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मेकाहारा अस्पताल में मर्च्युरी फुल ! शव घर के बाहर रखी जा रही डेड बॉडी - छत्तीसगढ़ में कोरोना से मौत

मेकाहारा अस्पताल के शव घर पूरी तरह से भरे हुए हैं. शव रखने के लिए भी जगह नहीं मिल रही है. कोरोना संक्रमण से मौत होने के बाद लोगों को अपने परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए भी भटकना पड़ रहा है.

Makahara Hospital in raipur
मेकाहारा अस्पताल में मर्च्युरी फुल
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Published : Apr 12, 2021, 9:41 PM IST

Updated : Apr 12, 2021, 10:28 PM IST

रायपुर: प्रदेश में कोरोना संक्रमण कहर बरपा रहा है. रोज कोरोना संक्रमण से मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं. एक ओर जहां अस्पतालों में बेड पूरी तरह फुल हो चुके हैं वहीं दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण से लोगों की मौत के बाद उनके शव रखने की जगह भी कम पड़ रही है. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा अस्पताल) में शव घर पूरी तरह से भरे हुए हैं.

मेकाहारा अस्पताल में मर्च्युरी फुल

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शव रखने की नहीं है जगह

शव रखने के लिए मर्च्युरी में जगह नहीं है. ऐसे में मर्च्युरी के बाहर ही लोगों के शव रखे जा रहे हैं. जहां लोग अपने परिजनों को कोविड संक्रमण से बचाने के लिए अस्पतालों में भर्ती करवाने के लिए भटक रहे हैं. वहीं अब कोरोना संक्रमण से मौत होने के बाद लोगों को अपने परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए भी भटकना पड़ रहा है. बता दें कि परिजनों को अस्पताल से डेड बॉडी निकालने के लिए एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर भी जाना पड़ता है. तब जाकर उन्हें डेड बॉडी मिल रही है.

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अस्पताल में अव्यवस्था का आलम

भिलाई से संतोष कुमार ने बताया उनके चाचा कोरोना से ग्रसित थे. इलाज के लिए उन्हें अंबेडकर अस्पताल लाया गया था. अस्पताल के अंदर मरीजों को रखा तो जा रहा है लेकिन सही तरह से उनकी देखभाल नहीं हो रही है. उनके चाचा की मृत्यु भी हो गई है. लेकिन शव लेने में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस अव्यवस्था को ठीक किया जाए. बता दें संतोष के चाचा का शव काफी लंबे वक्त तक शव घर के बाहर था. बार-बार बोले जाने पर भी शव को व्यवस्थित नहीं किया गया. अंदर जगह नहीं होने की बात भी सामने आई है.

रायपुर: प्रदेश में कोरोना संक्रमण कहर बरपा रहा है. रोज कोरोना संक्रमण से मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं. एक ओर जहां अस्पतालों में बेड पूरी तरह फुल हो चुके हैं वहीं दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण से लोगों की मौत के बाद उनके शव रखने की जगह भी कम पड़ रही है. डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा अस्पताल) में शव घर पूरी तरह से भरे हुए हैं.

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शव रखने की नहीं है जगह

शव रखने के लिए मर्च्युरी में जगह नहीं है. ऐसे में मर्च्युरी के बाहर ही लोगों के शव रखे जा रहे हैं. जहां लोग अपने परिजनों को कोविड संक्रमण से बचाने के लिए अस्पतालों में भर्ती करवाने के लिए भटक रहे हैं. वहीं अब कोरोना संक्रमण से मौत होने के बाद लोगों को अपने परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए भी भटकना पड़ रहा है. बता दें कि परिजनों को अस्पताल से डेड बॉडी निकालने के लिए एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर भी जाना पड़ता है. तब जाकर उन्हें डेड बॉडी मिल रही है.

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भिलाई से संतोष कुमार ने बताया उनके चाचा कोरोना से ग्रसित थे. इलाज के लिए उन्हें अंबेडकर अस्पताल लाया गया था. अस्पताल के अंदर मरीजों को रखा तो जा रहा है लेकिन सही तरह से उनकी देखभाल नहीं हो रही है. उनके चाचा की मृत्यु भी हो गई है. लेकिन शव लेने में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस अव्यवस्था को ठीक किया जाए. बता दें संतोष के चाचा का शव काफी लंबे वक्त तक शव घर के बाहर था. बार-बार बोले जाने पर भी शव को व्यवस्थित नहीं किया गया. अंदर जगह नहीं होने की बात भी सामने आई है.

Last Updated : Apr 12, 2021, 10:28 PM IST
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