रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में विकास के पहिए थम से गए हैं Many development works stuck in Raipur. लोक निर्माण विभाग की जिन सड़कों को 6 से 8 माह में पूरा होना था. ऐसी सड़कें दो साल बाद भी नहीं बन पाई है. अभी 4 से 6 माह अधूरे काम पूरा करने में लगेंगे. जबकि मोवा दलदल सिवनी मार्ग निर्माण में अभी भी सालभर से ज्यादा वक्त लगेगा. क्योंकि इसके लिए एजेंसी भी तय नहीं हो पाई है. वहीं ज्यादातर जगहों पर जमीन खाली करवाना बड़ी चुनौती है.तो चलिए जानते हैं शहर के उन प्रोजेक्ट के बारे में जो अब तक पूरा नहीं हो पाया Raipur Road construction project incomplete.
प्रोजेक्ट 1: राजधानी रायपुर के मोवा से दलदल शिवनी मुक्तिधाम तक कांक्रीट और डामरशेड बनाने का प्रोजेक्ट था. यह प्रोजेक्ट तीन साल पहले रुक गया था. लेकिन डेढ़ साल पहले फिर से प्रोजेक्ट शुरू किया गया. 2.5 किमी तक की सड़क के लिए 130 करोड़ रुपये फंड मिला. लेकिन जिम्मेदार काम शुरू नहीं करवा पाए. क्योंकि मुआवजे का पेंच फंस गया.
प्रोजेक्ट 2: हीरापुर में जगन्नाथ चौक से गणपति चौक तक 8 करोड़ में बनने वाली 3 किलोमीटर लंबी सड़क दो साल से अधूरी है raipur latest news. यहां पहले कब्जाधारियों और पुराने पोल को हटवाने में विलंब हुआ. जिसके चलते यहां का सड़क भी नहीं बन पाया. अब सड़क निर्माण की अवधि पूरी हो गई है.
प्रोजेक्ट3: सिटी के वीआईपी रोड से अमलीडीह तालाब मार्ग को वनवे से डबललेन करने के लिए 2021 में फंड मिला. तब तीसरे टेंडर में एजेंसी मिली. उसे 3.84 करोड़ में 2.5 किमी रोड डबललेन बनाने दिसंबर 2021 को कार्य आदेश दिया गया. इसे जुलाई 2022 में पूरा होना था. लेकिन अभी भी 60 फीसदी काम नहीं हुआ.
प्रोजेक्ट 4: अमलीडीह पानी टंकी से देवपुरी हाईवे को जोड़ने के लिए सालभर पहले 2 किमी लंबी सड़क बनाने के लिए 9 करोड़ से ज्यादा रुपये मिले. इसके लिए जनवरी 2021 में कार्य आदेश पारित हुआ. इसके लिए 8 माह में काम पूरा करना था. लेकिन सालभर बाद भी काम अधूरा है.
ये भी पढ़ें: रायपुर से धमतरी तक सड़क का काम जारी, युद्ध स्तर पर बन रहा है फोरलेन
प्रोजेक्ट 5: शहर के व्यस्तम इलाकों में से एक पहाड़ी चौक से ओवरब्रिज तक 1.40 किमी डबललेन सड़क बनाने का काम था. 30 जून 2022 तक काम पूरा करने का समय दिया गया. लेकिन अभी तक काम अधूरा है.कार्ययोजना बनाने की बजाय निर्माण खर्च तय करके दो से तीन साल में प्रस्ताव दिया गया. वित्तीय मंजूरी के बाद काम शुरू करने में देरी हुई. तो कहीं निर्माण सीमा में कब्जा होने से काम शुरू नहीं हो पाया. तो कहीं पर जिस एजेंसी को काम दिया गया. उसने पेच फंसाया और काम रुक गया.
क्या कहते हैं अफसर: PWD के इंजीनियरों की मानें तो इसमें कई तरह की परेशानी है. पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता डीके नेताम कहते हैं कि "डायवर्सन, पोल और यूटिलिटी शिफ्टिंग के कारण कई बार काम रुक जाता है. इसके लिए संबंधित विभागों से तालमेल कर काम समय पर पूरा करने का प्रयास करते हैं. जिन सड़कों की आप बात कर रहे हैं. उनका निर्माण जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा."