रायपुर: ओम नमः शभावाय च ओम नमः संभवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय शंकराय च नमः शिवाय शिवतराय च कृष्ण पक्ष कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि मास शिवरात्रि व्रत के रूप में जानी जाती है. इस शुभ दिन माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ का शुभ विवाह संस्कार हुआ था. प्रत्येक मास की तेरस और चौदस को शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. यह शिव भक्तों के लिए एक महोत्सव के रूप में होता है. सभी शिवभक्त इस दिन उत्साह और उमंग से उपवास रखते हैं. आज ही के शुभ दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की संयुक्त रूप से पूजा की जाती है. मां गौरी और अनादी शंकर को प्रेम को विधिपूर्वक लाल वस्त्र में सम्मान के साथ बिठाया जाता है. अबीर गुलाल, परिमल, रोली, सिंदूर, चंदन, फूल, वस्त्र, उप वस्त्र, पंचामृत, दूध, दही, पंचमेवा आदि के साथ विधि पूर्वक अभिषेक किया जाता है. आज का यहा पर्व सभी शिव भक्तों में आनंद और ऊर्जा का संचार करता है.
नए साल के प्रारंभ में प्रथम दिन ज्येष्ठा नक्षत्र और मुसल योग के साथ वृश्चिक राशि के चंद्रमा में यह शुभ पर्व मनाया जाएगा. दिनभर वृश्चिक राशि में चंद्रमा रहेगा और शाम को 7:16 में धनु राशि में चंद्रमा का आगमन होगा. शाम के समय भद्रा भी निवृत्त होगी. नये साल में महाशिवरात्रि का होना अपने आप में बहुत ही शुभ है. आज के शुभ दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान ध्यान और योग से निवृत्त होकर दिवस का प्रारंभ करना चाहिए.
सहस्त्रनाम लिंगाष्टकम रुद्राष्टकम
स्नान आदि करने के बाद भगवान शंकर को गंगाजल, दूध, दही, शहद, गन्ने का रस, नर्मदा जल और अनेक शुद्ध नदियों के जल से रुद्र का अभिषेक करना चाहिए. इसके साथ ही सुगंधित धूप और द्रव्य अगरबत्ती आदि शिव को अर्पित करनी चाहिए. भोलेनाथ भगवान को धतूरा, आक, शमी, पत्र, दूध आदि बहुत प्रिय हैं. इनसे महामृत्युंजय का जाप करना चाहिए. अभिषेक करते समय यह ध्यान रहे कि पंचाक्षरी ओम नमः शिवाय मंत्र का शुद्ध अंतःकरण से जाप करना चाहिए.
महामृत्युंजय मंत्र का संपूर्ण पाठ
आज के शुभ दिन महामृत्युंजय मंत्र नमः संभवाय मंत्र शिव सहस्त्रनाम लिंगाष्टकम रुद्राष्टकम शिवजी की आरती के द्वारा शिव का शुद्ध पूजन करना चाहिए. जिनके पारिवारिक जीवन में प्रतिकूलता हो उनको लाभ मिलता है. ऐसी कुंवारी कन्याए, जिनके विवाह में बाधाएं आ रही हैं. उनको निश्चित तौर पर लाभ मिलता है. कुंवारी कन्याएं भगवान शिव को निश्चल मन से जल का अभिषेक करें और शिव को प्रणाम करते हुए महामृत्युंजय मंत्र का संपूर्ण पाठ (Full Text of Mahamrityunjaya Mantra) करना चाहिए. आज के शुभ दिन महामृत्युंजय मंत्र का संपुट लगाकर भी पढ़ा जाना चाहिए.