रायपुर : लेमन ग्रास एक औषधीय पौधा है. इसकी खेती प्रदेश के किसान आसानी से कर सकते हैं. इसके लिए उपजाऊ जमीन की आवश्यकता नहीं होती. लेमन ग्रास को एक बार लगाने के बाद यह 4 साल तक पैदावार देगी. लेमन ग्रास की साल में 4 बार कटाई की जा सकती है. प्रदेश के किसान लेमन ग्रास की खेती करके अच्छी उपज और पैदावार ले सकते हैं. लेमन ग्रास को मवेशियों के द्वारा कम नुकसान होता है. इसे नींबू घास के नाम से भी जाना जाता है. लेमन ग्रास में ज्यादा देखरेख की आवश्यकता नहीं पड़ती और इसमें मेहनत भी कम लगती है.
लेमन ग्रास की कितनी किस्में : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के औषधीय वैज्ञानिक डॉक्टर एसएस टुटेजा का कहना है कि "कृष्णा कावेरी प्रगति प्रमान और लखनऊ के द्वारा निकाली गई किस्म सिमशिखर जैसी उन्नतशील किस्मों की खेती प्रदेश के किसान कर सकते हैं. इसकी खेती करने के लिए इसका बीज रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से प्राप्त कर सकते हैं. प्रदेश के किसान जून और जुलाई के साथ ही फरवरी और मार्च के महीने में भी इसकी खेती कर सकते हैं. लेमन ग्रास की साल में 4 बार कटाई की जा सकती है. लेमन ग्रास से निकाले गए तेल का उपयोग परफ्यूम बनाने में, इत्र बनाने में, अगरबत्ती बनाने में और कीटनाशक दवाई बनाने में उपयोग किया जाता है."