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रायपुर: पोस्ट के माध्यम से नहीं पहुंच रहे ड्राइविंग लाइसेंस, अब भी एजेंट्स के भरोसे आवेदक - chhattisgarh updated news

रायपुर के RTO कार्यालय में अब भी एजेंट्स के जरिए ही लाइसेंस बन पा रहे है. खुद ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए पहुंचने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लाइसेंस बनने के बाद पोस्ट के जरिए भी लोगों को स्मार्ट कार्ड नहीं मिल पा रहे हैं.

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RTO में एजेंट्स के जरिए ही बन पा रहे ड्राइविंग लाइसेंस
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Published : Nov 5, 2020, 12:04 PM IST

Updated : Nov 5, 2020, 1:25 PM IST

रायपुर: RTO ने भ्रष्टाचार रोकने और लोगों को सुविधाएं देने के लिए वाहन पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए स्मार्ट कार्ड की सुविधा बनाई है. ये स्मार्ट कार्ड भी सीधे तौर पर डाक के माध्यम से भेजने की व्यवस्था है. हालांकि यह व्यवस्था रायपुर के RTO कार्यालय में देखने को नहीं मिल रही है. सुविधाएं दुरुस्त करने का दावा करने वाले RTO दफ्तर में अब भी एजेंट्स के माध्यम से ही जल्दी काम हो पाता है, आम नागरिकों के लिए लाइसेंस बनवाने में बेहद तकलीफ होती है.

RTO में एजेंट्स के जरिए ही बन पा रहे ड्राइविंग लाइसेंस

ज्यादातर लोगों को एजेंट्स पर ही भरोसा

हर साल छत्तीसगढ़ में कुल 3 लाख ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जाते हैं, हालांकि आज भी आम नागरिक, एजेंट्स के माध्यम से ही ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना आसान मानते हैं. ETV भारत ने रायपुर के RTO दफ्तर का जायजा लिया और वहां पहुंचे लोगों से बातचीत की. जिसमें ये बात सामने आई कि ज्यादातर लोग एजेंट्स के माध्यम से ही ड्राइविंग लाइसेंस बनवा रहे हैं. ETV भारत ने एजेंट से लाइसेंस बनवाने पहुंचे शुभम साहू से बात की तो उनका कहना था, कई बार खुद से लाइसेंस बनवाने में परेशानी होती है, उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले उन्होंने लर्निंग लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था और उसकी फीस भी जमा की थी, लेकिन खाते से पैसा कट जाने के बाद भी उसका पेमेंट नहीं दिखा रहा है. ऐसे में आम इंसान एजेंट के माध्यम से ही अपना लाइसेंस बनवाना आसान समझते है.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में स्पंज आयरन सेक्टर को 1000 करोड़ तक की प्रोत्साहन राशि की घोषणा

पोस्ट के माध्यम से नहीं पहुंच रहा लाइसेंस

कमीशनखोरी बंद करने के लिए पोस्ट के माध्यम से लोगों के घर तक लाइसेंस पहुंचाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. हालांकि इसका सही ढंग से पालन नहीं हो रहा है. एजेंट के माध्यम से अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले देवेंद्र ने बताया कि उन्होंने एजेंट के माध्यम से अपना लाइसेंस बनवाया था और उस दौरान पोस्ट के माध्यम से ड्राइविंग लाइसेंस भेजने के लिए 18 रुपए का डाक टिकट और लिफाफे में पता लिखवाया था, लेकिन उन्हें लाइसेंस एजेंट के माध्यम से ही प्राप्त हुआ. ऐसे में डाक टिकट और लिफाफा जो लगवाया गया था उसका मतलब ही नहीं रहा.

राज्य सरकार को भेजा प्रस्ताव

इस पूरे मामले में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी शैलाभ कुमार साहू का कहना है कि प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण लाइसेंस स्मार्ट कार्ड में ही दिया जाता है. पोस्ट के माध्यम से लाइसेंस भेजने की कोशिश की गई थी, लेकिन पूरी तरह वह सफल नहीं हो पाई. उन्होंने बताया कि इसे लेकर राज्य सरकार को प्रस्ताव भी भेजा जा रहा है. पूरे प्रदेश का लाइसेंस प्रिंटिंग एक सेंटर पर होने और वहीं से पूरे राज्य के रजिस्टर्ड पोस्ट के माध्यम से भेजने की दिशा में प्रयास चल रहा है. उन्होंने बताया कि RTO कार्यालय में किसी भी एजेंट को प्रवेश नहीं दिया जाता है. कोशिश रहती है कि ज्यादा से ज्यादा आवेदक खुद ही अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाए.

रायपुर: RTO ने भ्रष्टाचार रोकने और लोगों को सुविधाएं देने के लिए वाहन पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस के लिए स्मार्ट कार्ड की सुविधा बनाई है. ये स्मार्ट कार्ड भी सीधे तौर पर डाक के माध्यम से भेजने की व्यवस्था है. हालांकि यह व्यवस्था रायपुर के RTO कार्यालय में देखने को नहीं मिल रही है. सुविधाएं दुरुस्त करने का दावा करने वाले RTO दफ्तर में अब भी एजेंट्स के माध्यम से ही जल्दी काम हो पाता है, आम नागरिकों के लिए लाइसेंस बनवाने में बेहद तकलीफ होती है.

RTO में एजेंट्स के जरिए ही बन पा रहे ड्राइविंग लाइसेंस

ज्यादातर लोगों को एजेंट्स पर ही भरोसा

हर साल छत्तीसगढ़ में कुल 3 लाख ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जाते हैं, हालांकि आज भी आम नागरिक, एजेंट्स के माध्यम से ही ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना आसान मानते हैं. ETV भारत ने रायपुर के RTO दफ्तर का जायजा लिया और वहां पहुंचे लोगों से बातचीत की. जिसमें ये बात सामने आई कि ज्यादातर लोग एजेंट्स के माध्यम से ही ड्राइविंग लाइसेंस बनवा रहे हैं. ETV भारत ने एजेंट से लाइसेंस बनवाने पहुंचे शुभम साहू से बात की तो उनका कहना था, कई बार खुद से लाइसेंस बनवाने में परेशानी होती है, उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले उन्होंने लर्निंग लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था और उसकी फीस भी जमा की थी, लेकिन खाते से पैसा कट जाने के बाद भी उसका पेमेंट नहीं दिखा रहा है. ऐसे में आम इंसान एजेंट के माध्यम से ही अपना लाइसेंस बनवाना आसान समझते है.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में स्पंज आयरन सेक्टर को 1000 करोड़ तक की प्रोत्साहन राशि की घोषणा

पोस्ट के माध्यम से नहीं पहुंच रहा लाइसेंस

कमीशनखोरी बंद करने के लिए पोस्ट के माध्यम से लोगों के घर तक लाइसेंस पहुंचाने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. हालांकि इसका सही ढंग से पालन नहीं हो रहा है. एजेंट के माध्यम से अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले देवेंद्र ने बताया कि उन्होंने एजेंट के माध्यम से अपना लाइसेंस बनवाया था और उस दौरान पोस्ट के माध्यम से ड्राइविंग लाइसेंस भेजने के लिए 18 रुपए का डाक टिकट और लिफाफे में पता लिखवाया था, लेकिन उन्हें लाइसेंस एजेंट के माध्यम से ही प्राप्त हुआ. ऐसे में डाक टिकट और लिफाफा जो लगवाया गया था उसका मतलब ही नहीं रहा.

राज्य सरकार को भेजा प्रस्ताव

इस पूरे मामले में क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी शैलाभ कुमार साहू का कहना है कि प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण लाइसेंस स्मार्ट कार्ड में ही दिया जाता है. पोस्ट के माध्यम से लाइसेंस भेजने की कोशिश की गई थी, लेकिन पूरी तरह वह सफल नहीं हो पाई. उन्होंने बताया कि इसे लेकर राज्य सरकार को प्रस्ताव भी भेजा जा रहा है. पूरे प्रदेश का लाइसेंस प्रिंटिंग एक सेंटर पर होने और वहीं से पूरे राज्य के रजिस्टर्ड पोस्ट के माध्यम से भेजने की दिशा में प्रयास चल रहा है. उन्होंने बताया कि RTO कार्यालय में किसी भी एजेंट को प्रवेश नहीं दिया जाता है. कोशिश रहती है कि ज्यादा से ज्यादा आवेदक खुद ही अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाए.

Last Updated : Nov 5, 2020, 1:25 PM IST
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