रायपुर: जब व्यक्ति को कालसर्प योग होता है, तो वह शारीरिक मानसिक सभी प्रकार से परेशान होता है. उसे कभी रोजगार संबंधी परेशानी आती है, तो कभी उसके बनते काम बिगड़ने लगते हैं. संतान संबंधी कष्ट भी झेलने पड़ते हैं. वह बहुत ही दुर्बल और रोगी होता है. मानसिक रूप से परेशानी की स्थिति में रहने वाला धन के लिए कष्ट पूर्ण और हर काम में रुकावट परेशानी और पैसों की किल्लत जीवन भर उसे समय-समय पर परेशान करते रहते हैं. ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने महाशिवरात्रि पर उपाय बता रहे, जिससे कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है.
महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त: महाशिवरात्रि का पर्व पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हर साल महाशिवरात्रि मनाया जाता है. इस साल 18 फरवरी को रात 8 बजकर 2 मिनट से अगले दिन शाम 04 बजकर 16 मिनट तक महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त है. महाशिवरात्रि के लिए निशिता काल पूजा का मुहूर्त चतुर्दशी तिथि में होना आवश्यक माना गया है, इसलिए महाशिवरात्रि 18 फरवरी को मनाई जाएगी. साधु महात्मा या भक्त सभी महाशिवरात्रि के व्रत का इंतजार करते हैं.
कैसे जानें कि कुंडली में है कालसर्प योग: ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया कि "कालसर्प योग से ग्रसित व्यक्ति के जीवन में कभी भी राजयोग नहीं आता. उसके जीवन में हर प्रकार की बाधाएं उसे नकारात्मक सोच का धनी बना देती है. जब केतु से राहु के बीच में सभी ग्रह उपस्थित हो और केतु से राहु के बीच में कोई भी भाव रिक्त ना हो, तब कुंडली में बनने वाला ऐसा योग पूर्ण कालसर्प योग कहलाता है."
कालसर्प योग के उपाय: पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया कि "कालसर्प योग के उपाय के लिए महाशिवरात्रि के दिन अज्ञात पितरों की शांति कराएं. पलाश विधि के द्वारा सर्प शांति कराएं. राहु और केतु ग्रहों की शांति के उपाय करें. कालसर्प दोष निवारण यंत्र की पूजा करनी चाहिए. सर्व मंत्र और सर्प गायत्री मंत्र का जाप भी कर सकते हैं. भैरव देव की उपासना करना भी फलदाई माना गया है. किसी मंदिर में शिवलिंग स्थापित कर सकते हैं. श्री महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें. शिव जी को चंदन की लकड़ी चढ़ाएं. नाग पंचमी के दिन शिव मंदिर की साफ सफाई करें."
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नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा का है विधान: ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी का कहना है कि "कालसर्प दोष निवारण के लिए नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा का विधान है. इसलिए इस दिन कालसर्प दोष वालों को चांदी का नाग नागिन का जोड़ा भगवान शिव को अर्पित करने से भी कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.
कालसर्प से मुक्ति के लिए इन मंत्रों का करें जाप: पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया कि "महाकाल रूद्र स्रोत, शिव अथर्वशीर्ष, महामृत्युंजय स्त्रोत, कालसर्प दोष, शांति प्रार्थना मंत्र और मनसा देवी स्रोत का पाठ जाप और श्रवण करना अत्यंत शुभ माना गया है. पीपल पेड़ के नीचे एक कटोरी या दोने में कच्चा दूध रख दीजिए. घी का दीपक जला दीजिए. कच्चा आटा घी और गुड़ को मिलाकर एक छोटा लड्डू बनाकर रख दे. इस मंत्र को बोलकर प्रार्थना करें ॐ अनंताय नमः, वासुकाय नमः, शंखपालाय नमः, धनंजायय नमः, एरावताय नमः, मणि भद्राय नमः, धृतराष्ट्रय नमः, कालियाये नमः का उच्चारण करें."