रायपुर: कांग्रेस की करारी हार पर पार्टी का स्थानीय नेतृत्व और केंद्रीय नेतृत्व दोनों कुछ भी बोलने से बच रही है. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने पार्टी की हार को स्वीकार करते हुए कहा कि हम हारे है हताश नहीं हुए. पार्टी को जो नतीजे मिले उसका पार्टी विश्लेषण करेगी. शैलजा ने साफ किया कि हम आगे भी राहुल और खड़गे के नेतृत्व में आगे की लड़ाई लड़ते रहेंगे. हार से सबक लेंगे और लोकसभा की तैयारियों को मजबूत करेंगे. शैलजा ने माना की जनता हमसे नाराज थी और हम जनता की भावनाओं को भांप नहीं पाए. पार्टी भी ये जानना चाहती है कि आखिर हम अपना संदेश जनता तक पहुंचाने में क्यों असफल साबित हुए.
'' हमने भूपेश बघेल सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर किया, लोगों का आशीर्वाद हमें वोट के रुप में मिला. राज्य का कोई भी वर्ग भूपेश बघेल सरकार से खुश नहीं था. मैं पूरी तरह से जीत को लेकर आश्वस्त था. कांग्रेस को केवल ये चिंता थी कि उनका परिवार कैसे चलेगा, जनता की परवाह कभी नहीं की." ओम माथुर, बीजेपी चुनाव प्रभारी
''बाबा का भ्रमजाल'': बीजेपी के प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन ने कहा कि बाबा ने भी चुनावों तक भ्रमजाल फैलाए रखा. सरकार को कोसते रहे कभी कहते थे कि मंत्रीपद छोड़ दूंगा कभी कहते थे पार्टी ने मेरी बात नहीं मानी. साढ़े चार साल तक अंदरखाने में भूपेश बघेल से सीएम पद को लेकर जूझते रहे. जब कांग्रेस ने अंतिम के 6 महीनों के लिए कुर्सी तो झट से कुर्सी पर बैठ गए. साजा से ईश्वर साहू की जीत पर नितिन नवीन ने कहा कि जब टिकट के लिए उनको बीजेपी दफ्तर बुलाया गया. उसी वक्त उनको देखकर हमने ये तय कर लिया कि इनको टिकट देना ये जीत कर आएंगे. ईश्वर साहू ने भी कहा कि सरकार से उनको न्याय नहीं मिला अब वो न्याय पाने के लिए इस सरकार से लड़ेंगे.