रायपुर: रायपुर के न्यू सर्किट हाउस के कॉन्क्लेव में श्रमवीर सम्मान का आयोजन किया गया था. इस समारोह में सीएम भूपेश बघेल मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए. सीएम भूपेश बघेल ने यहां पत्रकारों के बीच बड़ा ऐलान किया. सीएम ने कहा कि "हमारी सरकार जल्द पत्रकारों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिलाने के पहल करेगी. पत्रकारों की इस मांग का अध्ययन कर शीघ्र उचित निर्णय लिया जाएगा. वर्तमान में मरीजों के इलाज के लिए सहायता उपलब्ध कराने के लिए राज्य शासन द्वारा योजनाएं संचालित की जा रही है. ये देखेंगे कि पत्रकारों को इन योजनाओं के माध्यम से कवर किया जा सकता है या नहीं .या फिर इसके लिए बजट में अलग से मद का प्रावधान करने की आवश्यकता पड़ेगी. इस संबंध में जो भी कदम उठाने होंगे वे अवश्य उठाए जाएंगे. जरूरी हुआ तो विधानसभा में भी इसे लाएंगे."
ऑपरेशन राहुल में कवरेज करने वाले पत्रकारों का सम्मान: इस मौके पर ऑपरेशन राहुल में शामिल रहे पत्रकारों का सम्मान किया गया. करीब 61 पत्रकारों को श्रमवीर सम्मान से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का आयोजन भारतीय श्रमजीवी पत्रकार संघ की छत्तीसगढ़ इकाई ने किया था. संसदीय सचिव विकास उपाध्याय कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे. वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैय्यर, भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ छत्तीसगढ़ इकाई के प्रदेश अध्यक्ष नितिन चौबे, सलाहकार परिषद के सदस्य डॉक्टर हिमांशु द्विवेदी, गोपाल वोरा और मोहसिन अली सोहेल भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे.
शीतकालीन सत्र में लाएंगे सुरक्षा कानून : मुख्यमंत्री ने कहा कि "विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र या बजट सत्र में पत्रकार सुरक्षा कानून लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण जो प्रथमिकताएं थी उनके क्रम में परिवर्तन हुआ है. लेकिन पत्रकार सुरक्षा कानून हमारी प्राथमिकता में शामिल है और बहुत जल्द लागू करने के लिए हम प्रयासरत हैं. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस की अध्यक्षता इस संबंध में गठित की गई कमेटी की कई बैठकें हो चुकी हैं. इसका ड्राफ्ट भी तैयार हो गया है".
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पत्रकार का जीवन है कठिन : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि "एक दौर था जब टेबल न्यूज की चर्चा होती थी और ग्रामीण पत्रकारिता की बात होती थी. अब इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के आ जाने से पत्रकारों को घटना स्थल पर जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि पत्रकारों का जीवन बड़ा कठिन होता है. उनमें एक जुनून होता है कि पत्रकारिता करनी है, लेकिन इससे भी ज्यादा मुश्किल पत्रकारिता में स्थापित होना होता है".