रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर का पंडरी स्थित बस स्टैंड प्रदेश के सबसे व्यस्ततम बस स्टैंड में से एक है. छत्तीसगढ़ के दूसरे जिलों के लिए ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के लिए भी बस सेवाएं संचालित होती हैं. यही वजह कि यहां पर यात्रियों का दबाव कहीं ज्यादा होता है. लेकिन बस स्टैंड में सुविधाओं की बेहद कमी है और अव्यवस्थाओं का अंबार है.
पंडरी बस स्टैंड पर यात्रियों की सुरक्षा कहीं ना कहीं प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है. यहां से रोजाना यात्रा करने वाले हजारों यात्रियों की सुरक्षा को लेकर प्रशासनिक स्तर पर कई इंतजाम किए जाने के दावे किए गए हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है.
CCTV की व्यवस्था
बसस्टैंड में करीब एक दर्जन से ज्यादा CCTV लगाए गए हैं, जिसमें यहां दिन-रात होने वाली गतिविधियां कैद रहती हैं. इसका कंट्रोल पुलिस विभाग के पास है. सीसीटीवी में बसस्टैंड और उसके आसपास होने वाली हर गतिविधि कैद होने का दावा पुलिस विभाग की ओर से किया जाता है. वर्तमान में कैमरे चालू स्थिति में हैं.
बसस्टैंड परिसर में एक यातायात पुलिस चौकी भी है. जिसका काम बसस्टैंड और उसके आसपास की यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करना है, लेकिन चौकी होने के बाद भी चौकी के सामने ही जाम लग जाता है. कई बसें अव्यवस्थित रूप से खड़ी रहती हैं. जिसके चलते यहां कई बार लंबा जाम लग जाता है. ऐसे में चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों के लिए बड़ी चुनौती व्यवस्थाओं को संभालने में रहती है. कई बार तो पुलिसकर्मी चौकी पर नहीं रहते, जिसके चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
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बैठने की उचित व्यवस्था का अभाव
रायपुर के पंडरी स्थित बस स्टैंड में ज्यादातर बसें अंदर बस स्टैंड तक ही नहीं जाती है. यह बसें परिसर के मेन गेट पर ही खड़ी रहती हैं और वहां से ही यात्रियों को बैठाकर अपने गंतव्य के लिए रवाना हो जाती हैं. ऐसे में बाहर सड़क पर भी जाम लगने की स्थिति बन जाती है. इन बसों के इंतजार में खड़े यात्रियों की बैठने की व्यवस्था प्रशासन की ओर से नहीं की गई है. यहां यात्री या तो जमीन पर बैठकर बसों का इंतजार करते हैं या फिर खड़े होकर अपनी आने वाली बसों को टकटकी लगाए देखते रहते हैं.
बस स्टैंड काफी बड़े परिसर में बना हुआ है, लेकिन यहां मूलभूत सुविधाओं की कमी है. शौचालय की व्यवस्था मात्र बस स्टैंड के मुख्य बिल्डिंग में की गई है. इसके अलावा अन्य किसी जगह पर भी शौचालय का इंतजाम नहीं है. जिसके चलते यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
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सुरक्षा पर भी ध्यान नहीं
सुरक्षा के नाम पर बस स्टैंड पर ना तो पुलिस के जवान तैनात रहते हैं और ना ही कोई महिला पुलिसकर्मी, हालांकि कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो बस स्टैंड में कोई बड़ी आपराधिक घटना नहीं हुई है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि पुलिस विभाग बस स्टैंड की सुरक्षा को लेकर किसी तरह की रियायत बरतें. क्योंकि हादसे और घटनाएं कभी बताकर नहीं आते हैं. ऐसे में इन जगहों पर पुलिस बल की तैनाती, सुरक्षा के अन्य इंतजाम किए जाने चाहिए. हालांकि पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि यहां पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं.
गृहमंत्री ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर किया आश्वस्त
प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू का भी दावा है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित पंडरी बस स्टैंड में सुरक्षा के पर्याप्त व्यवस्था किए गए हैं. पुलिस बल की तैनाती को लेकर गृहमंत्री ने कहा कि वे पता करेंगे कि यहां पर बीट व्यवस्था की गई है या फिर किसी अन्य तरीके से सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. हालांकि गृहमंत्री ने आश्वस्त किया है कि यात्रियों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है.
अव्यवस्थित बसों का संचालन, जाम की स्थिति समेत अन्य तरह की परेशानियों का सामना यात्रियों को आए दिन करना पड़ता है. हालांकि शहर के बीचों-बीच बस स्टैंड होने के चलते यहां बदइंतजामी का आलम है, लेकिन जल्द ही इस समस्या से निजात दिलाने के लिए इस बसस्टैंड को नई जगह शिफ्ट करने की योजना है.
भाठागांव स्थित नया अंतरराज्यीय बस टर्निमल दो साल से ज्यादा समय से बनकर तैयार है, लेकिन जमीन विवाद की वजह से अबतक इसे शुरू नहीं किया सका है. इस बसस्टैंड के शुरू किए जाने के बाद राजधानी के बीचों-बीच स्थित बसस्टैंड में यात्रियों सहित राहगीरों को राहत मिल सकेगी. लेकिन जबतक यह बसस्टैंड शुरू नहीं होता है. तबतक लोगों को इसी तरह परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.