रायपुर: 2 नवंबर को धन्वंतरी जयंती (Dhanwantri Jayanti) का पावन पर्व है. इस दिन उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र वैधृति योग तैतिल और अवकरण के साथ कन्या राशि के चंद्रमा में शुभ मुहूर्त है. यह पर्व दीपदान पर्व के नाम से भी प्रचलित है. आज भौम प्रदोष व्रत (Bhum Pradosh Fast) भी मनाया जाएगा. बहुत सारे सुंदर संयोग धनतेरस पर्व (Dhanteras Festival) की आभा को और भी अधिक बिखेर रहे हैं. धनतेरस मुख्य रूप से नए सामान, आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक्स के उपकरण और वाहन आदि को खरीदने का प्रमुख पर्व है. आज के दिन अपने उपयोग में आने वाली वस्तुओं का आनंदपूर्वक क्रय करते हैं. आज के दिन विशेष तौर पर बर्तन, चांदी के बर्तन, आभूषण, महालक्ष्मी का सिक्का और कुबेर का सिक्का आदि खरीदना बहुत शुभ माना गया है.
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कुबेर की होती है पूजा
पंच दिवसीय महापर्व दीपावली की शुरुआत आज के दिन से ही हो जाती है. इस दिन बाजार पूरी तरह से गुलजार रहता है. आज के शुभ दिन माता लक्ष्मी के साथ कुबेर की भी पूजा की जाती है. साथ ही आयुर्वेद के देवता धनवंतरी की भी जयंती मनाई जाती है. धन्वंतरी देवता हमें आरोग्य लंबी आयुष्य देने वाले माने गए है. सुबह उठकर योगाभ्यास से निवृत्त होकर गौरी, गणपति, महालक्ष्मी, कुबेर की पूजा का विधान है. आज के दिन महालक्ष्मी को लाई, बताशा आदि भोग लगाया जाता है. 13 की संख्या में दीपक जलाने का विधान है. आज के दिन दक्षिण दिशा में भी दीपक जलाया जाता है. घर के चारों कोनों को दीपक से प्रकाशित किया जाता है.
सामान खरीदना शुभ माना गया है
ऐसी मान्यता है कि आज के दिन शुभ वस्तुएं खरीदे जाने पर उनका भंडार हमेशा भरा रहता है. सुक्तम कुबेर चालीसा और कुबेर के विभिन्न मंत्रों से आज पूजा की जाती है. नवीन वस्त्र आज ही खरीदना शुभ माना गया है. जिस तरह से हम दीपावली के पूर्व घर की सफाई करते हैं. वैसे ही आज धन्वंतरी देवता हमें अपने पूरे शरीर की स्वच्छता रखकर लंबी आयुष्य की प्रेरणा प्रदान करते हैं. माता लक्ष्मी और कुबेर भगवान को गौरी, गणपति के साथ पूजन किया जाता है. महालक्ष्मी और कुबेर को शुद्ध जल से स्नान आदि कर अर्घ्य देकर पूजन करना चाहिए. आज के दिन देवताओं को साफ-सुथरे लाल कपड़े में बैठकर पूजन किया जाता है.
धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त
वहीं वृश्चिक लग्न में सुबह 7:13 से लेकर सुबह 9:28 तक स्थिर लग्न में धनत्रयोदशी पूजा की जा सकती है. इसके बाद क्रमश कुंभ लगन दोपहर 1:22 से लेकर दोपहर 2:56 तक वृषभ लग्न में शाम 6:10 से लेकर रात 8:09 तक और मध्यरात्रि सिंह लग्न में रात्रि 12:37 से लेकर 2:47 तक धनत्रयोदशी धनतेरस कि शुभपूजा के श्रेष्ठ मुहूर्त हैं. आज के दिन कुबेर लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलने पर व्यक्ति के जीवन में धन सोने-चांदी आदि की बहुत वर्षा होती है.