रायपुर: कोरोना संक्रमण के इस दौर में ग्रामीण इलाकों में कोरोना के प्रति जागरूकता की कमी साफ नजर आती है. कई अंधविश्वास देखने को मिलते हैं. ऐसे वक्त में अभनपुर के पिपरौद ग्राम पंचायत के आश्रित गांव बजरंगपुर में रहने वाली माधुरी साहू ग्रामीण इलाकों में घर-घर जाकर जागरूकता फैला रही हैं.
माधुरी ने खुद कोरोना को हराया
माधुरी साहू और उसके पति पूर्व में कोरोना से संक्रमित हुए थे. इस दौरान उन्हें काफी बुखार भी था. शरीर में थोड़ी कमजोरी भी थी. मगर होम आइसोलेशन में रहकर दोनों पति-पत्नी ने कोरोना को हरा दिया है. ठीक होने के बाद पत्नी ने ठान लिया की वह लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करेगी. आस-पास के गांवों में स्वास्थ्य जागरूकता का काम कर रहे जिला पंचायत से अधिकृत रीजनल कोऑर्डिनेटर विवेक त्रिपाठी से उनकी मुलाकात हुई. विवेक ने उन्हें घर-घर जाकर दूसरों को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया.
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अब घर-घर फैला रही जागरूकता
माधुरी हर दिन 15 से 20 घरों में पहुंचकर कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करती हैं. माधुरी अपना उदाहरण भी देती हैं. ग्रामीणों को समझाती हैं कि, जांच कराने, दवा लेने या टीका लेने में घबराने की कोई बात नहीं है. वो अपनी कहानी उन्हें बताती हैं. कहती हैं कि मैं भी दवाई खाकर और घर में होम आइसोलेशन से ठीक हुई हूं. आप भी ठीक हो जाएंगे. इस काम में गांव की मितानिन भी माधुरी का साथ देती हैं.
पति भी कर रहे जन-जागरूकता का कार्य
माधुरी साहू के पति भी आस-पास के गांवों में जागरूकता के लिए कार्य कर रहे हैं. धीरज अपनी बाइक के जरिए आसपास के गांवों तक जाते हैं. लोगों को जागरुक करते हैं. वह खुद कोरोना को हरा चुके हैं, इसलिए डॉक्टर से मिली जानकारी लोगों तक पहुंचाते हैं. होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की डॉक्टर्स से बात करवाते हैं. अभनपुर जनपद कार्यालय से दवाओं की किट लेकर संक्रमितों के घरों तक दवा पहुंचाने का काम भी कर रहे हैं.
गांव हुआ कोरोना फ्री
माधुरी और धीरज का गांव बजरंगपुर कोविड फ्री हो गया है. गांव में अब एक भी कोरोना पॉजिटिव मरीज नहीं है. साल 2020 के अंतिम महीने में यहां 700 की आबादी में से 15 लोग संक्रमित हो गए थे. ग्रामीणों की जागरूकता की वजह से सफाई, मास्क और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन के जरिए कोरोना को गांव ने हरा दिया. सभी संक्रमित घर पर ही दवा लेकर ठीक हो गए. किसी के अस्पताल जाने की नौबत ही नहीं आई.