबों वाला गांव है. जलसेन तालाब के बीच में माता कौशल्या का एतिहासिक मंदिर है. इस मंदिर में प्रभु श्रीराम को गोद में लिए हुए माता कौशल्या की अद्भुत प्रतिमा सबको अपनी ओर आकर्षित करती है.

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