रायपुर : राजधानी रायपुर सहित पूरे देश में बुधवार 25 मार्च से 2 अप्रैल तक नवरात्र का पर्व मनाया जाएगा. रायपुर के सिद्धपीठ मां महामाया मंदिर सहित कई देवी मंदिरों में इस बार ज्योति कलश प्रज्वलित नहीं किए जाएंगे. कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर जारी किए गए सरकारी एडवाइजरी के बाद महामाया मंदिर ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया है.
भीड़ को देखते हुए मंदिरों को भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. राजधानी के महामाया मंदिर में ज्योति कलश प्रज्वलित कराने के लिए पंजीयन करा चुके 6000 भक्तों को अगली नवरात्रि तक इंतजार करना होगा.
नवरात्र के 9 दिनों में मां महामाया की पूजा अर्चना पूरे विधि विधान से की जाएगी. दरअसल, कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए ज्योति कलश प्रज्वलित नहीं करने का फैसला लिया गया है. मंदिर में भक्तों की एंट्री भी नहीं होगी.
रोज की जाएगी पूजा आरती
हालांकि महामाया मंदिर में माता की ज्योति कलश इस बार भी जलेगी, ताकि सदियों से चली आ रही परंपरा खंडित न हो. रोज की पूजा आरती में भी कोई बड़ा फेरबदल नहीं किया गया है. महामाया मंदिर के पुजारी मनोज शुक्ला ने बताया कि '11,000 ज्योति प्रज्वलित की देखरेख के लिए लगभग 400 कर्मचारियों की जरूरत पड़ती है. इतने सारे लोग एक जगह पर रहेंगे तो कोरोना के संक्रमण का भी खतरा बढ़ जाएगा इसलिए ये फैसला लिया गया है'.