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Kundli matching for marriage: शादी के लिए कुंडली मिलान जरूरी नहीं, ऐसे हो सकता है विवाह - कुंडली मिलान

Kundli Milan: वैदिक पद्धति से विवाह के लिए गुणों का मिलान किया जाता है. लेकिन 32 गुण मिलने के बाद भी वैवाहिक जीवन सुखी नहीं रह पाता है. यदि वित्तीय स्थिति यानी वर वधू की स्थिति अच्छी है तो जीवन चल जाता है. अगर शारीरिक रूप से वे स्वस्थ हैं, तो ऐसी स्थिति में जीवन और अच्छा चल जाता है. यानी फिजिकल फिटनेस और फाइनेंस अगर दोनों चीजें अच्छी है, तो जीवन चल जाता है और तलाक की नौबत नहीं आती. इसके बाद सातवां भाव देखा जाना चाहिए.

Horoscope for Marriage
गोचर में ग्रहों की स्थिति का विवाह में पड़ता है प्रभाव
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Published : Feb 2, 2023, 6:24 PM IST

Updated : Feb 4, 2023, 10:13 AM IST

गोचर में ग्रहों की स्थिति का विवाह में पड़ता है प्रभाव

रायपुर: ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि "विवाह करने के लिए दांपत्य सुख देखा जाता है. अगर दांपत्य सुख भाव में यानी सातवें भाव में शुभ ग्रहों की दृष्टि है जैसे गुरु, शुक्र, चंद्र तो जीवन अच्छा चलता है. दांपत्य सुख मिलता है. भले ही गुण मिलान हो या ना हो और अंतिम में जीवन (आयु) देखा जाता है कि जातक की आयु कितनी है. लेकिन इसको देखने की मनाही है. किसी को उसकी वास्तविक आयु नहीं बताई जानी चाहिए.''

"सातवें भाव पर किसी क्रूर ग्रह का या पाप ग्रह का प्रभाव नहीं": ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर ने आगे बताया कि " वास्तविक आयु नहीं बताना चाहिए बल्कि संकेत के माध्यम से कहना चाहिए कि गुण मिलान नहीं हो रहा है. जीवन सुखमय नहीं रहेगा. हो सकता है वर या वधू में कोई एक पक्ष छोड़कर चला जाए. वित्तीय स्थिति, फिजिकल फिटनेस, दांपत्य सुख और आयु चारों चीजें उत्तम है. सातवें भाव पर किसी क्रूर ग्रह का या पाप ग्रह का प्रभाव नहीं है तो जीवन अत्यंत सुख में होगा, अन्यथा कहीं ना कहीं कोई ना कोई कुछ ना कुछ विवाद होगा ही.संबंधित ग्रहों की दशा अंतर्दशा पर या गोचर में ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करेगा. ऐसे में ग्रहों की शांति के लिए उपाय या निदान कर लेना चाहिए."

Horoscope for Marriage
गोचर में ग्रहों की स्थिति का विवाह में पड़ता है प्रभाव
गोचर में ग्रहों की स्थिति का पड़ता है प्रभाव: ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉ. महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि "जहां तक गुण मिलान का सवाल है तो आजकल बच्चे मैच्योर हो चुके हैं. उनकी शादी 21 से 30 वर्ष के बीच सामान्यतया हो रही है. वह पढ़े लिखे हैं और उनमें भी समझदारी है. ऐसी स्थिति में गुण मिलान का महत्व नहीं रह जाता. आपस में सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाते हैं तो तलाक की स्थिति आ जाती है."

यह भी पढ़ें: Chhattisgarh Weather Update छत्तीसगढ़ में फिर बढ़ने लगी ठंड, महासमुंद में न्यूनतम तापमान 11.9 डिग्री

सनातन संस्कृति को विकसित नहीं होने दिया गया: ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर ने आगे बताया कि "एक कारण यह भी है कि हमारी सनातन संस्कृति को बदनाम किया गया. विकसित नहीं होने दिया गया. उसका अध्ययन अध्यापन बंद रहा है. व्यक्ति की व्यक्तित्व की महानता और उनके सद्गुण परोपकार सद्भावना के गुण विकसित नहीं हो पाए. समर्पण नहीं हो पाया. प्रेम विकसित नहीं हो पाया. सब भौतिक सुख की ओर बढ़ने लगे हैं. इस कारण वर्तमान समय में गुण मिलान की पद्धति से सही निष्कर्ष नहीं निकल पाता है."

गोचर में ग्रहों की स्थिति का विवाह में पड़ता है प्रभाव

रायपुर: ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि "विवाह करने के लिए दांपत्य सुख देखा जाता है. अगर दांपत्य सुख भाव में यानी सातवें भाव में शुभ ग्रहों की दृष्टि है जैसे गुरु, शुक्र, चंद्र तो जीवन अच्छा चलता है. दांपत्य सुख मिलता है. भले ही गुण मिलान हो या ना हो और अंतिम में जीवन (आयु) देखा जाता है कि जातक की आयु कितनी है. लेकिन इसको देखने की मनाही है. किसी को उसकी वास्तविक आयु नहीं बताई जानी चाहिए.''

"सातवें भाव पर किसी क्रूर ग्रह का या पाप ग्रह का प्रभाव नहीं": ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर ने आगे बताया कि " वास्तविक आयु नहीं बताना चाहिए बल्कि संकेत के माध्यम से कहना चाहिए कि गुण मिलान नहीं हो रहा है. जीवन सुखमय नहीं रहेगा. हो सकता है वर या वधू में कोई एक पक्ष छोड़कर चला जाए. वित्तीय स्थिति, फिजिकल फिटनेस, दांपत्य सुख और आयु चारों चीजें उत्तम है. सातवें भाव पर किसी क्रूर ग्रह का या पाप ग्रह का प्रभाव नहीं है तो जीवन अत्यंत सुख में होगा, अन्यथा कहीं ना कहीं कोई ना कोई कुछ ना कुछ विवाद होगा ही.संबंधित ग्रहों की दशा अंतर्दशा पर या गोचर में ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करेगा. ऐसे में ग्रहों की शांति के लिए उपाय या निदान कर लेना चाहिए."

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गोचर में ग्रहों की स्थिति का विवाह में पड़ता है प्रभाव
गोचर में ग्रहों की स्थिति का पड़ता है प्रभाव: ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉ. महेंद्र कुमार ठाकुर ने बताया कि "जहां तक गुण मिलान का सवाल है तो आजकल बच्चे मैच्योर हो चुके हैं. उनकी शादी 21 से 30 वर्ष के बीच सामान्यतया हो रही है. वह पढ़े लिखे हैं और उनमें भी समझदारी है. ऐसी स्थिति में गुण मिलान का महत्व नहीं रह जाता. आपस में सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाते हैं तो तलाक की स्थिति आ जाती है."

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सनातन संस्कृति को विकसित नहीं होने दिया गया: ज्योतिष एवं वास्तुविद डॉक्टर महेंद्र कुमार ठाकुर ने आगे बताया कि "एक कारण यह भी है कि हमारी सनातन संस्कृति को बदनाम किया गया. विकसित नहीं होने दिया गया. उसका अध्ययन अध्यापन बंद रहा है. व्यक्ति की व्यक्तित्व की महानता और उनके सद्गुण परोपकार सद्भावना के गुण विकसित नहीं हो पाए. समर्पण नहीं हो पाया. प्रेम विकसित नहीं हो पाया. सब भौतिक सुख की ओर बढ़ने लगे हैं. इस कारण वर्तमान समय में गुण मिलान की पद्धति से सही निष्कर्ष नहीं निकल पाता है."

Last Updated : Feb 4, 2023, 10:13 AM IST
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