रायपुर: बारिश ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ को बेहाल कर दिया है. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में तेज बारिश के बाद नदी नाले उफान पर है. बेमेतरा, कवर्धा, राजनांदगांव, बस्तर, कांकेर, धमतरी, बलौदा बाजार और बालोद के साथ कई जिलों में बहने वाली नदियां खतरे के निशान के ऊपर बताई जा रही है. प्रदेश के कई इलाकों में शुक्रवार रात से ही तेज बारिश हो रही है. जिससे जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. सैंकड़ों गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क भी टूट गया है.
4 साल में पहली बार आया इतना पानी
बेमेतरा से गुजरने वाली हाफ नदी में 4 साल बाद इतना पानी है. जिसे देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ा है. एक ओर लोग तेज बारिश और पानी से परेशान दिख रहे हैं, वहीं प्रदेश के लाखों किसान खुश भी हैं. किसानों का कहना है कि कई साल बाद इतनी बारिश हुई है. जिससे इस साल अच्छी फसल की उम्मीद है.
महानदी में बढ़ा जलस्तर
इधर, बस्तर और कांकेर जिले में हुई मूसलाधार बारिश से धमतरी महानदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है. तेज बारिश से महानदी की सेहत में सुधर दिखने लगी है. प्रदेश के सबसे बड़े बांध गंगरेल बांध के कैचमेंट एरिया में हो रही बारिश से बांध में पानी की आवक बढ़ गई है. धमतरी जिले के साथ सीमावर्ती ओडिशा राज्य में हो रही मूसलाधार बारिश से धमतरी के छोटे-बड़े नदी-नाले उफान पर है. बीते 3 दिन से लगातार बारिश से सोंढुर बांध भी करीब लबालब है.
घुमरिया नदी में डूबने से एक बच्चे की मौत
कवर्धा में तेज बारिश में 24 ग्रामीण मजदूर हाफ नदीं में फंस गए थे, हालांकि बाद में उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. राजनांदगांव जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर सूखा नाला घुमरिया नदी में एक बच्चे की डूबने से मौत हो गई है.
बाढ़ ने ताड़ा 10 साल का रिकार्ड
बालोद जिले के निचली बस्ती जहां से पानी निकलने का कोई साधन नहीं है , वहां गली-मोहल्लों में लोगों के घरों में भी पानी घुस गया है. मोहल्ले की महिलाओं ने बताया कि 10 साल बाद जिले में ऐसी स्थिति बनी है. वहीं बलौदा बाजार में भी नदी नाले उफान पर है.