रायपुर: हर साल 1 मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारत में इस दिन कामगारों के सम्मान में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सार्वजनिक अवकाश घोषित रहता है. आज मजदूर दिवस के अवसर पर रायपुर में महिला और पुरुष कामगारों की मेहनत को देखते हुए सम्मानित भी किया जाता है.
बताया जाता है कि 1 मई 1886 को अमेरिका में हजारों मजदूर एकत्र होकर 15 घंटे काम कराने के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद किए थे. यह अमेरिका में औद्योगिकरण का भी दौर था. जहां मजदूरों का अमीर शोषण किया करते थे. 1 मई की इस मजदूर क्रांति के बाद हर साल 1 मई को मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. इसी क्रम में राजधानी रायपुर के भगत सिंह चौक पर 'मजदूर अमर रहें' के नारे लगाए गए, साथ ही लॉकडाउन के पालन के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखा गया.
प्रधानमंत्री के नाम मजदूर संघ की चिट्ठी
इस दौरान कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने कहा कि हिंदुस्तान के कई राज्यों में मजदूर फंसे हुए. इसके लिए उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर छत्तीसगढ़ के सभी मजदूरों को वापस लाने के लिए स्पेशल ट्रेन की मांग की है, जिससे छत्तीसगढ़ के मजदूर अपने घर वापस आ सकें और अपने परिवार से सकुशल मिल सकें.