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रायपुर डीकेएस में सबसे बड़ा बर्न यूनिट, दिवाली पर 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी सुविधाएं

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Published : Oct 22, 2022, 7:03 PM IST

Largest Burn Unit in DKS दिवाली में दीया जलाते समय और पटाखे छोड़ते वक्त हल्की सी असावधानी से त्योहार का आनंद फीका पड़ सकता है Burn Unit Alert in DKS Hospital on Diwali 2022. दिवाली में अक्सर इस तरह के हादसे सामने आ चुके हैं. ऐसे में अस्पतालों के बर्न वार्ड में किस तरह की तैयारी की गई है. आइए जानते हैं.

Largest Burn Unit in DKS hospital
डीकेएस में सबसे बड़ा बर्न यूनिट

रायपुर: Largest Burn Unit in DKS दीपावली के मौके पर आतिशबाजी को लेकर लोगों में खासा उत्साह रहता है, लेकिन पटाखा जलाते समय सावधानी भी बरतनी चाहिए, ताकि त्योहार की खुशी बरकरार रहे. दीया जलाते समय और पटाखा छोड़ते वक्त हल्की सी असावधानी से त्योहार का आनंद फीका पड़ सकता है. दिवाली में अक्सर इस तरह के हादसे सामने आ चुके हैं. ऐसे में अस्पतालों के बर्न वार्ड में किस तरह की तैयारी की गई है. आइये जानने की कोशिश करते हैं. Burn Unit Alert in DKS Hospital on Diwali 2022

रायपुर डीकेएस में सबसे बड़ा बर्न यूनिट रेडी

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध पर सियासत, बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस का पलटवार

24 घंटे डॉक्टर रहेंगे मौजूद: प्रदेश का सबसे बड़े बर्न वार्ड राजधानी रायपुर के डीकेएस अस्पताल में हैं. ऐसे में डीकेएस अपस्पताल के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. हेमंत शर्मा ने कहा कि "रायपुर की जनता के साथ प्रदेशवासियों से अपील है कि बच्चों को सावधानी पूर्वक पटाखा जलाना सीखाएं और उनके साथ मौजूद रहें. यदि किसी को भी बर्न की समस्या आती है तो डीकेएस अस्पताल में डॉक्टरों और प्लास्टिक सर्जनों के साथ ही एमसीएच स्टूडेंट्स की ड्यूटी 24 घंटे के लिए लगाई गई है. कभी भी इस तरह की घटना आई तो सर्जरी के डॉक्टर 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे. इमरजेंसी में भी ड्यूटी लगाई गई है. हालांकि इस दौरान ओपीडी बंद रहेगी, लेकिन 25 तारिख को ओपीडी खुली रहेगी.

बर्न वार्ड में 30 बेड: डॉ. हेमंत शर्मा ने बताया कि हमारे बर्न वार्ड में 30 बैड हैं. वहीं बर्न के माइनर केसेस आते हैं तो उसके लिए प्लास्टिक सर्जन के लिए 40 बैंड अलग से हैं. उन्होंने बताया कि यह प्रदेश का सबसे बड़ा बर्न का यूनिट डीकेएस अस्पताल में है. वैसे बर्न के केसेस के लिए 24 घंटे खुला रहता है, लेकिन दिवाली के लिए स्पेशल व्यवस्था की गई है. इस वार्ड में 5 सीनियर एसोसिएट प्रोफेसर और 4 एमसीएच वाले हमारे रेसिडेंट डॉक्टर हैं. इसके साथ ही 3 जूनियर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है.

अतिशबाजी करते समय बरतें सावधानी: डॉक्टरों की मानें तो पटाखे से निकलने वाली चिंगारी घातक हो सकती है. इसलिए पटाखा छोड़ते समय सावधानी बरतें. बच्चों को अपनी देखरेख में ही पटाखे छोड़ने की अनुमति दें. हर व्यक्ति को पटाखे के दुष्परिणामों को बताते हुए परिवार के सभी सदस्यों को जागरूक और सतर्क करने की जिम्मेदारी लेनी होगी.

रायपुर: Largest Burn Unit in DKS दीपावली के मौके पर आतिशबाजी को लेकर लोगों में खासा उत्साह रहता है, लेकिन पटाखा जलाते समय सावधानी भी बरतनी चाहिए, ताकि त्योहार की खुशी बरकरार रहे. दीया जलाते समय और पटाखा छोड़ते वक्त हल्की सी असावधानी से त्योहार का आनंद फीका पड़ सकता है. दिवाली में अक्सर इस तरह के हादसे सामने आ चुके हैं. ऐसे में अस्पतालों के बर्न वार्ड में किस तरह की तैयारी की गई है. आइये जानने की कोशिश करते हैं. Burn Unit Alert in DKS Hospital on Diwali 2022

रायपुर डीकेएस में सबसे बड़ा बर्न यूनिट रेडी

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24 घंटे डॉक्टर रहेंगे मौजूद: प्रदेश का सबसे बड़े बर्न वार्ड राजधानी रायपुर के डीकेएस अस्पताल में हैं. ऐसे में डीकेएस अपस्पताल के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. हेमंत शर्मा ने कहा कि "रायपुर की जनता के साथ प्रदेशवासियों से अपील है कि बच्चों को सावधानी पूर्वक पटाखा जलाना सीखाएं और उनके साथ मौजूद रहें. यदि किसी को भी बर्न की समस्या आती है तो डीकेएस अस्पताल में डॉक्टरों और प्लास्टिक सर्जनों के साथ ही एमसीएच स्टूडेंट्स की ड्यूटी 24 घंटे के लिए लगाई गई है. कभी भी इस तरह की घटना आई तो सर्जरी के डॉक्टर 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे. इमरजेंसी में भी ड्यूटी लगाई गई है. हालांकि इस दौरान ओपीडी बंद रहेगी, लेकिन 25 तारिख को ओपीडी खुली रहेगी.

बर्न वार्ड में 30 बेड: डॉ. हेमंत शर्मा ने बताया कि हमारे बर्न वार्ड में 30 बैड हैं. वहीं बर्न के माइनर केसेस आते हैं तो उसके लिए प्लास्टिक सर्जन के लिए 40 बैंड अलग से हैं. उन्होंने बताया कि यह प्रदेश का सबसे बड़ा बर्न का यूनिट डीकेएस अस्पताल में है. वैसे बर्न के केसेस के लिए 24 घंटे खुला रहता है, लेकिन दिवाली के लिए स्पेशल व्यवस्था की गई है. इस वार्ड में 5 सीनियर एसोसिएट प्रोफेसर और 4 एमसीएच वाले हमारे रेसिडेंट डॉक्टर हैं. इसके साथ ही 3 जूनियर डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है.

अतिशबाजी करते समय बरतें सावधानी: डॉक्टरों की मानें तो पटाखे से निकलने वाली चिंगारी घातक हो सकती है. इसलिए पटाखा छोड़ते समय सावधानी बरतें. बच्चों को अपनी देखरेख में ही पटाखे छोड़ने की अनुमति दें. हर व्यक्ति को पटाखे के दुष्परिणामों को बताते हुए परिवार के सभी सदस्यों को जागरूक और सतर्क करने की जिम्मेदारी लेनी होगी.

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