ETV Bharat / state

SPECIAL: कोरोना ने घटाया आश्रमों में आने वाला डोनेशन, दानदाताओं में आई कमी

कोरोना संकट काल के दौरान करीब-करीब सभी वर्ग प्रभावित हुए हैं. वहीं वृद्धाश्रम और बाल आश्रमों पर भी कोरोना का असर देखने को मिल रहा है. इस बीच दानदाताओं में काफी कमी देखने को मिली है.

author img

By

Published : Oct 3, 2020, 9:57 PM IST

Updated : Oct 3, 2020, 11:41 PM IST

Lack of donations in Corona era
कोरोना काल में डोनेशन में आई कमी

रायपुर: कोरोना संक्रमण के चलते सभी सेक्टर प्रभावित हुए हैं. इन सब के कारण आश्रमों को दान देनेवालों में कमी आई है. कई दानदाता ऐसे हैं जो समय-समय पर आश्रमों को डोनेशन देते थे. लेकिन कोरोना संकट की वजह से इन आश्रमों को मिलने वाले दान में कमी आई है. जिसका असर ऐसे आश्रमों के संचालन पर पड़ रहा है. हालांकि जो समिति आश्रमों का संचालन करती है वह समिति अपने स्तर पर आश्रम को अच्छे से संचालित कर रही है.

कोरोना काल में डोनेशन में आई कमी

शहर में करीब 30 आश्रम हैं. उनमें से कुछ शासकीय तो कुछ अशासकीय आश्रम हैं. एनजीओ (NGO) और समिति की ओर से इन आश्रमों का संचालन किया जाता है. हालांकि कुछ समितियां अपने स्तर पर आश्रमों को संचालित कर रही है. लेकिन आश्रम को संचालित करने के लिए डोनेशन भी जरुरी होता है. लॉकडाउन के दौरान काफी लोगों के बिजनेस बंद हुए हैं. इस वजह से समितियों का कहना है कि आश्रमों में भी इसका असर देखने को मिला है.

ऑनलाइन दिया जाता है डोनेशन

वृद्ध आश्रम संचालक सुनील कुमार क्षत्राणी ने बताया कि पहले बहुत लोग आश्रम आते थे और सामग्री के रूप में या पैसे के रूप में आश्रम को सहयोग करते थे. लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोगों को आश्रम आने से मना कर दिया गया है. इस वजह से लोग आश्रम नहीं आ पा रहे हैं. जिनको आश्रम में कुछ डोनेट करना होता है वह ऑनलाइन ही डोनेशन भेजते हैं. आश्रम में बुजुर्गों के लिए भी व्यवस्था की गई है. उनके खाने-पीने को लेकर किसी तरह की कोई समस्या नहीं आई है. इसके साथ ही बुजुर्गों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए भी एक डॉक्टर आश्रमों में आते रहते हैं.

SPECIAL: ट्रेन नहीं चलने का साइड इफेक्ट, होटल-रेस्टोरेंट पर लगा ताला, कई घरों के बुझे चूल्हे

बच्चों से मिलने पर रोक

बाल आश्रम ऑफिस इंचार्ज राम कुमारी दीवान ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान डोनेशन पर फर्क जरूर पड़ा है. लेकिन आश्रम में बच्चों की देखभाल अच्छे तरीके से की जा रही है. फर्क सिर्फ इतना ही पड़ा है कि पहले जो लोग डोनेशन के लिए आते थे वह बच्चों से मिलते थे. इससे उन्हें भी संतुष्टि रहती थी कि जो हम डोनेट कर रहे हैं वह बच्चों को मिल रहा है. लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए सेफ्टी के चलते हमने बच्चों से मिलने पर रोक लगा दी है. ऑफिस इंचार्ज ने बताया कि यहां के कर्मचारी भी पूरी सावधानी के साथ अपना काम करते हैं. बिना सैनिटाइजर और मास्क के किसी को भी आश्रम में आने नहीं दिया जाता है.

आश्रम की स्थिति मजबूत: अजय तिवारी

बाल आश्रम संचालक अजय तिवारी ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से जो लोग सहयोग राशि या डोनेशन देते थे वह अब नहीं के बराबर है. लेकिन इसके बाद भी बाल आश्रम की स्थिति इतनी मजबूत है कि लगभग 150 बच्चों के रहने खाने-पीने की पूरी व्यवस्था बाल आश्रम कर रहा है. साथ ही 30 कर्मचारी जो इस पूरी व्यवस्था को संभालने में लगे हुए हैं, उनको भी पूरा पेमेंट किया जा रहा है. अजय तिवारी ने बताया, कि बाल आश्रम की स्थिति इतनी मजबूत है कि दूसरे अच्छे कार्यों के लिए भी डोनेशन दिया जाता है.

बाल आश्रमों में बरती जा रही सावधानी

अजय तिवारी ने बताया कि बाल आश्रमों में सुरक्षा के भी पूरे इंतजाम किए गए हैं. बच्चों को सैनिटाइजर दिया गया है. मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा पालन किया जा रहा है. जो कर्मचारी बच्चों को संभालते हैं, वह भी बच्चों को संभालते वक्त पूरी सावधानी बरत रहे हैं. फिलहाल अब तक इन आश्रमों से एक भी कोरोना पेशेंट नहीं आए हैं. जो कि एक बहुत अच्छी बात है.

रायपुर: कोरोना संक्रमण के चलते सभी सेक्टर प्रभावित हुए हैं. इन सब के कारण आश्रमों को दान देनेवालों में कमी आई है. कई दानदाता ऐसे हैं जो समय-समय पर आश्रमों को डोनेशन देते थे. लेकिन कोरोना संकट की वजह से इन आश्रमों को मिलने वाले दान में कमी आई है. जिसका असर ऐसे आश्रमों के संचालन पर पड़ रहा है. हालांकि जो समिति आश्रमों का संचालन करती है वह समिति अपने स्तर पर आश्रम को अच्छे से संचालित कर रही है.

कोरोना काल में डोनेशन में आई कमी

शहर में करीब 30 आश्रम हैं. उनमें से कुछ शासकीय तो कुछ अशासकीय आश्रम हैं. एनजीओ (NGO) और समिति की ओर से इन आश्रमों का संचालन किया जाता है. हालांकि कुछ समितियां अपने स्तर पर आश्रमों को संचालित कर रही है. लेकिन आश्रम को संचालित करने के लिए डोनेशन भी जरुरी होता है. लॉकडाउन के दौरान काफी लोगों के बिजनेस बंद हुए हैं. इस वजह से समितियों का कहना है कि आश्रमों में भी इसका असर देखने को मिला है.

ऑनलाइन दिया जाता है डोनेशन

वृद्ध आश्रम संचालक सुनील कुमार क्षत्राणी ने बताया कि पहले बहुत लोग आश्रम आते थे और सामग्री के रूप में या पैसे के रूप में आश्रम को सहयोग करते थे. लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लोगों को आश्रम आने से मना कर दिया गया है. इस वजह से लोग आश्रम नहीं आ पा रहे हैं. जिनको आश्रम में कुछ डोनेट करना होता है वह ऑनलाइन ही डोनेशन भेजते हैं. आश्रम में बुजुर्गों के लिए भी व्यवस्था की गई है. उनके खाने-पीने को लेकर किसी तरह की कोई समस्या नहीं आई है. इसके साथ ही बुजुर्गों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए भी एक डॉक्टर आश्रमों में आते रहते हैं.

SPECIAL: ट्रेन नहीं चलने का साइड इफेक्ट, होटल-रेस्टोरेंट पर लगा ताला, कई घरों के बुझे चूल्हे

बच्चों से मिलने पर रोक

बाल आश्रम ऑफिस इंचार्ज राम कुमारी दीवान ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान डोनेशन पर फर्क जरूर पड़ा है. लेकिन आश्रम में बच्चों की देखभाल अच्छे तरीके से की जा रही है. फर्क सिर्फ इतना ही पड़ा है कि पहले जो लोग डोनेशन के लिए आते थे वह बच्चों से मिलते थे. इससे उन्हें भी संतुष्टि रहती थी कि जो हम डोनेट कर रहे हैं वह बच्चों को मिल रहा है. लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए सेफ्टी के चलते हमने बच्चों से मिलने पर रोक लगा दी है. ऑफिस इंचार्ज ने बताया कि यहां के कर्मचारी भी पूरी सावधानी के साथ अपना काम करते हैं. बिना सैनिटाइजर और मास्क के किसी को भी आश्रम में आने नहीं दिया जाता है.

आश्रम की स्थिति मजबूत: अजय तिवारी

बाल आश्रम संचालक अजय तिवारी ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से जो लोग सहयोग राशि या डोनेशन देते थे वह अब नहीं के बराबर है. लेकिन इसके बाद भी बाल आश्रम की स्थिति इतनी मजबूत है कि लगभग 150 बच्चों के रहने खाने-पीने की पूरी व्यवस्था बाल आश्रम कर रहा है. साथ ही 30 कर्मचारी जो इस पूरी व्यवस्था को संभालने में लगे हुए हैं, उनको भी पूरा पेमेंट किया जा रहा है. अजय तिवारी ने बताया, कि बाल आश्रम की स्थिति इतनी मजबूत है कि दूसरे अच्छे कार्यों के लिए भी डोनेशन दिया जाता है.

बाल आश्रमों में बरती जा रही सावधानी

अजय तिवारी ने बताया कि बाल आश्रमों में सुरक्षा के भी पूरे इंतजाम किए गए हैं. बच्चों को सैनिटाइजर दिया गया है. मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा पालन किया जा रहा है. जो कर्मचारी बच्चों को संभालते हैं, वह भी बच्चों को संभालते वक्त पूरी सावधानी बरत रहे हैं. फिलहाल अब तक इन आश्रमों से एक भी कोरोना पेशेंट नहीं आए हैं. जो कि एक बहुत अच्छी बात है.

Last Updated : Oct 3, 2020, 11:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.