रायपुर: दुनिया भर में आज विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस (world brain tumor day) मनाया जा रहा है. समय के साथ अब ब्रेन ट्यूमर के इलाज की व्यवस्था भी दुरुस्त हुई है. पहले जहां इलाज को लेकर कम सुविधाएं थीं. लेकिन अब नई-नई तकनीक के चलते ब्रेन ट्यूमर (brain tumor) का इलाज आसानी से किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ के सरकारी अस्पताल में भी ब्रेन ट्यूमर (brain tumor) से संबंधित बीमारियों का इलाज होता आ रहा है. राजधानी के डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल (DKS Super Specialty Hospital) में पिछले 5 सालों में तकरीबन 250 ब्रेन ट्यूमर (brain tumor) के सफल ऑपरेशन किए जा चुके हैं.
क्या है ब्रेन ट्यूमर ?
DKS सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जन डॉ. देवव्रत सहानी ने बताया कि मस्तिष्क की कोशिकाएं जब अनियंत्रित होकर विभाजित होना शुरू कर देती हैं या असामान्य रूप से बढ़ती है. ऐसे में यह ट्यूमर का रूप ले लेती है. जब यह अनियंत्रित कोशिकाएं आकार में बढ़ने लगती हैं. तब यह मस्तिष्क में दबाव बढ़ाना शुरू करती हैं. जिसे Intra Cranial pressure कहते हैं और जब यह दबाव बढ़ता है तो विभिन्न प्रकार के लक्षण आने लगते हैं.
ब्रेन ट्यूमर (brain tumor) के प्रकार
ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं. benign tumor और malignant tumor.
- benign ट्यूमर कम खतरनाक होते हैं. यह शरीर में एक हिस्से से दूसरे हिस्से में नहीं फैलते हैं.
- malignant ट्यूमर काफी तेजी से बढ़ते हैं. वह एक हिस्से से दूसरे हिस्से में फैलते हैं जिसे metastasis कहते हैं.
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ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
सिर दर्द (Headache), झटके आना, उल्टी होना (vomiting), आंखों से कम दिखाई देना, चलने में दिक्कत होना, बोलने में दिक्कत होना, शरीर में झुनझुनी होना (body tingling) ब्रेन ट्यूमर के लक्ष्ण हैं.
क्यों होता है ब्रेन ट्यूमर ?
ब्रेन ट्यूमर होने की दो वजह है. रेडिएशन एक्स्पोजर, जेनेटिक एब्नोर्मिलिटीज. एसोसिएट प्रोफेसर न्यूरो सर्जरी डॉ देवव्रत सहानी ने बताया कि जेनेटिक एब्नार्मेलिटीज प्रमुख कारण है. इसके साथ ही खान-पान या सिगरेट या स्मोकिंग से ब्रेन ट्यूमर के होने के कोई भी ठोस सबूत नहीं मिल पाए हैं.
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डायग्नोसिस
ब्रेन ट्यूमर (brain tumor) के परीक्षण के लिए नई-नई तकनीकें आ गई हैं. जिससे जल्द ही इस बीमारी का पता चल जाता है. डॉक्टर न्यूरोलॉजीकल एग्जामिनेशन करके, सीटी स्कैन, MRI, एंजियोग्राफी इन तकनीकों से बीमारियों का पता लगाते हैं.
इलाज कैसे होता है ?
ब्रेन ट्यूमर (brain tumor) का इलाज ट्यूमर के प्रकार, स्टेज, ट्यूमर की कंडीशन, मस्तिष्क में उसकी पोजिशन और मरीज के उम्र के आधार पर तय किया जाता है.
इसके इलाज में अलग-अलग पद्धति अपनाई जाती है. जिनमें सर्जरी, रेडियो थैरेपी, कीमो थेरेपी, स्टेरॉयड, वेंट्रिकुलर पेरीटोनियल शंट शामिल हैं.
सरकारी अस्पतालों में 250 से ज्यादा ब्रेन ट्यूमर की सफल सर्जरी
रायपुर के डीकेएस मल्टी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (DKS Super Specialty Hospital) में पिछले 5 सालों में 250 से ज्यादा ब्रेन ट्यूमर की सफल सर्जरी की जा चुकी है. जिसमें बच्चों के तकरीबन 100 ब्रेन ट्यूमर के सफल ऑपरेशन किए जा चुके हैं. एसोसिएट प्रोफेसर न्यूरो सर्जरी डॉक्टर देवव्रत सहानी ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर के इलाज के लिए टेक्नोलॉजी इंप्रूव होती जा रही है. न्यूरो सर्जरी के ऑपरेशन काफी जटिल होते हैं. इसके लिए अच्छे इक्यूपमेंट की जरूरत होती है. जो अस्पतालों में मौजूद हैं. जिससे इलाज करने में आसानी होती है. पिछले 6 सालों में लगभग ढाई सौ से ज्यादा ब्रेन ट्यूमर के सफल ऑपरेशन किए जा चुके हैं. जिनमें बच्चे और बड़े लोग भी शामिल हैं. वर्तमान में डीकेएस हॉस्पिटल में 7 न्यूरो सर्जन हैं और सभी टीम के साथ काम कर रहे हैं.
क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे ?
जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन एक non-profit ऑर्गेनाइजेशन है. उन्होंने सबसे पहले साल 2000 में 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन टयूमर डे (world brain tumor day) मनाने के रूप में शुरुआत की. इसको मनाने का मुख्य उद्देश्य आम जनता के बीच में ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.