रायपुर: लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी रणनीति तेज कर दी है. लगातार एक के बाद एक बैठकों का दौर जारी है. इन बैठकों में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है. भाजपा ने छत्तीसगढ़ की लोकसभा की 11 में से 11 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए कार्यकर्ताओं में जोश भरने के लिए पार्टी के द्वारा कार्यकर्ता सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है जिसकी शुरुआत बस्तर से की जा रही है. पांचों संभागों में भाजपा कार्यकर्ता सम्मान समारोह के जरिए विधानसभा के साथ लोकसभा चुनावों में भी परचम लहराने की कोशिश में है.
इसी कड़ी में लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर शुक्रवार को भी एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई जो लगभग 6 घंटे तक चली. यह बैठक भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर के नेतृत्व में संपन्न हुई. जिसमें लोकसभा चुनाव की तैयारी और रणनीति को लेकर चर्चा की गई. बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीजे पंडा, सह प्रभारी नितिन नबीन उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा सहित पदाधिकारी भी मौजूद रहे.
बैठक के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने बताया "लोकसभा चुनाव के लिए बैठक थी. जिसमे 11 में से 11 लोकसभा सीट जीतने का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए नीचे तक के कार्यक्रम की योजना और रणनीति बनाई गई है. साथ ही कार्यकर्ताओं से मिलने और जनता का अभिनंदन कार्यक्रम भी रखा गया है. इस अभियान की शुरुआत शनिवार को बस्तर से की जा रही है. इसके बाद दुर्ग संभाग में यह कार्यक्रम रखा जाएगा. उसके बाद एक-एक कर सभी पांचों संभाग में कार्यक्रम रखे जाएंगे. जिसमें मुख्यमंत्री और प्रदेश प्रभारी रहेंगे."
बस्तर में कार्यकर्ता सम्मान समारोह: भाजपा लोकसभा चुनाव का शंखनाद बस्तर से करने जा रही है. इसके पीछे कई कारण है. पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को दो सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था, जिसमें बस्तर और कोरबा की सीट शामिल थी. बस्तर आदिवासी बहुल क्षेत्र है. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में आदिवासी सीटों पर भाजपा को अच्छा बहुमत मिला, यही वजह है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा आदिवासी वोट बैंक को खोना नहीं चाहती है.
आदिवासी वोट बैंक पर नजर: लोकसभा चुनाव में आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए भाजपा ने पहले ही एक बड़ा दाव खेला है. भाजपा ने विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाया है, जो आदिवासी समुदाय से आते हैं. उसके बाद भाजपा लोकसभा चुनाव का शंखनाद भी बस्तर से करने जा रही है.राज्य में आदिवासी समुदाय की आबादी 32 फीसदी है जो राज्य की राजनीति के लिए बेहद अहम है।.यही वजह है कि इस बार भाजपा आदिवासी वोट बैंक को किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहती है.
लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा का अच्छा प्रदर्शन: लोकसभा चुनाव 2019 में पूरे देश सहित छत्तीसगढ़ में मोदी लहर थी, जिस वजह से केंद्र की सत्ता पर भाजपा काबिज हुई.वहीं छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो 2018 के विधानसभा चुनाव में 90 में से महज 15 सीटों पर सिमटने वाली भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2019 में प्रदेश की 11 में से 9 सीटों पर जीत हासिल की थी।.उस दौरान प्रदेश की अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित ज्यादातर सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस ने जिन दो सीटों पर जीत हासिल की थी, उनमें से एक सीट बस्तर अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थी.
छत्तीसगढ़ में कुल 11 लोकसभा सीट हैं. जिसमे से बस्तर, कांकेर, रायगढ़ और सरगुजा लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है. इन सीटों में से बस्तर को छोड़कर बाकि सभी सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. उस चुनाव में बस्तर से कांग्रेस के दीपक बैज को जीत मिली थी.