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पंचायत कार्यों में लाखों का घोटाला, ग्रामसभा के जरिए हुआ खुलासा

ग्रामीणों ने लाखों के भ्रषटाचार का खुलासा किया है. बताया गया कि पदाधिकरियों ने मनरेगा में फर्जी मस्टररोल, ओडीएफ, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और तालाब निर्माण कार्यों में भारी घपला किया है.

पंचायत के कार्यों में लाखों का घोटाला
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Published : Nov 2, 2019, 8:29 PM IST

आरंग: मोखला गांव के ग्राम पंचायत में ग्रामीणों ने लाखों के भ्रष्टाचार का खुलासा किया है. ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत और पंचायत विभाग से सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेज निकाल कर रायपुर कलेक्टर से जांच कर्रवाई फिर जाकर घोटाले का खुलासा हुआ. बताया गया कि पदाधिकरियों ने मनरेगा में फर्जी मस्टररोल, ओडीएफ, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और तालाब निर्माण कार्यों में घपला किया है.

पंचायत के कार्यों में लाखों का घोटाला

संचालनालय पंचायत ने गांव में जांच के लिए 4 सदस्यीय जांच टीम भेजी थी. पूरे मामले की 5 दिनों तक जांच हुई. इसके लिए जांचदल ने विशेष ग्रामसभा का आयोजन किया. जिसमें ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कई योजनाओं में सरपंच सेवाराम जांगड़े, उपसरपंच त्रिलोकी चंद्राकर, तात्कालीन सचिव शिवकुमार बंजारे, पंच दशरथ चंद्राकर ने मिलीभगत कर घपला किया. ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि सचिव,सरपंच सचिव और उपसरपंच ने मनरेगा कार्यों, ओडीएफ, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और तालाब निर्माण में फर्जी मस्टररोल बनाकर भ्रष्टाचार किया.

24 लाख का हुआ घोटाला
ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय निर्माण में लगभग 49 लाख की राशि निकाली गई थी, लेकिन लगभग 25 लाख रूपए ही वितरित किए गए और बाकी राशि को फर्जी हितग्राहियों के नाम पर एंट्री करके अधिकारी चुप बैठ गए.

कई मजदूर नहीं गए काम पर
ग्रा​मीणों ने ये भी बताया कि मनरेगा कार्य में मस्टररोल में उपसरपंच त्रिलोकी चंद्राकर, देवश्री चंद्राकर, संतोष पुरेना, पोषण पुरेना, धनेश साहू जैसे 25 लागों का नाम चढ़ाकर लगभग 1 लाख 40 हजार रूपए भुगतान किया गया है, जो कभी काम में गए ही नहीं, इसके अलावा एक मजदूर दीपिका चंद्राकर है जिसका पति इनकम टैक्स भरता है.

आंकड़ों में हुआ फेरबदल
ग्रामसभा में लागों ने कहा कि सूचना के अधिकार से मिले दस्तावेज में भारी कूटरचना कर राशि निकालने की जानकारी मिली थी. एक ही मद के व्यय जानकारी में दस्तावेजों में छेड़-छाड़ कर आंकड़ों को बदल दिया गया.

कानूनी कार्रवाई की हुई मांग
इस दौरान ग्रामीणों ने प्रशासन से दोषी पंचायत पदाधिकारियों के खिलाफ वसूली और कानूनी कार्रवाई की मांग की है. सोशल ऑडिट के दौरान जांच अधिकारी योगेश्वर निर्मलकर ने बताया कि जांच में लाखों की गड़​बड़ियां मिली है. उन्होंने बताया कि मनरेगा में फर्जी नामों से राशि का ट्रांसफर किया गया.

इसके आलावा आंगनबाड़ी और ग्राम के बंधवा तालाब निर्माण के सामग्री बिल में ही 8 लाख रूपए से ज्यादा की गड़बड़ी हुई है. मामले में पूरी जांच के बाद रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दिया जाएगा.

आरंग: मोखला गांव के ग्राम पंचायत में ग्रामीणों ने लाखों के भ्रष्टाचार का खुलासा किया है. ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत और पंचायत विभाग से सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेज निकाल कर रायपुर कलेक्टर से जांच कर्रवाई फिर जाकर घोटाले का खुलासा हुआ. बताया गया कि पदाधिकरियों ने मनरेगा में फर्जी मस्टररोल, ओडीएफ, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और तालाब निर्माण कार्यों में घपला किया है.

पंचायत के कार्यों में लाखों का घोटाला

संचालनालय पंचायत ने गांव में जांच के लिए 4 सदस्यीय जांच टीम भेजी थी. पूरे मामले की 5 दिनों तक जांच हुई. इसके लिए जांचदल ने विशेष ग्रामसभा का आयोजन किया. जिसमें ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कई योजनाओं में सरपंच सेवाराम जांगड़े, उपसरपंच त्रिलोकी चंद्राकर, तात्कालीन सचिव शिवकुमार बंजारे, पंच दशरथ चंद्राकर ने मिलीभगत कर घपला किया. ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि सचिव,सरपंच सचिव और उपसरपंच ने मनरेगा कार्यों, ओडीएफ, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और तालाब निर्माण में फर्जी मस्टररोल बनाकर भ्रष्टाचार किया.

24 लाख का हुआ घोटाला
ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय निर्माण में लगभग 49 लाख की राशि निकाली गई थी, लेकिन लगभग 25 लाख रूपए ही वितरित किए गए और बाकी राशि को फर्जी हितग्राहियों के नाम पर एंट्री करके अधिकारी चुप बैठ गए.

कई मजदूर नहीं गए काम पर
ग्रा​मीणों ने ये भी बताया कि मनरेगा कार्य में मस्टररोल में उपसरपंच त्रिलोकी चंद्राकर, देवश्री चंद्राकर, संतोष पुरेना, पोषण पुरेना, धनेश साहू जैसे 25 लागों का नाम चढ़ाकर लगभग 1 लाख 40 हजार रूपए भुगतान किया गया है, जो कभी काम में गए ही नहीं, इसके अलावा एक मजदूर दीपिका चंद्राकर है जिसका पति इनकम टैक्स भरता है.

आंकड़ों में हुआ फेरबदल
ग्रामसभा में लागों ने कहा कि सूचना के अधिकार से मिले दस्तावेज में भारी कूटरचना कर राशि निकालने की जानकारी मिली थी. एक ही मद के व्यय जानकारी में दस्तावेजों में छेड़-छाड़ कर आंकड़ों को बदल दिया गया.

कानूनी कार्रवाई की हुई मांग
इस दौरान ग्रामीणों ने प्रशासन से दोषी पंचायत पदाधिकारियों के खिलाफ वसूली और कानूनी कार्रवाई की मांग की है. सोशल ऑडिट के दौरान जांच अधिकारी योगेश्वर निर्मलकर ने बताया कि जांच में लाखों की गड़​बड़ियां मिली है. उन्होंने बताया कि मनरेगा में फर्जी नामों से राशि का ट्रांसफर किया गया.

इसके आलावा आंगनबाड़ी और ग्राम के बंधवा तालाब निर्माण के सामग्री बिल में ही 8 लाख रूपए से ज्यादा की गड़बड़ी हुई है. मामले में पूरी जांच के बाद रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दिया जाएगा.

Intro:स्लग--पंचायत के कार्यों में लाखों का भ्रष्टाचार, ग्रामीणों द्वारा विशेष ग्रामसभा में सोशल आॅडिट में खुलासा।

एंकर- आरंग विकासखंड के ग्राम मोखला में ग्राम पंचायत द्वारा किए गए कार्यों के अलावा मनरेगा और ग्रामीणों के शौचालय ​योजना में लाखों के भ्रषटाचार का खुलासा हुआ है। ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत और पंचायत विभाग से सूचना के अधिकार के तहत दस्तावेज प्राप्त करके कार्यों में भारी वित्तीय अनियमिता और गड़बड़ियों पता लगाकर रायपुर कलेक्टर से जांचकर करने की मांग की थी। जिसके बाद संचालनालय पंचायत ने गांव में हुए कार्यों के जांच के लिए 4 सदस्यीय जांचदल भेजा था। 5 दिनों के जांच के बाद जांचदल ने विशेष ग्रामसभा आयोजित करके पंचायत द्वारा किए गए कार्यों का सोशल आडिट किया, जिसमें ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कई योजनाओं में सरपंच सेवाराम जांगड़े, उपसरपंच त्रिलोकी चंद्राकर, तात्कालीन सचिव शिवकुमार बंजारे, पंच दशरथ चंद्राकर सहित अन्य पदाधिकरियों ने मनरेगा कार्यों में फर्जी मस्टररोल, ओडीएफ, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और तालाब निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार किया है। ग्रामीणोंं ने बताया कि शौचालय निर्माण में लगभग 49 लाख्आहरण कर लिया गया जिसमें लगभग 25 लाख रूपए ही वितरित किया गया और बाकी राशि को फर्जी हितग्राहियों के नामों की एंट्री करके डकार लिया गया। ग्रा​मीणों ने ये भी बताया कि मनरेगा कार्य में मस्टररोल में उपसरपंच त्रिलोकी चंद्राकर, देवश्री चंद्राकर, संतोष पुरेना, पोषण पुरेना, धनेश साहू जैसे 25 लागों का नाम चढ़ाकर लगभग 1 लाख् 40 हजार रूपए भुगतान किया गया है जो कभी काम में गए ही नही, इसके अलावा एक मजदूर दीपिका चंद्राकर है जिसके पति इंकम टैक्स भरते हैं। ग्रामसभा में लागों ने कहा कि सुचना के अधिकार से मिले दस्तावेज में भारी कुटरचना कर राशि् आहरण की जानकारी मिला है, वही ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत से निकाली गई एक ही मद के व्यय जानकारी में दस्तावेजों में कुटरचना करके आंकड़ों को बदल दिया गया है। सभा में लोगों में भारी आक्रोश था। इस दौरान लोगों ने कहा कि भ्रष्ट प्रतिनिधियों के किए घोटाले के कारण सही हितग्राहियों को योजनाओं का लाभ नही मिल रहा है। इस दौरान ग्रामीणों ने प्रशासन से दोषी पंचायत पदाधिकारियों के खिलाफ वसुली और कानुनी कार्रवाई की मांग की है। सोशल आडिट के दौरान जांच अधिकारी योगेश्वर निर्मलकर ने बताया कि जांच में लाखों की गड़​बड़ियां मिली है। उन्होने बताया कि मनरेगा में फर्जी नामों से राशि आहरण, ओडिएफ में हितग्राहियों भुगतान ​नही होना बल्कि राशि का फर्जी नामों से आहरण, इसके आलावा आंगनबाड़ी और ग्राम के बंधवा तालाब निर्माण के सामग्री बिल में ही 8 लाख रूपए से ज्यादा की गड़बड़ी हुई है। इसके अलावा और भी गड़बड़ी है जिसमें आंकड़ो का विश्लेषण किया जा रहा है। पूरी जांच के बाद रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौप दिया जाएगा। बाइट 01 लखन ग्रामीण बाइट 02 ग्रामीण बाइट 03 बिसाहू चंद्राकर शिकायकर्ता ग्रामीण बाइट 04 योगेश्वर निर्मलकर जांच अधिकारीBody:.Conclusion:.
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