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'महिलाओं को न्याय देने का मतलब ये नहीं कि पुरुषों के साथ जानबूझकर अन्याय हो' - किरणमयी नायक

रायपुर में तीन दिनों तक महिलाओं के प्रकरणों की सुनवाई की जा रही है. इसी कड़ी में बुधवार को छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने सुनवाई की है.

kiranmayee nayak
किरणमयी नायक
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Published : Jan 7, 2021, 3:20 PM IST

Updated : Jan 7, 2021, 3:52 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने 6 जनवरी बुधवार को रायपुर के जल विहार स्थित आयोग कार्यालय में महिलाओं के उत्पीड़न संबंधित प्रकरणों पर जन सुनवाई की. पहले दिन सुनवाई के लिए 21 प्रकरण रखे गए थे. जिनमें से 4 प्रकरण निरस्त किए गए.

किरणमयी नायक ने कहा कि महिला आयोग ने लगातार विभिन्न जिलों में महिलाओं की समस्याओं को सुलझाया जा रहा है. इसी क्रम में रायपुर में तीन दिनों तक महिलाओं के प्रकरणों की सुनवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि महिला आयोग महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए निष्पक्ष होकर कार्रवाई करता है. कई मामले आयोग में आते हैं जो पहले से न्यायालय में विचाराधीन होते हैं. ऐसी स्थिति में महिला आयोग के हाथ बंधे होते हैं और आयोग कार्रवाई नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को न्याय देने का मतलब ये नहीं है कि पुरुषों के साथ जानबूझकर अन्याय किया जाए.

पढ़ें: महिला उत्पीड़न संबंधी 88 मामलों में सुनवाई

इन मामलों की होती है सुनवाई

किरणमयी नायक ने बताया कि आयोग में शारीरिक शोषण, मानसिक प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, संपत्ति विवाद जैसे कई प्रकरणों की सुनवाई की जाती है. इनमें अधिकांश मामले पारिवारिक विवाद के होते हैं. थाने में लंबित मामलों की सुनवाई आयोग में नहीं हो सकती. पुलिस अगर इस मामले पर कार्यवाही नहीं की जाती ऐसी स्थिति में महिला आयोग मामले का संज्ञान ले सकती है. उन्होंने बताया कि आयोग में कुछ विशिष्ट मामले भी आते हैं जैसे आयोग में आईटी एक्ट की एक शिकायत आई है. जिस पर दोनों पक्षों को समझाइश दी गई है. सभी दस्तावेजों की जांच कर 2 महीने में कारवाई की सूचना देने के लिए संबंधित थाने को कहा गया है.

पक्षकारों को दी गई समझाइश

आयोग के समक्ष आए एक प्रकरण में अनावेदक सरकारी शिक्षिका के बिना तलाक लिए दो विवाह की शिकायत आई थी. सुनवाई के दिन अनावेदिका ने स्वयं को गर्भवती बताकर उपस्थित नहीं होने के संबंध में सूचना आयोग को प्रेषित की. आयोग ने अनावेदिका को आगामी तिथि पर मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ उपस्थित होने के लिए समय दिया है. एक केबल संचालन की लड़ाई से संबंधित प्रकरण में दोनों पक्षकारों को सुनकर समझाइश दी गई. पक्षकारों की सहमति से उन्हें समझौते के लिए अपना-अपना प्रस्ताव देने के लिए समय दिया गया.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ : महिला आयोग अध्यक्ष बोलीं- लिव-इन में रहकर रेप केस लगाने वाली लड़कियां न्याय न मांगें

कोरोना गाइडलाइन के साथ हुई सुनवाई
अनावेदकों की अनुपस्थिति पर किरणमयी नायक ने कड़ा रुख अपनाते हुए उनके निवास स्थान से संबंधित थानों में सूचना देकर उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में उन्होंने संबंधित पुलिस अधीक्षक को भी पत्र प्रेषित करने कहा है. एक प्रकरण में उन्होंने मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग को शहडोल निवासी पक्षकार की उपस्थिति के लिए पत्र प्रषित करने कहा है. कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए आयोग में सुनवाई के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और फिजिकल डिस्टेंसिंग सहित अन्य दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने 6 जनवरी बुधवार को रायपुर के जल विहार स्थित आयोग कार्यालय में महिलाओं के उत्पीड़न संबंधित प्रकरणों पर जन सुनवाई की. पहले दिन सुनवाई के लिए 21 प्रकरण रखे गए थे. जिनमें से 4 प्रकरण निरस्त किए गए.

किरणमयी नायक ने कहा कि महिला आयोग ने लगातार विभिन्न जिलों में महिलाओं की समस्याओं को सुलझाया जा रहा है. इसी क्रम में रायपुर में तीन दिनों तक महिलाओं के प्रकरणों की सुनवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि महिला आयोग महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए निष्पक्ष होकर कार्रवाई करता है. कई मामले आयोग में आते हैं जो पहले से न्यायालय में विचाराधीन होते हैं. ऐसी स्थिति में महिला आयोग के हाथ बंधे होते हैं और आयोग कार्रवाई नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को न्याय देने का मतलब ये नहीं है कि पुरुषों के साथ जानबूझकर अन्याय किया जाए.

पढ़ें: महिला उत्पीड़न संबंधी 88 मामलों में सुनवाई

इन मामलों की होती है सुनवाई

किरणमयी नायक ने बताया कि आयोग में शारीरिक शोषण, मानसिक प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, संपत्ति विवाद जैसे कई प्रकरणों की सुनवाई की जाती है. इनमें अधिकांश मामले पारिवारिक विवाद के होते हैं. थाने में लंबित मामलों की सुनवाई आयोग में नहीं हो सकती. पुलिस अगर इस मामले पर कार्यवाही नहीं की जाती ऐसी स्थिति में महिला आयोग मामले का संज्ञान ले सकती है. उन्होंने बताया कि आयोग में कुछ विशिष्ट मामले भी आते हैं जैसे आयोग में आईटी एक्ट की एक शिकायत आई है. जिस पर दोनों पक्षों को समझाइश दी गई है. सभी दस्तावेजों की जांच कर 2 महीने में कारवाई की सूचना देने के लिए संबंधित थाने को कहा गया है.

पक्षकारों को दी गई समझाइश

आयोग के समक्ष आए एक प्रकरण में अनावेदक सरकारी शिक्षिका के बिना तलाक लिए दो विवाह की शिकायत आई थी. सुनवाई के दिन अनावेदिका ने स्वयं को गर्भवती बताकर उपस्थित नहीं होने के संबंध में सूचना आयोग को प्रेषित की. आयोग ने अनावेदिका को आगामी तिथि पर मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ उपस्थित होने के लिए समय दिया है. एक केबल संचालन की लड़ाई से संबंधित प्रकरण में दोनों पक्षकारों को सुनकर समझाइश दी गई. पक्षकारों की सहमति से उन्हें समझौते के लिए अपना-अपना प्रस्ताव देने के लिए समय दिया गया.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ : महिला आयोग अध्यक्ष बोलीं- लिव-इन में रहकर रेप केस लगाने वाली लड़कियां न्याय न मांगें

कोरोना गाइडलाइन के साथ हुई सुनवाई
अनावेदकों की अनुपस्थिति पर किरणमयी नायक ने कड़ा रुख अपनाते हुए उनके निवास स्थान से संबंधित थानों में सूचना देकर उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में उन्होंने संबंधित पुलिस अधीक्षक को भी पत्र प्रेषित करने कहा है. एक प्रकरण में उन्होंने मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग को शहडोल निवासी पक्षकार की उपस्थिति के लिए पत्र प्रषित करने कहा है. कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए आयोग में सुनवाई के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और फिजिकल डिस्टेंसिंग सहित अन्य दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है.

Last Updated : Jan 7, 2021, 3:52 PM IST
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