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आदिवासी आंदोलन का लखमा ने किया समर्थन, अडानी को दिया ठेका रद्द करने की मांग

नंदराज पर्वत में होने वाले खनन का विरोध करते हुए आदिवासी समाज बड़े आंदोलन की शुरुआत कर दी है. दंतेवाड़ा के किरंदुल में 200 गांव के आदिवासी समाज के लोग NMDC का घेराव करने पहुंच चुके हैं और किसी भी कर्मचारी को खदान के अंदर घुसने नहीं दिया गया है.

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Published : Jun 7, 2019, 3:25 PM IST

आदिवासी आंदोलन का कवासी लखमा ने किया समर्थन

रायपुर: नंदराज पर्वत में होने वाले खनन का विरोध करते हुए आदिवासी समाज ने बड़े आंदोलन की शुरुआत कर दी है. दंतेवाड़ा के किरंदुल में 200 गांव के आदिवासी समाज के लोग NMDC का घेराव करने पहुंच चुके हैं और किसी भी कर्मचारी को खदान के अंदर घुसने नहीं दिया गया है. आदिवासियों ने चेक पोस्ट को घेर लिया है और NMDC में काम पूरी तरह ठप है. आदिवासियों के इस आंदोलन की उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने भी समर्थन दे दिया है.

आदिवासी आंदोलन का कवासी लखमा ने किया समर्थन

लखमा ने कहा कि इस खदान को अडानी को दिए जाने का सबसे पहले विरोध उनके द्वारा ही किया गया था. उन्होंने केंद्र सरकार से अडानी को दिए गई खदान का ठेका रद्द करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि वे खुद इस आंदोलन में शामिल होने जाने वाले थे लेकिन हेलीकॉप्टर की व्यवस्था न होने के कारण वे आंदोलन में शामिल नहीं हो सके.

बता दें की एनएमडीसी गेट के सामने चल रहे आंदोलन में हजारों की संख्या में आदिवासी मौजूद हैं. आदिवासी इस पहाड़ी को अपना इष्ट देव मानते हैं. लिहाजा उसे बचाने के लिए ये आदिवासी यहां एकत्र हुए हैं. उनकी मांग है कि अडानी को दिया गया है ठेका रद्द किया जाए.

रायपुर: नंदराज पर्वत में होने वाले खनन का विरोध करते हुए आदिवासी समाज ने बड़े आंदोलन की शुरुआत कर दी है. दंतेवाड़ा के किरंदुल में 200 गांव के आदिवासी समाज के लोग NMDC का घेराव करने पहुंच चुके हैं और किसी भी कर्मचारी को खदान के अंदर घुसने नहीं दिया गया है. आदिवासियों ने चेक पोस्ट को घेर लिया है और NMDC में काम पूरी तरह ठप है. आदिवासियों के इस आंदोलन की उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने भी समर्थन दे दिया है.

आदिवासी आंदोलन का कवासी लखमा ने किया समर्थन

लखमा ने कहा कि इस खदान को अडानी को दिए जाने का सबसे पहले विरोध उनके द्वारा ही किया गया था. उन्होंने केंद्र सरकार से अडानी को दिए गई खदान का ठेका रद्द करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि वे खुद इस आंदोलन में शामिल होने जाने वाले थे लेकिन हेलीकॉप्टर की व्यवस्था न होने के कारण वे आंदोलन में शामिल नहीं हो सके.

बता दें की एनएमडीसी गेट के सामने चल रहे आंदोलन में हजारों की संख्या में आदिवासी मौजूद हैं. आदिवासी इस पहाड़ी को अपना इष्ट देव मानते हैं. लिहाजा उसे बचाने के लिए ये आदिवासी यहां एकत्र हुए हैं. उनकी मांग है कि अडानी को दिया गया है ठेका रद्द किया जाए.

Intro:लखमा आदिवासी घेराव

रायपुर। अडानी को बैलाडीला की खदान नंबर 13 देने के विरोध में आदिवासियों के द्वारा आज आंदोलन किया जा रहा है आदिवासियों के इस आंदोलन की उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने भी समर्थन दे दिया है.

लखमा ने कहा कि इस खदान को अडानी को दिए जाने का सबसे पहले विरोध उनके द्वारा ही किया गया था। उन्होंने केंद्र सरकार से अडानी को दी गई खदान का ठेका रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे खुद इस आंदोलन में शामिल होने जे लिए जाने वाले थे लेकिन हेलीकॉप्टर की व्यवस्था ना होने के कारण वे आंदोलन में शामिल नहीं हो सके।
बाइट कवासी लखमा, उद्योग मंत्री

बतादे की एनएमडीसी गेट के सामने चल रहे आंदोलन में 20 हजार से ज्यादा आदिवासी मौजूद हैं. आदिवासी इस पहाड़ी को अपना इष्ट देव मानते हैं. और वे इसे बचाने के लिए ये आदिवासी यहां एकत्र हुए हैं उनकी मांग है कि अदानी को दिया गया है ठेका रद्द किया जाए

नॉट बाइट और विजुअल एफटीपी किया गया है
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