रायपुर: राजधानी रायपुर के बूढा तालाब धरना स्थल पर वामपंथी पार्टी ने राज्य स्तर पर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान वामपंथी पार्टी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के गलत फैसले नोटबंदी और GST के दुष्प्रभाव के कारण पूरे देश में मंदी पसर गई है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि 'देश में कारखाने बंद हो रहे हैं. कारखानों में काम करने वाले लोगों की हर रोज छंटनी हो रही है. खेती किसानी बर्बाद हो रही है'. साथ ही उन्होंने कहा कि 'मंदी का अर्थ है जनता की जेब में रुपया न होने के कारण उपभोक्ता वस्तुओं की मांग में कमी हो रही है. इससे निपटने का एक ही तरीका है सर्वजनिक कल्याण के क्षेत्र में सरकार ज्यादा खर्च करे, लेकिन सरकार कॉर्पोरेट सेक्टर को फायदा पहुंचाने पर ज्यादा ध्यान दे रही है'.
नौजवानों को नहीं मिला भत्ता
CPI (M) के नेता संजय पराते ने कहा कि 'केंद्र सरकार रोजगार पैदा करने के लिए सार्वजनिक निवेश बढ़ाने की बात कही थी. नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही थी, इतना ही नहीं न्यूनतम मजदूरी 18 हजार रुपए महीना सुनिश्चित करने की बात कही थी, लेकिन केंद्र सरकार अब उसपर चुप्पी साधे बैठी है'.
इनके प्रमुख मांगें:-
- सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण न करे केंद्र सरकार.
- प्रतिरक्षा और कोयला क्षेत्र में 100% विदेशी निवेश का फैसला वापस लिया जाए.
- BSNL और रक्षा उद्योग के कारखाना, रेलवे और एयर इंडिया को निजीकरण पर रोक लगाई जाए.
- मनरेगा बजट में आवंटन बढ़ाया जाए.
- मनरेगा की बकाया मजदूरी का भुगतान करने के साथ ही मनरेगा मजदूरों को 200 दिनों का काम दिया जाए.
- केंद्र सरकार मनरेगा मजदूरों को 600 रुपये की मजदूरी दिए जाने के वादे को पूरा करे.
- कृषि संकट से निपटने और किसानों की आत्महत्या को रोकने किसानों को कर्ज मुक्त कर उन्हें लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में दिया जाए.
- वृद्धा और विधवाओं को न्यूनतम 3000 रुपए मासिक पेंशन दिया जाए.