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रायपुर में सनातन धर्म की रक्षा के तहत खारून नदी की महाआरती, 108 ब्राह्मणों ने किया मंत्रोच्चार - रायपुर में सनातन धर्म की रक्षा

Kharoon River maha aarti गंगा आरती की तर्ज पर रापयुर के महादेव घाट पर खारुन नदी की महाआरती की गई. बनारस के घाट की तर्ज पर 108 ब्राह्मणों ने सवा घंटे तक महाआरती की. महाआरती को देखने के लिए हजारों की संख्या में भक्त घाट पर मौजदू रहे. आरती के दौरान पूरा माहौल भक्तिमय हो गया.

Maha Aarti on Kharun River
खारून नदी की महाआरती
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 26, 2023, 10:31 PM IST

Updated : Dec 26, 2023, 11:43 PM IST

खारून नदी की महाआरती

रायपुर: रायपुर में खारुन नदी के महादेव घाट पर पूर्णिमा के मौके पर भव्य मां खारुन गंगा महाआरती की गई. महाआरती का आयोजन महादेव घाट जन सेवा समिति ने किया. बनारस की तर्ज पर 108 ब्राह्मणों ने करीब सवा घंटे तक खारुन नदी की आरती की. खारुन नदी पर हुए महाआरती को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे. आरती से पहले महादेव घाट को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया था. खारुन नदी पर हुए महाआरती के बाद लोगों ने खारुन नदी को साफ रखने की शपथ भी ली. महाआरती का आयोजन करने का मकसद लोगों को सनातन धर्म से जोड़ने की कोशिश है. महाआरती के बाद पद्मश्री उषा बारले और कैलाश खेर का भक्तिमय गीत संगीत कार्यक्रम भी रखा गया.

गंगा की तर्ज पर खारुन में महाआरती: समाज सेवा से जुड़े लोगों का कहना था कि इस तरह के सनातन आयोजन से लोगों को धर्म कर्म कीजानकारी होती है. पूर्व में कैसे धर्म का पालन किया जाता है कैसे धार्मिक कार्य किए जाते थे उसकी जानकारी मिलती है. सामाजिक सेवा से जुड़े लोगों का कहना है कि इस तरह के आयोजन लगातार होते रहने से नदी का पानी भी पवित्र रहेगा और लोग घाटों पर आएंगे भी. खारुन नदी पर हुए आयोजन को सभी लोगों ने जमकर सराहा. महाआरती के आयोजकों ने कहा कि आने वाले दिनों में इससे भी भव्य आरती की तैयारी की जाएगी.

क्या है खारुन नदी का इतिहास: छत्तीसगढ़ में खारुन नदी का धार्मिक इतिहास है. खारुन नदी को पवित्र नदियों में गिना जाता है. आज भी कई लोग धार्मिक कामों में खारुन नदी के जल का इस्तेमाल गंगा जल की तर्ज पर करते हैं. पुरातत्व की दृष्टि से भी खारुन नदी का अपना इतिहास है. खारुन नदी के किनारे कई धार्मिक अवशेष भी मिले हैं. पुरातत्व विभाग लंबे वक्त से खारुन नदी के किनारों पर खुदाई कर कई धार्मिक अवशेष भी जुटा चुका है.

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खारून नदी की महाआरती

रायपुर: रायपुर में खारुन नदी के महादेव घाट पर पूर्णिमा के मौके पर भव्य मां खारुन गंगा महाआरती की गई. महाआरती का आयोजन महादेव घाट जन सेवा समिति ने किया. बनारस की तर्ज पर 108 ब्राह्मणों ने करीब सवा घंटे तक खारुन नदी की आरती की. खारुन नदी पर हुए महाआरती को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे. आरती से पहले महादेव घाट को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया था. खारुन नदी पर हुए महाआरती के बाद लोगों ने खारुन नदी को साफ रखने की शपथ भी ली. महाआरती का आयोजन करने का मकसद लोगों को सनातन धर्म से जोड़ने की कोशिश है. महाआरती के बाद पद्मश्री उषा बारले और कैलाश खेर का भक्तिमय गीत संगीत कार्यक्रम भी रखा गया.

गंगा की तर्ज पर खारुन में महाआरती: समाज सेवा से जुड़े लोगों का कहना था कि इस तरह के सनातन आयोजन से लोगों को धर्म कर्म कीजानकारी होती है. पूर्व में कैसे धर्म का पालन किया जाता है कैसे धार्मिक कार्य किए जाते थे उसकी जानकारी मिलती है. सामाजिक सेवा से जुड़े लोगों का कहना है कि इस तरह के आयोजन लगातार होते रहने से नदी का पानी भी पवित्र रहेगा और लोग घाटों पर आएंगे भी. खारुन नदी पर हुए आयोजन को सभी लोगों ने जमकर सराहा. महाआरती के आयोजकों ने कहा कि आने वाले दिनों में इससे भी भव्य आरती की तैयारी की जाएगी.

क्या है खारुन नदी का इतिहास: छत्तीसगढ़ में खारुन नदी का धार्मिक इतिहास है. खारुन नदी को पवित्र नदियों में गिना जाता है. आज भी कई लोग धार्मिक कामों में खारुन नदी के जल का इस्तेमाल गंगा जल की तर्ज पर करते हैं. पुरातत्व की दृष्टि से भी खारुन नदी का अपना इतिहास है. खारुन नदी के किनारे कई धार्मिक अवशेष भी मिले हैं. पुरातत्व विभाग लंबे वक्त से खारुन नदी के किनारों पर खुदाई कर कई धार्मिक अवशेष भी जुटा चुका है.

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Last Updated : Dec 26, 2023, 11:43 PM IST
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