रायपुर: राजधानी रायपुर के गांधी मैदान में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के पत्रकार धरना प्रदर्शन कर रहे थे. कांकेर में पत्रकार कमल शुक्ला पर हुए हमले को लेकर प्रदेशभर के पत्रकारों में गुस्सा है, उन्होंने इस हमले के खिलाफ रैली भी निकाली थी. जिसे पुलिस ने बैरिकेडिंग कर काली मंदिर के पास रोक दिया. पत्रकारों की मांग थी कि उन्हें CM भूपेश बघेल से मिलने दिया जाए. पत्रकार CM बघेल से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपने की मांग कर रहे थे. लेकिन जब पुलिस ने पत्रकारों को CM बघेल से नहीं मिलने दिया, जिसके बाद पत्रकारों ने ज्ञापन को बैरिकेडिंग के पास ही जला दिया. जिसके बाद पत्रकार कमल शुक्ला ने भूख हड़ताल करने का फैसला लिया.
बता दें बीते दिनों कांकेर के पत्रकार कमल शुक्ला पर पूर्व कांग्रेस नेता ने हमला किया था. जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसके बाद प्रदेश के सभी जिलों के पत्रकारों ने इस मारपीट की कड़ी निंदा की थी. साथ ही पत्रकारों पर हो रहे हमले और मारपीट से पत्रकारों में काफी गुस्सा है. प्रदेशभर के कई पत्रकार कमल शुक्ला पर हुए हमले को लेकर रायपुर पहुंचे थे. वे गांधी मैदान में धरने पर बैठे थे. धरना खत्म करने के बाद पत्रकार सीएम निवास की ओर कूच कर रहे थे. लेकिन पत्रकारों को रोक दिया गया. जिसके बाद सीएम से मुलाकात को लेकर पत्रकार अड़ गए. पुलिस के रोके जाने पर पत्रकारों ने प्रदर्शन तेज कर दिया.
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कमेटी का हुआ गठन
मुख्यमंत्री के निर्देश पर पत्रकारों की उच्च स्तरीय जांच दल के गठन के आदेश राज्य शासन ने जारी कर दिए हैं. उच्च स्तरीय जांच दल 10 दिनों के भीतर अपना जांच प्रतिवेदन राज्य शासन को सौंपेंगे. वरिष्ठ पत्रकार राजेश जोशी की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय जांच दल में पत्रकार रूपेश गुप्ता, शगुफ्ता सिरीन, अनिल द्विवेदी , सुरेश महापात्र और राजेश शर्मा शामिल हैं.
कमल शुक्ला ने बताया फर्जी कमेटी
कमल शुक्ला ने कहा कि, 'मुख्यमंत्री की बनाई गई कमेटी पूरी तरह से फर्जी है. कमेटी में जिन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उन्होंने मुझपर हुए हमले को कवर तक नहीं किया था'. साथ ही उन्होंने कहा कि, 'उन्हें आरोपियों की ओर से दोबारा हमले की धमकी मिल रही है. ऐसे में उनका कांकेर में रहना ठीक नहीं है. वो राजधानी में सभी के नजरों के सामने रहकर न्याय के लिए भूख हड़ताल करेंगे'.