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सावन में भगवान भोलेनाथ के रुद्राभिषेक से मिलता है मनोवांछित फल, जानिए इसका महत्व

भगवान शिव को सावन का महीना प्रिय है. इस माह में भोलेनाथ की पूजा में रुद्राभिषेक को शामिल करने से जातक को पुण्य पल की प्राप्ति होती है. रुद्राभिषेक का अर्थ है रुद्र अर्थात भगवान शिव का अभिषेक.

Lord Shiva
सावन में भगवान शिव की पूजा
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Published : Aug 3, 2021, 10:19 PM IST

Updated : Aug 3, 2021, 11:06 PM IST

रायपुर: भगवान भोलेनाथ की पूजा तो आप सदैव कर सकते हैं. लेकिन सावन के महीने में महादेव की अराधना का विशेष महत्व है. जो जातक सावन के महीने में भगवान शिव की नियमित रूप से पूजा और आराधना करता है. उसे पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस बार सावन के महीने में 4 सोमवार है. जो काफी अद्भुत संयोग माना गया है. 25 जुलाई से शुरू हुए सावन महीने की समाप्ति 22 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन होगी. इस दौरान चार सोमवार में से दो सोमवार खत्म हो गया है. जबकि दो सोमवार बाकी है. इस दौरान रुद्राभिषेक से भगवान भोलेनाथ को आप प्रसन्न कर सकते हैं.

सावन के महीने में रुद्राभिषेक का महत्व

सावन के महीने में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है. भगवान शिव को सावन का महीना प्रिय है. इस माह में भोलेनाथ की पूजा में रुद्राभिषेक को शामिल करने से जातक को पुण्य पल की प्राप्ति होती है. रुद्राभिषेक का अर्थ है रुद्र अर्थात भगवान शिव का अभिषेक. ज्योतिष और पंडितों का मानना है कि शिवरात्रि, सावन और प्रदोष काल में भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करना बेहद शुभ माना गया है. सावन की सोमवारी के अलावा इस माह की किसी भी तिथि को आप रुद्राभिषेक कर सकते हैं. इसके अलावा सावन के शुक्ल पक्ष की द्वितीया और नवमी को भी रुद्राभिषेक करना काफी शुभकारी होता है. यह तिथि ज्योतिषियों के मुताबिक काफी शुभ मानी गई है.

इस साल भी नहीं होगा भोरमदेव मंदिर में पदयात्रा का आयोजन

इसके अलावा शुक्ल पक्ष की द्धितीया और नवमी को भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करना काफी शुभ माना गया है. शिवपुराण के रुद्र संहिता में सावन मास में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व बताया है. शिवपुराण के अनुसार रुद्राभिषेक करने से जातक की हर मनोकामना पूरी होती है. इसके साथ ही जो भक्त इसे करता है. उसे ग्रह जनित दोष और रोगों से भी मुक्ति मिलती है. ज्योतिष और पंडितों के मुताबिक रुद्राभिषेक का फल भक्त को तत्काल मिलता है. इसे करने से घर की पुरानी बीमारियां और आर्थिक संकट दूर होता है. संतान सुख, वैभव और यश की प्राप्ति भी होती है.

कैसे कराएं रुद्राभिषेक ?

शिवपुराण के अनुसार जातक को जानकार पंडित और ब्राह्मणों से भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक कराना चाहिए. जो व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकते उन्हें सावन के महीने में प्रतिदिन शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाना चाहिए. इससे उन्हें समस्त सुखों की प्राप्ति होगी. सावन के महीने में शिवभक्त शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक कर सकते हैं. इस साल कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से मंदिर में रुद्राभिषेक कराना संभव नहीं है तो घर पर ही शिवलिंग का रुद्राभिषेक जातक पंडित को बुलाकर करवा सकते हैं. जातक को स्नान कर भस्म लगाना चाहिए. फिर रुद्राक्ष की माला पहनकर उत्तर पूर्व की ओर मुंह कर पूजा अर्चना करें.

रायपुर: भगवान भोलेनाथ की पूजा तो आप सदैव कर सकते हैं. लेकिन सावन के महीने में महादेव की अराधना का विशेष महत्व है. जो जातक सावन के महीने में भगवान शिव की नियमित रूप से पूजा और आराधना करता है. उसे पुण्य फल की प्राप्ति होती है. इस बार सावन के महीने में 4 सोमवार है. जो काफी अद्भुत संयोग माना गया है. 25 जुलाई से शुरू हुए सावन महीने की समाप्ति 22 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन होगी. इस दौरान चार सोमवार में से दो सोमवार खत्म हो गया है. जबकि दो सोमवार बाकी है. इस दौरान रुद्राभिषेक से भगवान भोलेनाथ को आप प्रसन्न कर सकते हैं.

सावन के महीने में रुद्राभिषेक का महत्व

सावन के महीने में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है. भगवान शिव को सावन का महीना प्रिय है. इस माह में भोलेनाथ की पूजा में रुद्राभिषेक को शामिल करने से जातक को पुण्य पल की प्राप्ति होती है. रुद्राभिषेक का अर्थ है रुद्र अर्थात भगवान शिव का अभिषेक. ज्योतिष और पंडितों का मानना है कि शिवरात्रि, सावन और प्रदोष काल में भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करना बेहद शुभ माना गया है. सावन की सोमवारी के अलावा इस माह की किसी भी तिथि को आप रुद्राभिषेक कर सकते हैं. इसके अलावा सावन के शुक्ल पक्ष की द्वितीया और नवमी को भी रुद्राभिषेक करना काफी शुभकारी होता है. यह तिथि ज्योतिषियों के मुताबिक काफी शुभ मानी गई है.

इस साल भी नहीं होगा भोरमदेव मंदिर में पदयात्रा का आयोजन

इसके अलावा शुक्ल पक्ष की द्धितीया और नवमी को भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करना काफी शुभ माना गया है. शिवपुराण के रुद्र संहिता में सावन मास में रुद्राभिषेक का विशेष महत्व बताया है. शिवपुराण के अनुसार रुद्राभिषेक करने से जातक की हर मनोकामना पूरी होती है. इसके साथ ही जो भक्त इसे करता है. उसे ग्रह जनित दोष और रोगों से भी मुक्ति मिलती है. ज्योतिष और पंडितों के मुताबिक रुद्राभिषेक का फल भक्त को तत्काल मिलता है. इसे करने से घर की पुरानी बीमारियां और आर्थिक संकट दूर होता है. संतान सुख, वैभव और यश की प्राप्ति भी होती है.

कैसे कराएं रुद्राभिषेक ?

शिवपुराण के अनुसार जातक को जानकार पंडित और ब्राह्मणों से भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक कराना चाहिए. जो व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकते उन्हें सावन के महीने में प्रतिदिन शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाना चाहिए. इससे उन्हें समस्त सुखों की प्राप्ति होगी. सावन के महीने में शिवभक्त शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक कर सकते हैं. इस साल कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से मंदिर में रुद्राभिषेक कराना संभव नहीं है तो घर पर ही शिवलिंग का रुद्राभिषेक जातक पंडित को बुलाकर करवा सकते हैं. जातक को स्नान कर भस्म लगाना चाहिए. फिर रुद्राक्ष की माला पहनकर उत्तर पूर्व की ओर मुंह कर पूजा अर्चना करें.

Last Updated : Aug 3, 2021, 11:06 PM IST
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