रायपुर: छत्तीसगढ़ में पर्यटन स्थलों की कमी नहीं है. यहां 100 से ज्यादा पर्यटन स्थल हैं. यहां ऐतिहासिक इमारतें, वन्य जीव, खूबसूरत झरने, प्राचीन किला , धार्मिक स्थल देखने को मिलते हैं.
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कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान: कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान का नाम कांगेर नदी से निकला है. कांगेर घाटी लगभग 200 वर्ग किलोमीटर में फैली है. कांगेर घाटी को 1982 में एक राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला. ऊंचे पहाड़, गहरी घाटियां, विशाल पेड़ और मौसमी जंगली फूलों और वन्यजीवन की विभिन्न प्रजातियों के लिए यह अनुकूल जगह है. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान एक मिश्रित नम पर्णपाती प्रकार के वनों का एक विशिष्ट मिश्रण है, जिसमें साल, सागौन, टीक और बांस के पेड़ बहुतायत में हैं. यहां छत्तीसगढ़ राज्य पक्षी बस्तर मैना भी मिलती है.
तीरथगढ़ जलप्रपात: जगदलपुर से 35 किलामीटर की दूरी पर स्थित यह मनमोहक जलप्रपात पर्यटकों का मन मोह लेता है. मुनगाबहार नदी पर स्थित यह जलप्रपात चन्द्राकार रूप से बनी पहाड़ी से 300 फिट नीचे सीढ़ी नुमा प्राकृतिक संरचनाओं पर गिरता है. पानी के गिरने से बना दूधिया झाग और पानी की बूंदों का प्राकृतिक फव्वारा आकर्षण का केंद्र है.
कोटमसर गुफा: कोटमसर गुफा को शुरू में गोपांसर गुफा नाम दिया गया था. लेकिन वर्तमान नाम कोटमसर मशहूर हो गया. यह गुफा जगदलपुर के पास स्थित है. कोटमसर गुफा पर्यावरणीय पर्यटन में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है. यह कोलेब नदी की एक सहायक नदी केगर नदी के किनारे स्थित केंजर चूना पत्थर बेल्ट पर गठित एक चूना पत्थर गुफा है. यह समुद्री स्तर से 560 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
नारायणपाल मंदिर: नारायणपाल गांव में प्राचीन विष्णु मंदिर है. यह 1000 साल पहले बनाया गया था. विष्णु मंदिर इंद्रवती और नारंगी नदियों के संगम के निकट स्थापित किया गया है. यह 11 वीं शताब्दी का है. विष्णु मंदिर की स्थापना के बाद एक छोटे से गांव को नारायणपुर का नाम दिया गया. फिर इस गांव को नारायणपाल के नाम से जाना जाने लगा.