रायपुर: रासायनिक खाद की कीमतों में वर्तमान में बेतहाशा वृद्धि की गई है. इस वृद्धि से छत्तीसगढ़ में जहां एक ओर किसान वर्ग काफी परेशान है तो दूसरी तरफ कांग्रेस इसे लेकर केंद्र सरकार को घेरने में जुटा हुआ है. खाद की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ शनिवार को प्रदेश में छत्तीसगढ़ किसान कांग्रेस ने धरना दिया. सोशल मीडिया के जरिए धरना देकर केंद्र सरकार से खाद के बढ़े हुए दाम वापस लेने की मांग की गई.
किसानों की माने तो मोदी सरकार ने कहा था कि साल 2022 तक किसानों की आय खेती की लागत से डेढ़ गुना हो जाएगी. लेकिन आय तो बढ़ी नहीं, उल्टा खेती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले रसायनिक खाद के दाम जरूर डेढ़ गुना बढ़ गए हैं. इस वृद्धि को लेकर किसानों में काफी रोष है. कांग्रेस ने इस वृद्धि के विरोध में देश सहित प्रदेश में मोर्चा खोल रखा है. शनिवार को किसान कांग्रेस ने प्रदेश स्तरीय धरना दिया. इस धरना प्रदर्शन के दौरान किसान कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपने घरों के बाहर बैठकर प्रदर्शन किया और केंद्र की मोदी सरकार से बढ़े हुए खाद के दाम को वापस लेने की मांग की.
रासायनिक खाद के बढ़े हुए दामों के खिलाफ धरना
किसान कांग्रेस का कहना है कि रासायनिक खादों के मूल्यों में वृद्धि से किसानों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है. कृषि के औजारों के दाम भी बढ़ गए है. कोरोना और लॉकडाउन के दौरान खाद के दाम बढ़ा कर किसानों के साथ छल किया गया है.
'किसानों की आय तो नहीं बढ़ी लेकिन खाद के दाम जरूर बढ़ें'
इस मामले को लेकर किसान संगठनों ने भी आक्रोश व्यक्त किया है. किसान संगठन की मांग है कि सरकार तत्काल बढ़े हुए खाद के दामों पर रोक लगाने की पहल करे. छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता जागेश्वर प्रसाद का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार ने कहा था कि साल 2022 तक किसानों की आय फसलों की लागत से डेढ़ गुना कर देंगे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. रासायनिक खाद की कीमतें डेढ़ गुना बढ़ा दी गई है. इस बढ़ी हुई कीमत ने किसानों की कमर तोड़ दी है. लगातार खेती से संबंधित उपकरण खाद बीज रसायन सभी महंगे हो गए हैं. जागेश्वर ने कहा कि ऐसी परिस्थिति के कारण ही आज किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं.
खाद के दाम में बढ़ोतरी के खिलाफ किसान कांग्रेस कार्यकर्ता 15 मई को घरों के सामने देंगे धरना
'कंपोस्ट खाद के जरिए प्रदेश के किसानों की समस्या दूर की'
खाद के बढ़ते दाम ने राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है. खाद के बढ़े दामों को लेकर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा किसानों को हर साल 6000 रुपये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि देने का निर्णय लिया है, जो ऊंट के मुंह में जीरा की तरह है. जिस प्रकार से रासायनिक खाद की कीमतों में वृद्धि की गई है. अकेले छत्तीसगढ़ में खरीफ की फसल के लिए किसानों को खाद की बढ़ी हुई कीमत के लिए अतिरिक्त राशि 800 करोड़ से ज्यादा देना होगा. एक हाथ से केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि के रूप में 520 करोड़ दे रही है और दूसरे हाथ से 800 करोड़ खाद के मूल्य में वापस ले रही है. मंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार ने प्रदेश में कंपोस्ट खाद के जरिए कुछ हद तक किसानों की खाद की समस्या दूर की है.
रासायनिक खाद के दाम इस तरह बढ़े:
- रबि सीजन 2020-21 में DAP खाद 1200 रुपये प्रति बोरी थी.
- खरीब सीजन 2021 में इसका मूल्य 700 रुपये बढ़ाकर 1900 प्रति बोरी कर दिया गया.
- रसायनिक खाद NPK के दामों में भी प्रति बोरी 565 रुपये की वृद्धि की गई है.
- अब NPK किसानों को 1185 रुपए प्रति बोरी के स्थान पर 1747 रुपए प्रति बोरी देकर खरीदना होगा.
- सिंगल सुपर फास्फेट के सभी प्रकार के खादों के दाम में प्रति बोरी लगभग 36 रुपये की बढ़ोतरी हुई है.
- रासायनिक खाद MOP के दाम में भी प्रति बोरी 150 रुपये की वृद्धि की गई है.
- इसका दाम 850 रुपये प्रति बोरी से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रति बोरी कर दिया गया.
अब देखने वाली बात है कि कांग्रेस के इस प्रदर्शन और किसान में व्याप्त रोष के बाद केंद्र सरकार खाद के दामों को लेकर क्या निर्णय लेती है, या फिर खाद की कीमतें इसी तरह बढ़ती जाएगी.