रायपुर: छत्तीसगढ़ की सियासत में इन दिनों ईडी की चर्चा जोरों शोरों से है. एक ओर कांग्रेस ईडी की कार्रवाई का विरोध कर रही है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा ईडी की कार्रवाई को सही कह रही है. छत्तीसगढ़ की सियासत अब ईडी जांच के इर्द गिर्द ही घूम रही है. दोनों ही पार्टी छत्तीसगढ़ के जरूरी मुद्दों से कन्नी काट रही है.
सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ का कांग्रेस ने किया विरोध: सोमवार को ईडी ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया था. जिसके विरोध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा रायपुर के गांधी मैदान में शांतिपूर्ण सत्याग्रह किया गया. इस आंदोलन में प्रदेश के अलग-अलग जिलों के पदाधिकारी शामिल हुए. इस दौरान कांग्रेस ने चरखा चलाकर शांतिपूर्ण तरीके से गांधीवादी सत्याग्रह करने की बात कही. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा " सत्याग्रह के माध्यम से हम अपनी बात कहना चाहते हैं. वर्तमान में केंद्र में बैठे भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा विपक्ष के नेताओं को परेशान किया जा रहा है. उसके विरोध में हम सत्याग्रह कर रहे है. कांग्रेस पार्टी अत्याचार के विरोध में सत्याग्रह के माध्यम से देश में संदेश देना चाहती है पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को सत्ता का जो गुरूर और घमंड है. इन 8 सालों में 5500 दे अधिक प्रकरण दर्ज किए हैं. जो पिछले 70 सालों में नहीं हुए. इसका मतलब यह साफ है जो भी विपक्ष के नेता सत्ता पक्ष के विरोध में कुछ कहना चाहते है.उसकी आवाज को केंद्र सरकार दबाना चाहती है. हम महात्मा गांधी के अनुयायी हैं.डरने वाले नहीं है.इसलिए हम सत्याग्रह के माध्यम से अपनी बात कहना चाहते है.
छत्तीसगढ़ की मौजूदा राजनीति पर क्या कहते हैं जानकार: वहीं छत्तीसगढ़ में ईडी की राजनीतिक सियासत पर राजनीतिक प्रेक्षक उचित शर्मा का कहना है कि "छत्तीसगढ़ में ईडी को लेकर जिस तरह से प्रदर्शन चल रहा है, अब ईडी को लेकर कोई सीरियस नहीं है. आम जनता भी जान गई है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता इतनी बढ़ गई है . ईडी जहां भी कार्रवाई कर रही है वह राजनीतिक द्वेष के कारण है. कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को ईडी पूछताछ के लिए बुला रही है तो निश्चित तौर पर उनके समर्थकों का आंदोलन करना लाजमी होगा. लेकिन एक सवाल यह भी उठता है कि देश में दूसरे मुद्दे भी हैं. जिनमें महंगाई, पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम, जीएसटी के मुद्दे, तमाम कई ऐसे मुद्दे हैं जिसे लेकर एक प्रतिक्रियावादी बना जा सकता है.लेकिन उन मुद्दों को इतनी तवज्जो नहीं मिल पा रही है. उन मुद्दों के प्रति कांग्रेस इतनी गंभीर नजर नहीं आ रही है. जितना ईडी के विषय पर नजर आ रही है. देश में बहुत से मुद्दे हैं जो ईडी प्रकरण के कारण गौण होते जा रहे हैं और हिंदुस्तान की जम्हूरियत के लिए यह ठीक नहीं है".