रायपुर: बारिश का मौसम (rainy season) शुरू होते ही सांपों का बिलों से निकलना (Rain Snake) शुरू हो जाता है. बरसात में सांपों के बिल में पानी भर जाता है. इस वजह से सांप बिल से बाहर निकलकर घरों में घुसना शुरू कर देते हैं. स्नेक बाइट (snake bite) के केस भी इस मौसम में बढ़ जाते हैं. ऐसे में अगर किसी को सांप डस ले, तो उसे क्या करना चाहिए ? घर में या आस-पास सांप निकल आए तो क्या कदम उठाना चाहिए ? इस खबर में आपको इन तमाम सवालों के जवाब मिलेंगे.
सांप से डरने की नहीं है जरूरत
घर के अंदर सांप के घुस जाने पर लोग घबरा जाते हैं. उनमें यह डर पैदा हो जाता है कि कहीं सांप उन्हें डस न (snake bite) ले. ऐसी स्थिति में वे सांप को मारने की कोशिश करते हैं, लेकिन डरने की जरूरत नहीं है. लोगों को सावधानी बरतते हुए सांप को घर से निकालने की कोशिश करनी चाहिए. अगर ऐसा न हो, तो स्नेक कैचर (snake catcher) को बुला लेना चाहिए.
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सांप से बचाव के लिए करें ये काम
ETV भारत की टीम ने जब स्नेक कैचर खिलेश्वर निषाद (Snake Catcher Khileshwar Nishad) से बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि अगर सांप घर के अंदर आता है, तो पहले उसकी पहचान जरूरी है. नाग, करैत या फिर रसल वाइपर जैसे सांप जहरीले होते हैं. वहीं, अधिकांश सांप विषहीन (snake venomous) होते हैं. ऐसे में अगर ये सांप आपके घर में घुस जाएं, तो इनसे छेड़छाड़ करने या फिर डरने की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही खिलेश्वर ने कुछ सावधानियां बताई हैं. अगर आप इन्हें बरतेंगे तो आपके घर में सांप नहीं घुसेंगे.
- घरों के आसपास की जंगली घास समय-समय पर कटवाते रहें.
- घर-दुकानों में कबाड़ को इकट्ठा न होने दें.
- छोटे-छोटे गड्ढों और दरारों को बंद करें.
- खेत और पर्यटन स्थलों पर सावधान रहें.
- घर की नालियों के मुहाने पर जाली लगाएं.
सांप अगर डस ले, तो करें ये उपाय-
- सांप डसने पर सबसे पहले मरीज को सीधा लिटा दें और जल्द से जल्द डॉक्टर के पास ले जाएं.
- खुद को सुरक्षित रखते हुए कौन सा सांप है, इस पर ध्यान दें. अगर संभव हो तो सांप की फोटो भी ले सकते हैं. इससे डॉक्टर मरीज का बेहतर इलाज कर सकते हैं.
- सांप के डसने पर मरीज के शरीर पर से गहने उतार दें.
- मरीज ने अगर जूते पहन रखे हों, तो उसे भी उतार दें.
- मरीज के जिस अंग पर सांप ने डसा हो, उस जगह के 2 इंच ऊपर 20 मिनट के अंदर कपड़ा या रस्सी बांध दें, ये लगभग एक इंच चौड़ी होनी चाहिए.
- कपड़े या रस्सी को कभी भी इतना टाइट भी नहीं बांधना चाहिए कि खून का प्रवाह ही रुक जाए.
- मरीज को बेहोश न होने दें और अगर वह बेहोशी की हालत में हो, तो उसे जगाने की कोशिश करें.
- जिस स्थान पर सांप ने डसा हो, उस स्थान को पोटैशियम परमेंगनेट (लाल दवा) या साबुन के पानी से धोएं.
- मरीज को बिल्कुल चलने न दें, क्योंकि मांसपेशियों की रगड़ से जहर तेजी से फैल सकता है.
- मरीज को एस्प्रिन या कोई दर्द निवारक दवा न दें.
सांप अगर डस ले तो भूलकर भी ये काम न करें
- डसे हुए स्थान पर कभी भी बर्फ या अन्य गर्म पदार्थ नहीं लगाना चाहिए.
- कभी भी अप्रशिक्षित व्यक्ति से डसे हुए स्थान पर पट्टी नहीं बंधवानी चाहिए, क्योंकि कसकर पट्टी बांध देने से अंगों में खून बहना बंद हो जाता है. इससे अंगों को नुकसान भी हो सकता है.
- डसे हुए स्थान पर कभी भी चीरा नहीं लगाना चाहिए.
- मरीज को कोई दवा नहीं देनी चाहिए और झाड़-फूंक के बजाए सीधे डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी छत्तीसगढ़ के कई जिलों में कर रही काम
नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी (Nova Nature Welfare Society) स्नेक कैचर के रूप में छत्तीसगढ़ में लगभग 15 सालों से काम कर रही है. इस सोसायटी के सदस्य रायपुर, कुम्हारी, पाटन, भिलाई, दुर्ग, बीजापुर, बस्तर, कवर्धा और गरियाबंद जैसी जगहों पर सांप पकड़ने का काम करते हैं. नोवा नेचर वेलफेयर सोसायटी के सचिव मोइज अहमद बताते हैं कि घरों में घुसने वाले अधिकांश नहीं बल्कि कुछ सांप ही जहरीली प्रजाति के होते हैं. विषहीन सांप असढ़इया, सैंड बोआ, ढोढ़ीया और नोवा होते हैं. वहीं जहरीले सांप नाग, रसल वाइपर (Russell's Viper Snake) और करैत होते हैं.
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95 प्रतिशत सांप नहीं होते जहरीले
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के सदस्य और राजधानी के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर राकेश गुप्ता ने बताया कि, 95 प्रतिशत से अधिक सांपों में जहर नहीं होता है. कुछ सांप ही ऐसे होते हैं, जो विषैले होते हैं. ऐसे में घर के किसी सदस्य को सांप अगर डस ले, तो डरने या घबराने की जरूरत नहीं है, जिस स्थान पर सांप ने काटा हो, उस जगह को पानी से साफ करकर उसे तुरंत इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जाना चाहिए. इससे उस इंसान की जान आसानी से बच सकती है.
5 से 10 मिनट में सांप को कर लिया जाता है रेस्क्यू
स्नेक कैचर बताते हैं कि सांपों का रेस्क्यू करते समय 5 से 10 मिनट का समय लगता है. उनके पास सांपों को पकड़ने के लिए तमाम तरह के औजार होते हैं. जिसकी मदद से वे सांपों को आसानी से पकड़ सकते हैं. इन सांपों को पकड़ने के बाद अगर सांप विषहीन हुआ तो इन्हें किसी खाली स्थान या फिर जंगलों में छोड़ दिया जाता है. वहीं अगर सांप जहरीले हुए तो इन्हें वन संरक्षित क्षेत्र में छोड़ा जाता है.