रायपुरः छतीसगढ़ में इन दिनों विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है. सत्र के दौरान सदन में विधायकों और मंत्रियों को कई बार असंसदीय भाषा का प्रयोग करते देखा गया है. गुरुवार इसी मुद्दे पर सदन में जोरदार हंगामा भी हुआ.
बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने मंत्री अमरजीत भगत को आदिवासी मंत्री कह कर संबोधित किया जिसके बाद सदन में सत्तापक्ष के विधायकों ने हंगामा किया.
मर्यादित भाषा का प्रयोग करने की अपील
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने ETV भारत से खास बातचीत करने हुए कहा कि अपने विरोधी से कड़वी बातें कहनी हो तो उसका एक संसदीय तरीका है. बात चाहे कितनी भी कड़वी या बुरी क्यों न हो उसे मर्यादित भाषा में कहा जा सकता है.
अटल बिहारी वाजपेयी का दिया उदाहरण
जोगी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण देते हुए कहा कि वे अपनी विपक्षियों के खिलाफ जमकर बोलते थे लेकिन अभी भी उन्होंने असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं किया.
जोगी ने सदस्यों से अपील की है कि, 'बोलिए दिल की बात करिए, कटुता से बोलिए लेकिन संसदीय भाषा में बोलिए'.