रायपुर: अयोध्या में भगवान रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है. इसे लेकर पूरे देश में जोर-जोर से तैयारी भी की जा रही है. पूरे देशवासियों को 22 जनवरी के दिन का इंतजार है. इस दिन पूरे देश में दीपावली मनाई जाएगी. इस दिन पूरे देश के राम मंदिर के साथ ही दूसरे मंदिरों में भी खास पूजा-अर्चना की जाएगी. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम किसकी पूजा करते थे और क्यों करते थे? इसे विस्तार से जानने के लिए ईटीवी भारत ने पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी से बातचीत की.
भगवान शिव के भक्त थे श्री राम: पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया कि, "भगवान राम रामेश्वर की पूजा करते थे. शास्त्रों में लिखा है, भगवान श्री राम अपने इष्ट की पूजा के स्वरूप में भगवान शिव की पूजा करते थे. श्रीलंका जाने से पहले भगवान राम ने रामेश्वरम में शिव लिंग की स्थापना की थी. उसे बाद विधि विधान से उन्होंने भोले बाबा की पूजा अर्चना की थी. उसके बाद एक प्रश्न भगवान श्री राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने भगवान राम से किया था कि आप किसकी पूजा करते हैं. भगवान राम ने लक्ष्मण को उत्तर दिया कि भगवान रामेश्वरम की पूजा करता हूं. राम का ईश्वर अर्थात रामेश्वरम भगवान शिव के भक्त थे."
राम और शिव दोनों एक दूसरे के उपासक: शास्त्रों के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव से प्रश्न किया कि आप किसकी पूजा करते हैं. तब भगवान शिव ने उत्तर दिया कि राम मेरे ईश्वर हैं. वहां रामेश्वर की स्थापना हो रही है. इस तरह से देखा जाए तो भगवान राम शिव की उपासना करते थे और भगवान भोलेनाथ यानी शिव भगवान राम की उपासना किया करते थे. अर्थात दोनों जीव और ब्रह्म की तरह एक दूसरे के उपासक थे.