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छठ महापर्व का समापन, प्रसाद ग्रहण कर व्रतियों तोड़ा उपवास - छठ पर्व का समापन

राजधानी रायपुर में हर साल छठ का त्योहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है, लेकिन इस साल महापर्व की रौनक कुछ कम रही. शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए लोग मास्क लगाकर घाट पर पहुंचे थे.

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छठ पर्व का समापन
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Published : Nov 21, 2020, 10:31 AM IST

Updated : Nov 21, 2020, 1:31 PM IST

रायपुर: उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो गया है. छठ के आखिरी दिन निर्जला व्रतधारियों ने महादेव घाट पर सूर्य को अर्घ्य देकर और प्रसाद ग्रहण कर व्रत समाप्त किया. छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए कुछ गाइडलाइन जारी की गई थी, जिसके दायरे में रहकर छठ का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया. कोरोना की वजह से इस बार भंडारे का आयोजन नहीं किया गया.

छठ पर्व का समापन

राजधानी में हर साल छठ का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस साल त्योहार की रौनक कुछ कम रही. शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए लोग मास्क लगाकर घाट पर पहुंचे थे. वहीं कई लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने अपने घरों में ही जलकुंड बनाकर छठ व्रत किया और भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. इस बार सरकार ने छठ से पहले ही गाइडलाइन जारी की थी. गाइडलाइन में सीमित के लोगों को ही घाट तक जाने की अनुमति थी, साथ ही सरकार ने लोगों से यह भी अपील की थी कि कोशिश करें कि वह अपने घर पर ही त्योहार मनाएं.

पढ़ें: छठ महापर्व: खरना आज, सीएम ने की गाइडलाइन का पालन करने की अपील

लोगों की गहरी आस्था

देश के अलग-अलग राज्य के विविध भागों में छठ व्रतियों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. चारों ओर महापर्व की धूम रही. लोक आस्था का महापर्व छठ भगवान भास्कर और छठी मां को समर्पित है. 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में लोगों की गहरी आस्था है. वहीं इस महापर्व के विधि-विधान से जुड़ी कई गाथाएं हैं, जिनका अलग ही महत्व है. छठ महापर्व में व्रती अपने-अपने घरों में कोसी भराई करती हैं. मान्यता है कि कोसी भरने से सालभर घरों में सुख-सौभाग्य और धन-धन्य बरकरार रहता है.

छठ पूजा के लिए जारी की गई थी गाइडलाइन

  • पूजा स्थलों पर केवल पूजा करने वाले व्यक्ति ही शामिल हो सकेंगे.
  • छठ पूजा स्थलों पर मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य.
  • समय-समय पर सैनिटाइजर का उपयोग करना अनिवार्य.
  • पूजा में किसी तरह के जुलूस, सभा, रैली, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा सकेगा.
  • छठ पूजा स्थलों में पान, गुटखा खाकर थूकना प्रतिबंधित रहेगा.
  • छठ पूजा के दौरान सुबह 6 बजे से 8 बजे तक हरित (ग्रीन) पटाखे फोड़ने की अनुमति रहेगी.
  • छठ पूजा स्थल पर बाजार, मेला, दुकान लगाने की अनुमति नहीं है.
  • छठ पूजा स्थलों में ध्वनि विस्तारक यत्रों के उपयोग करने की अनुमति नहीं है.
  • छठ पूजा स्थलों में छोटे बच्चों और बुजुर्ग को जाने की अनुमति नहीं होगी.
  • नदी, तालाब के गहरे पानी में जा कर पूजा करने की अनुमति नहीं होगी

रायपुर: उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो गया है. छठ के आखिरी दिन निर्जला व्रतधारियों ने महादेव घाट पर सूर्य को अर्घ्य देकर और प्रसाद ग्रहण कर व्रत समाप्त किया. छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए कुछ गाइडलाइन जारी की गई थी, जिसके दायरे में रहकर छठ का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया. कोरोना की वजह से इस बार भंडारे का आयोजन नहीं किया गया.

छठ पर्व का समापन

राजधानी में हर साल छठ का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस साल त्योहार की रौनक कुछ कम रही. शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए लोग मास्क लगाकर घाट पर पहुंचे थे. वहीं कई लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने अपने घरों में ही जलकुंड बनाकर छठ व्रत किया और भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया. इस बार सरकार ने छठ से पहले ही गाइडलाइन जारी की थी. गाइडलाइन में सीमित के लोगों को ही घाट तक जाने की अनुमति थी, साथ ही सरकार ने लोगों से यह भी अपील की थी कि कोशिश करें कि वह अपने घर पर ही त्योहार मनाएं.

पढ़ें: छठ महापर्व: खरना आज, सीएम ने की गाइडलाइन का पालन करने की अपील

लोगों की गहरी आस्था

देश के अलग-अलग राज्य के विविध भागों में छठ व्रतियों ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. चारों ओर महापर्व की धूम रही. लोक आस्था का महापर्व छठ भगवान भास्कर और छठी मां को समर्पित है. 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में लोगों की गहरी आस्था है. वहीं इस महापर्व के विधि-विधान से जुड़ी कई गाथाएं हैं, जिनका अलग ही महत्व है. छठ महापर्व में व्रती अपने-अपने घरों में कोसी भराई करती हैं. मान्यता है कि कोसी भरने से सालभर घरों में सुख-सौभाग्य और धन-धन्य बरकरार रहता है.

छठ पूजा के लिए जारी की गई थी गाइडलाइन

  • पूजा स्थलों पर केवल पूजा करने वाले व्यक्ति ही शामिल हो सकेंगे.
  • छठ पूजा स्थलों पर मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य.
  • समय-समय पर सैनिटाइजर का उपयोग करना अनिवार्य.
  • पूजा में किसी तरह के जुलूस, सभा, रैली, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा सकेगा.
  • छठ पूजा स्थलों में पान, गुटखा खाकर थूकना प्रतिबंधित रहेगा.
  • छठ पूजा के दौरान सुबह 6 बजे से 8 बजे तक हरित (ग्रीन) पटाखे फोड़ने की अनुमति रहेगी.
  • छठ पूजा स्थल पर बाजार, मेला, दुकान लगाने की अनुमति नहीं है.
  • छठ पूजा स्थलों में ध्वनि विस्तारक यत्रों के उपयोग करने की अनुमति नहीं है.
  • छठ पूजा स्थलों में छोटे बच्चों और बुजुर्ग को जाने की अनुमति नहीं होगी.
  • नदी, तालाब के गहरे पानी में जा कर पूजा करने की अनुमति नहीं होगी
Last Updated : Nov 21, 2020, 1:31 PM IST
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