रायपुर: छत्तीसगढ़ की मशहूर प्रेम कहानी लोरी और चंदा की प्रेम कहानी अब दर्शकों को बड़े पर्दे पर देखने को मिलेगी. इस कहानी को अब तक आपने अलग-अलग मंचों पर देखा होगा, कहानियों में पढ़ा होगा लेकिन इस लव स्टोरी पर छत्तीसगढ़ी फिल्मों के डायरेक्टर प्रेम चंद्राकर ने फिल्म बनाई है जिसका नाम लोरिक चंदा रखा गया है. यह फिल्म 29 नम्बर को सिनेमाघरों में आ रही है.
इस फिल्म में डायरेक्टर ने मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ी परंपराओं, वेशभूषा, संगीत, कला पूरी तरह छत्तीसगढ़ के स्वरुप को लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की है. यह फिल्म प्रेम चंद्राकर की दूसरी फिल्मों की तहर ही संगीत प्रधान फिल्म रहेगी. इसमें अपने मुख्य स्वर छत्तीसगढ़ की मशहूर लोक गायिका पद्मश्री ममता चंद्राकर ने दिया है. उनके अलावा सुनील सोनी, पूर्वी चंद्राकर जैसे कई जाने-माने फनकारों ने भी अपनी आवाज दी है.
इस फिल्म में तीन बहनों ने निभाया है मुख्य किरदार
इस फिल्म में तीन सगी बहनों ने किरदार निभाया है. खास बात ये है तीनों सगी बहनें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गांव बेलौदी की ही है. कुंती, मांढरिया, जागेश्वरी मेश्राम कैरेक्टर रोल किया है. वहीं मंजली बहन योगिता ने भी इस फिल्म में गाना गाया है और एक्टिंग भी की है.
ETV भारत से खास बातचीत में डायरेक्टर प्रेम चंद्राकर बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में कई फिल्में बनी हैं. मैंने भी कई फिल्में डायरेक्ट की हैं लेकिन इस फिल्म की खास बात ये है कि इस फिल्म में पूरी तरीके से छत्तीसगढ़ वेशभूषा, छत्तीसगढ़ की संस्कृति, पुराने समय में छत्तीसगढ़ कैसा होगा यह दिखाने की कोशिश की है. इसमें ज्यादातर शूट छत्तीसगढ़ में ही किया है ताकि प्रदेश की सुंदरता लोगों तक पहुंचे.
इस फिल्म की लीट हीरोइन कुंती ने इससे पहने कभी फिल्मों में काम नहीं किया है, यह उनकी पहली फिल्म हैं. वे खुद को सौभाग्यशाली मानती हैं कि उन्हें इस फिल्म में काम करने का मौका मिला. फिल्म में मेन लीड रोल प्ले कर रहे गुलशन साहू ने ETV भारत को बताया कि इससे पहले उन्होंने कई फिल्मों में काम किया है लेकिन यह बेहद पुरानी प्रेम कहानी है उन्हे इसमें काम करने से बेहद खुशी हुई.
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बाल विवाह पर आधारित है लोरी और चंदा की प्रेम कहानी
लोरी और चंदा की प्रेम कहानी एक लोक विधा है, यह कहानी छत्तीसगढ़ के आरंग के पास खौरी गांव में सदियों पुरानी घटना पर आधारित है. लोरी और चंदा की प्रेम कहानी में लोरी राउत था और चंदा महारानी. लोरी की बांसुरी की मधुर आवाज सुन कर चंदा, लोरी पर मोहित हो जाती है और दोनों में प्रेम हो जाता है. वहीं चंदा के घरवाले उनका बाल विवाह करने वाले थे. बताया जाता है कि इस कहानी में बाल विवाह न करने की सीख दी गई है.