रायपुर: छत्तीसगढ़ के जूनियर डॉक्टर्स पिछले 4 दिनों से हड़ताल पर थे. तकरीबन 3 हजार से अधिक डॉक्टर्स अपनी मांगों को अलग-अलग जिलें से हड़ताल पर थे. इन डॉक्टर्स की मांग को आज सीएम बघेल ने पूरा कर दिया है. सीएम जूनियर डॉक्टर्स के स्टाइपेंड को बढ़ाने का फैसला किया है . सीएम बघेल ने इसे लेकर एक ट्वीट भी किया है. सीएम की इस सौगात के बाद जूनियर डॉक्टर्स काफी खुश हैं
सीएम बघेल ने ट्वीट कर जूनियर डॉक्टरों को दिया गिफ्ट: सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. सीएम ने ट्वीट कर लिखा, मुझे यह साझा करते हुए संतोष हो रहा कि हमने जूनियर डॉक्टर्स की स्टाइपेंड में वृद्धि करने का फैसला किया है.
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साझा करते हुए संतोष हो रहा कि हमने जूनियर डॉक्टर्स की शिष्यवृत्ति में वृद्धि करने का निर्णय लिया है।
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शिष्यवृत्ति की नवीन दर इस प्रकार से होंगी-
पीजी प्रथम वर्ष - 53550 से 67500 प्रति माह
पीजी द्वितीय वर्ष - 56700 से 71450 प्रति माह
पीजी तृतीय वर्ष - 59200 से 74600 प्रति माह…
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— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 5, 2023
शिष्यवृत्ति की नवीन दर इस प्रकार से होंगी-
पीजी प्रथम वर्ष - 53550 से 67500 प्रति माह
पीजी द्वितीय वर्ष - 56700 से 71450 प्रति माह
पीजी तृतीय वर्ष - 59200 से 74600 प्रति माह…साझा करते हुए संतोष हो रहा कि हमने जूनियर डॉक्टर्स की शिष्यवृत्ति में वृद्धि करने का निर्णय लिया है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 5, 2023
शिष्यवृत्ति की नवीन दर इस प्रकार से होंगी-
पीजी प्रथम वर्ष - 53550 से 67500 प्रति माह
पीजी द्वितीय वर्ष - 56700 से 71450 प्रति माह
पीजी तृतीय वर्ष - 59200 से 74600 प्रति माह…
स्टाइपेंड की दरों पर एक नजर डालिए
- पीजी प्रथम वर्ष - 53,550 से 67,500 प्रति माह
- पीजी द्वितीय वर्ष - 56,700 से 71,450 प्रति माह
- पीजी तृतीय वर्ष - 59,200 से 74,600 प्रति माह
- MBBS - 12600 से 15900 प्रति माह
अन्य राज्यों से कम स्टाइपेंड मिलने का जूनियर डॉक्टर्स लगा रहे थे आरोप : राज्य में जूनियर डॉक्टर्स को मिलने वाला स्टाइपेंड दूसरे राज्यों के मुकाबले बेहद कम था. एमपी, झारखंड से भी कम स्टाइपेंड प्रदेश के जूनियर डॉक्टर्स को मिलता था. दूसरे प्रदेशों में जहां 95 हजार रुपए तक स्टाइपेंड दिया जाता है. वहीं, छत्तीसगढ़ में 50-55 हजार रुपए ही मिलते हैं. किसी भी प्रदेश में 2 साल का बॉन्ड नहीं भरवाया जाता है. केवल छत्तीसगढ़ में ही ऐसा हो रहा है. बीते 4 साल में मानदेय नहीं बढ़ाया गया था. मजबूरन ये डॉक्टर्स हड़ताल पर थे.
6 महीने पहले मिला था स्टाइपेंड बढ़ाने का भरोसा: बता दें कि ये जूनियर डॉक्टर्स 6 माह पहले भी हड़ताल पर थे. हालांकि आश्वासन मिलने के बाद इन्होंने अपनी हड़ताल खत्म कर दी थी. लेकिन इसके 6 महीने बाद भी जब उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तब फिर से जूनियर्स डॉक्टर्स यानी की जूडा ने स्ट्राइक पर जाने का फैसला किया. बीते 4 दिनों से छत्तीसगढ़ के जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर थे.
जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित: जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल का स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ रहा है. कई जगहों पर विभाग ने विकल्प तलाश लिया है. हालांकि जहां डॉक्टर्स की संख्या कम है, उन जगहों पर मरीजों को अधिक दिक्कतें हो रही है.