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काल भैरव जयंती पर काले कुत्ते को खिलाएं ये चीज, गलत काम करने वाले रहें सावधान !

Kaal Bhairav ​​Jayanti 2023 काल भैरव जयंती के दिन बाबा काल भैरव की पूजा कर पापों से मुक्ति मिलती है. भक्तों के लिए बाबा भैरव दयालु, कल्याण करने वाले और जल्द प्रसन्न होने वाले देव माने जाते हैं. लेकिन अनैतिक और गलत काम करने के लिए बाबा भैरव दंडनायक के रूप में जाने जाते हैं.

kaal bhairav jayanti 2023
काल भैरव जयंती 2023
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 5, 2023, 4:06 AM IST

Updated : Dec 5, 2023, 12:26 PM IST

काल भैरव जयंती 2023

रायपुर: काल भैरव जयंती हर साल कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. 5 दिसंबर को मंगलवार के दिन काल भैरव जयंती मनाई जाएगी. इस दिन काल भैरव की पूजा की जाती है. भगवान भोलेनाथ के पांचवें रुद्र अवतार के रूप में भैरव का प्राकटय हुआ था, इसलिए इस दिन को काल भैरव जयंती के रूप में मनाई जाती है. धार्मिक ग्रंथो में काल भैरव भगवान को शिव जी का रौद्र रूप बताया गया है. इसके साथ ही इन्हें काशी का कोतवाल के नाम से भी जाना जाता है.

काल भैरव जयंती कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि को 4 दिसंबर 2023 को सोमवार रात 9:59 पर शुरू होगा और इसका समापन 6 दिसंबर 2023 बुधवार की रात 12:37 पर होगा. हिंदू धर्म में किसी भी व्रत पूजा और अनुष्ठान के लिए उदया तिथि को उत्तम माना जाता है. ऐसे में बाबा काल भैरव की जयंती मंगलवार 5 दिसंबर 2023 को मनाई जाएगी.

काल भैरव जयंती पूजा मुहूर्त: दिन में पूजा का समय 5 दिसंबर मंगलवार को सुबह 10:53 से दोपहर 1:29 बजे तक रहेगा. रात में पूजा का समय 5 दिसंबर मंगलवार की रात 11:44 से 12:39 तक रहेगा.काल भैरव जयंती के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. काल भैरव भगवान की पूजा रात में करने का विधान है. इस दिन शाम को किसी मंदिर में जाकर भगवान भैरव की प्रतिमा के सामने चौमुखी दीपक जलाएं. फूल माला, इमरती, जलेबी, उड़द, पान, नारियल अर्पित करें. वहां पर आसन लगाकर बैठकर काल भैरव भगवान चालीसा का पाठ करें.. पूजा पूरी होने के बाद आरती करें और जाने अनजाने हुई गलतियों के लिए बाबा काल भैरव से क्षमा याचना करें.

काल भैरव की पूजा: बाबा काल भैरव की पूजा करने से भय से मुक्ति मिलती है. ऐसा माना जाता है कि अच्छे कर्म करने वालों पर काल भैरव मेहरबान रहते हैं, लेकिन जो गलत और अनैतिक काम करता है वह उनके प्रकोप से नहीं बच पाता. शास्त्रों में काल भैरव का वाहन कुत्ता माना गया है. ऐसे में यदि आप काल भैरव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो उनकी जयंती के दिन काले कुत्ते को रोटी या खाने के लिए जरूर कुछ दें.

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काल भैरव जयंती 2023

रायपुर: काल भैरव जयंती हर साल कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. 5 दिसंबर को मंगलवार के दिन काल भैरव जयंती मनाई जाएगी. इस दिन काल भैरव की पूजा की जाती है. भगवान भोलेनाथ के पांचवें रुद्र अवतार के रूप में भैरव का प्राकटय हुआ था, इसलिए इस दिन को काल भैरव जयंती के रूप में मनाई जाती है. धार्मिक ग्रंथो में काल भैरव भगवान को शिव जी का रौद्र रूप बताया गया है. इसके साथ ही इन्हें काशी का कोतवाल के नाम से भी जाना जाता है.

काल भैरव जयंती कृष्ण पक्ष के अष्टमी तिथि को 4 दिसंबर 2023 को सोमवार रात 9:59 पर शुरू होगा और इसका समापन 6 दिसंबर 2023 बुधवार की रात 12:37 पर होगा. हिंदू धर्म में किसी भी व्रत पूजा और अनुष्ठान के लिए उदया तिथि को उत्तम माना जाता है. ऐसे में बाबा काल भैरव की जयंती मंगलवार 5 दिसंबर 2023 को मनाई जाएगी.

काल भैरव जयंती पूजा मुहूर्त: दिन में पूजा का समय 5 दिसंबर मंगलवार को सुबह 10:53 से दोपहर 1:29 बजे तक रहेगा. रात में पूजा का समय 5 दिसंबर मंगलवार की रात 11:44 से 12:39 तक रहेगा.काल भैरव जयंती के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. काल भैरव भगवान की पूजा रात में करने का विधान है. इस दिन शाम को किसी मंदिर में जाकर भगवान भैरव की प्रतिमा के सामने चौमुखी दीपक जलाएं. फूल माला, इमरती, जलेबी, उड़द, पान, नारियल अर्पित करें. वहां पर आसन लगाकर बैठकर काल भैरव भगवान चालीसा का पाठ करें.. पूजा पूरी होने के बाद आरती करें और जाने अनजाने हुई गलतियों के लिए बाबा काल भैरव से क्षमा याचना करें.

काल भैरव की पूजा: बाबा काल भैरव की पूजा करने से भय से मुक्ति मिलती है. ऐसा माना जाता है कि अच्छे कर्म करने वालों पर काल भैरव मेहरबान रहते हैं, लेकिन जो गलत और अनैतिक काम करता है वह उनके प्रकोप से नहीं बच पाता. शास्त्रों में काल भैरव का वाहन कुत्ता माना गया है. ऐसे में यदि आप काल भैरव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो उनकी जयंती के दिन काले कुत्ते को रोटी या खाने के लिए जरूर कुछ दें.

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Last Updated : Dec 5, 2023, 12:26 PM IST
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