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रायपुर : 'जब ऐसा ही करना था, तो मूर्ति विसर्जन कुंड बनाने का ढकोसला क्यों'

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Published : Sep 21, 2019, 9:25 PM IST

राजधानी रायपुर में बहने वाली जीवनदायिनी नदी खारून प्रदूषण की मार झेल रही है.

रायपुर की जीवनदायिनी नदी खारून प्रदूषित

रायपुर : प्रशासन की कथनी और करनी में फर्क देखना हो, तो आप राजधानी रायपुर में बहने वाली जीवनदायिनी खारून नदी को देख सकते हैं. प्रशासन का दावा है कि नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए मूर्ति विसर्जन के लिए अलग से कुंड का निर्माण कराया गया है, लेकिन दावा तो दावा है.

रायपुर की जीवनदायिनी नदी खारून प्रदूषित

जिम्मेदारों ने कहा था कि मूर्ति विसर्जन के बाद पानी को स्वच्छ कर इसे खारून नदी में छोड़ा जाएगा, लेकिन मूर्ति विसर्जन के बाद कुंड से पानी को सीधे पाइप लाइन के जरिए नदी में छोड़ा जा रहा है.

जल प्रदूषण इन दिनों शहर ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी समस्या है, जिसे रोकने के लिए वैश्विक स्तर पर कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं. इसी के तहत रायपुर में पानी को प्रदूषण से बचाने के लिए कृत्रिम कुंड बनाया गया था, लेकिन निगम के जिम्मेदारों की लापरवाही से तमाम कोशिशों पर एक बार फिर पानी फिरता नजर आ रहा है. जिम्मेदार पानी को साफ करने के लिए पानी में फिटकरी डाल अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गए.

इधर, रसायन शास्त्र के जानकार कहते हैं कि इस तरह के कैमिकलयुक्त पानी को महज फिटकरी डालकर स्वच्छ नहीं किया जा सकता है क्योंकि मूर्तियों में कलर के साथ कई प्रकार के कैमिकल भी मिले होते हैं.

रायपुर : प्रशासन की कथनी और करनी में फर्क देखना हो, तो आप राजधानी रायपुर में बहने वाली जीवनदायिनी खारून नदी को देख सकते हैं. प्रशासन का दावा है कि नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए मूर्ति विसर्जन के लिए अलग से कुंड का निर्माण कराया गया है, लेकिन दावा तो दावा है.

रायपुर की जीवनदायिनी नदी खारून प्रदूषित

जिम्मेदारों ने कहा था कि मूर्ति विसर्जन के बाद पानी को स्वच्छ कर इसे खारून नदी में छोड़ा जाएगा, लेकिन मूर्ति विसर्जन के बाद कुंड से पानी को सीधे पाइप लाइन के जरिए नदी में छोड़ा जा रहा है.

जल प्रदूषण इन दिनों शहर ही नहीं दुनिया की सबसे बड़ी समस्या है, जिसे रोकने के लिए वैश्विक स्तर पर कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं. इसी के तहत रायपुर में पानी को प्रदूषण से बचाने के लिए कृत्रिम कुंड बनाया गया था, लेकिन निगम के जिम्मेदारों की लापरवाही से तमाम कोशिशों पर एक बार फिर पानी फिरता नजर आ रहा है. जिम्मेदार पानी को साफ करने के लिए पानी में फिटकरी डाल अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो गए.

इधर, रसायन शास्त्र के जानकार कहते हैं कि इस तरह के कैमिकलयुक्त पानी को महज फिटकरी डालकर स्वच्छ नहीं किया जा सकता है क्योंकि मूर्तियों में कलर के साथ कई प्रकार के कैमिकल भी मिले होते हैं.

Intro:रायपुर

प्रशासन की कथनी और करनी में क्या फर्क होता है यह देखना है तो आप राजधानी रायपुर आकर देख सकते हैं।
शहर की जीवनदायिनी खारुन नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए नगर निगम ने गणेश विसर्जन के लिए एक अलग से कुंड का निर्माण किया था निगम प्रशासन का दावा था कि मूर्ति विसर्जन के बाद पानी को स्वच्छ कर इसे खारोल में मिलाया जाएगा लेकिन मूर्ति विसर्जन के बाद जब हमने मौके की पड़ताल की तो हमें यह दावा कागजी ही नजर आया।। कुंड से पानी को सीधे पाइप लाइन के जरिए छोड़ा जा रहा है इसे स्वक्छ करने की किसी भी तरह की प्रक्रिया जमीन पर नजर नहीं आ रही

वाक थ्रू

जल प्रदूषण इन दिनों शहर ही नहीं पूरे देश विदेश की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है इसे रोकने के लिए कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं। शहर में पानी को प्रदूषण से बचाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए गए लोगों ने इन प्रयासों से जागरूक होकर लोग कृत्रिम कुंड में मूर्ति विसर्जन के लिए पहुचे। लेकिन निगम प्रशासन ने इस तमाम प्रयासों पर अपनी उदासीनता से पानी फेर कर रख दिया।।

जब हम ग्राउंड जीरो पर इसकी पड़ताल के लिए पहुंचे थे तो हमें मौके पर बेहद बदबूदार पानी और मूर्तियों के अवशेष देखने को मिले। अगर सीधा इस प्रदूषित पानी को नदी में प्रवाहित करना था तो आखिर कृत्रिम कुंड बनाने का ढकोसला निगम प्रशासन ने क्यों किया यह समझ से परे है।।

लेकिन लेकिन निगम के अधिकारियों का जवाब आप सुन ही लीजिए।।


बाईट

पुलक भट्टाचार्य
अपर आयुक्त





Body: वही रसायन शास्त्र के जानकार मानते हैं कि इस तरह के केमिकल युक्त पानी को महज फिटकरी डालकर स्वच्छ नहीं किया जा सकता ।। क्योंकि मूर्तियों में कलर के अन्य प्रकार के केमिकल भी होते हैं।


बाईट

डॉ मनीषा मिश्रा
रसायन शास्त्र
विभागाध्यक्ष डिग्री गर्ल्स कॉलेज रायपुर





Conclusion:एक ओर जहां निगम प्रशासन ने खारून नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए अस्थाई कुंड का निर्माण कराया था उन्हीं के हाथों रायपुर की जीवनदायिनी खारुन नदी को प्रदूषित किया का रहा है।


क्लोसिस पीटीसी


सिद्धार्थ श्रीवासन
रायपुर
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