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युवा दिवस विशेषः 5 बिंदुओं में जानें स्वामी विवेकानंद का युवाओं को संदेश - स्वामी विवेकानंद जयंती स्पेशल

आज स्वामी विवेकानंद की जयंती है जिसे विश्वभर में युवा दिवस के रुप में मनाया जाता है. स्वामी विवेकानंद ने अपने संदेशों के माध्यम से हमेशा युवाओं को जागृत किया है. युवा दिवस पर युवाओं को दिए गए संदेशों के बारे में जानिए.

स्वामी विवेकानंद का युवाओं को संदेश
Swami Vivekananda's message to youth
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Published : Jan 12, 2020, 11:06 AM IST

Updated : Jan 12, 2020, 11:13 AM IST

रायपुर: स्वामी विवेकानंद की जयंती विश्व भर में युवा दिवस के रूप में मनाई जाती है. युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद ने अपने संदेशों के माध्यम से हमेशा युवाओं को जागृत किया है और उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास दिलाया है.

स्वामी विवेकानंद का युवाओं को संदेश

रायपुर शहर से स्वामी विवेकानंद का गहरा नाता रहा है. यहां स्थित विवेकानंद आश्रम में उनके बताए हुए मार्गों पर कई तरह के क्रियाकलाप आए दिन आयोजित होते रहते हैं. हमने इसी संस्था के सचिव स्वामी सत्यरूपानंद से बात की और आज के युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद के संदेश कितने प्रासंगिक हैं उन्हें संक्षेप में समझने की कोशिश की.


स्वामी सत्यरूपानंद ने कहा कि राष्ट्र और समाज के निर्माण में हर काल में स्वामी विवेकानंद के संदेश प्रासंगिक हैं. खासतौर पर युवा और बाल समाज के लिए उनके संदेश प्रेरणादायक हैं.

'आत्मसंयम करना सीखो, शरीर और मन से दृढ़ बनों'

स्वामी विवेकानंद हमेशा युवाओं को संदेश देते थे कि आत्मसंयम करना सीखो, शरीर और मन से दृढ़ बनों क्योंकि अगर आप शरीर और मन से दृढ़ नहीं बनेंगे तो जीवन में सफलता पाना बहुत मुश्किल है.

'स्वाधीन भारत में जन्म लेने पर युवाओं को गर्व होना चाहिए'

युवाओं को स्वाधीन भारत में जन्म लेने पर गर्व महसूस करना चाहिए. भारत जगत गुरु रहा है अपनी मातृभूमि का सम्मान करते हुए गर्व महसूस करना चाहिए.

'भारतीय संस्कृति का ज्ञान युवाओं को अवश्य होना चाहिए'

भारतीय संस्कृति का ज्ञान होना आवश्यक है. हमारी संस्कृति आध्यत्मिक संस्कृति है, ईश्वर और नैतिकता पर विश्वास करने वाली संस्कृति है. व्यक्तित्व के विकास के लिए संस्कृति का ज्ञान जरूरी है.

'ईश्वर पर विश्वास करें क्योंकि हम सभी उनके ही अंश है'

किसी भी धर्म या संप्रदाय से ताल्लुक रखते हो उसपर विश्वास होना चाहिए क्योंकि हम सभी ईश्वर के अंश है. नास्तिकता से बचना बेहद जरूरी है.

'अच्छा चरित्र ही हमें अच्छा और सफल इंसान बना सकता है'

अच्छा चरित्र ही हमें अच्छा इंसान बना सकता है चाहे हम शिक्षक हो या राजनेता हमारा चरित्र ही तय करता है कि हम अपने क्षेत्र में कितने बेहतर और सफल होंगे, इसलिए चरित्र को अच्छा और मजबूत बनाएं.

वैसे तो स्वामी विवेकानंद की पूरी जीवन यात्रा अपने आप में एक संदेश है लेकिन आज के परिप्रेक्ष्य में युवाओं के लिए उनका संदेश बेहद अहम है.

रायपुर: स्वामी विवेकानंद की जयंती विश्व भर में युवा दिवस के रूप में मनाई जाती है. युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद ने अपने संदेशों के माध्यम से हमेशा युवाओं को जागृत किया है और उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास दिलाया है.

स्वामी विवेकानंद का युवाओं को संदेश

रायपुर शहर से स्वामी विवेकानंद का गहरा नाता रहा है. यहां स्थित विवेकानंद आश्रम में उनके बताए हुए मार्गों पर कई तरह के क्रियाकलाप आए दिन आयोजित होते रहते हैं. हमने इसी संस्था के सचिव स्वामी सत्यरूपानंद से बात की और आज के युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद के संदेश कितने प्रासंगिक हैं उन्हें संक्षेप में समझने की कोशिश की.


स्वामी सत्यरूपानंद ने कहा कि राष्ट्र और समाज के निर्माण में हर काल में स्वामी विवेकानंद के संदेश प्रासंगिक हैं. खासतौर पर युवा और बाल समाज के लिए उनके संदेश प्रेरणादायक हैं.

'आत्मसंयम करना सीखो, शरीर और मन से दृढ़ बनों'

स्वामी विवेकानंद हमेशा युवाओं को संदेश देते थे कि आत्मसंयम करना सीखो, शरीर और मन से दृढ़ बनों क्योंकि अगर आप शरीर और मन से दृढ़ नहीं बनेंगे तो जीवन में सफलता पाना बहुत मुश्किल है.

'स्वाधीन भारत में जन्म लेने पर युवाओं को गर्व होना चाहिए'

युवाओं को स्वाधीन भारत में जन्म लेने पर गर्व महसूस करना चाहिए. भारत जगत गुरु रहा है अपनी मातृभूमि का सम्मान करते हुए गर्व महसूस करना चाहिए.

'भारतीय संस्कृति का ज्ञान युवाओं को अवश्य होना चाहिए'

भारतीय संस्कृति का ज्ञान होना आवश्यक है. हमारी संस्कृति आध्यत्मिक संस्कृति है, ईश्वर और नैतिकता पर विश्वास करने वाली संस्कृति है. व्यक्तित्व के विकास के लिए संस्कृति का ज्ञान जरूरी है.

'ईश्वर पर विश्वास करें क्योंकि हम सभी उनके ही अंश है'

किसी भी धर्म या संप्रदाय से ताल्लुक रखते हो उसपर विश्वास होना चाहिए क्योंकि हम सभी ईश्वर के अंश है. नास्तिकता से बचना बेहद जरूरी है.

'अच्छा चरित्र ही हमें अच्छा और सफल इंसान बना सकता है'

अच्छा चरित्र ही हमें अच्छा इंसान बना सकता है चाहे हम शिक्षक हो या राजनेता हमारा चरित्र ही तय करता है कि हम अपने क्षेत्र में कितने बेहतर और सफल होंगे, इसलिए चरित्र को अच्छा और मजबूत बनाएं.

वैसे तो स्वामी विवेकानंद की पूरी जीवन यात्रा अपने आप में एक संदेश है लेकिन आज के परिप्रेक्ष्य में युवाओं के लिए उनका संदेश बेहद अहम है.

Intro:स्वामी विवेकानंद की जयंती विश्व भर में युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद ने अपने संदेशों के माध्यम से हमेशा युवाओं को जागृत किया है उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का अहसास दिलाया है जो कि रायपुर शहर से स्वामी विवेकानंद का गहरा नाता रहा है..

यहां स्थित विवेकानंद आश्रम में उनके बताए हुए मार्गों पर कई तरह के क्रियाकलाप आए दिन आयोजित होते हैं हमने इसी संस्था के सचिव स्वामी स्वरूपानंद जी से बात की और आज के युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद के संदेश कितने प्रासंगिक है उन्हें संक्षेप में समझने की कोशिश की


Body:स्वामी सत्य रूप आनंद ने कहां राष्ट्र और समाज के निर्माण में हर काल में स्वामी विवेकानंद के संदेश प्रासंगिक हैं खासतौर पर युवा और बाल समाज के लिए उनके संदेश प्रेरणादायक है

स्वामी विवेकानंद के युवाओं के लिए प्रमुख संदेश-

* स्वस्थ शरीर हो
स्वामी विवेकानंद युवाओं से हमेशा अपील करते थे कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है ऐसे में उनका यह संदेश आज भी बेहद प्रासंगिक है कि युवाओं को स्वस्थ शरीर के लिए नियमित रूप से व्यायाम को प्रमुखता दी है।

चरित्र

अच्छा चरित्र ही हमें अच्छा इंसान बना सकता है चाहे हम शिक्षक हो या राजनेता हमारा चरित्र ही तय करता है कि हम अपने क्षेत्र में कितने बेहतर हैं स्।वामी विवेकानंद ने युवाओं से अपने चरित्र को मजबूत रखने की अपील की है।

राष्ट्रप्रेम

स्वामी विवेकानंद का युवाओं के प्रति सबसे आम संदेश अपने राष्ट्र के प्रति प्रेम की भावना को कह सकते हैं स्वामी जी हमेशा कहा करते थे कि हम देश के किसी भी हिस्से के रहने वाले हो हमें अपनी मातृभूमि से उतना ही प्यार होना चाहिए जितना की यहां जन्मे महापुरुषों का रहा है हर नागरिक का अपने देश के प्रति दायित्व होता है आज का युवा इसे समझने लगे तो हमारा देश फिर एक बार विश्व गुरु बन सकता है।।

ईश्वर पर विश्वास

स्वामी विवेकानंद युवाओं से कहां करते थे वह किसी भी धर्म या संप्रदाय से ताल्लुक रखते हो उनका विश्वास ईश्वर के प्रति अवश्य होना चाहिए क्योंकि हम इस जन्म में अगर यह जान ले या हमें यह विश्वास हो जाए कि हम भी ईश्वर के अंश हैं तो सहज ही मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।

स्वामी विवेकानंद युवाओं और बच्चों में अपनी संस्कृति को जानने विभिन्न विषयों पर आधारित पुस्तकों का अध्ययन, विचार गोष्ठी जैसे विकल्पों में युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देते थे। कह सकते हैं आज का युवा अगर पुस्तकों से भी दोस्ती रखें तो उसका काफी भला हो सकता है।





Conclusion:वैसे तो स्वामी विवेकानंद की पूरी जीवन यात्रा अपने आप में एक संदेश है लेकिन आज के परिपेक्ष में सहज लेकिन बेहद अहम उनके संदेशों को जानने की कोशिश की।।

बाईट

स्वामी सत्यरूपानंद
सचिव विवेकानंद आश्रम रायपुर

Last Updated : Jan 12, 2020, 11:13 AM IST
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