नई दिल्ली/रायपुर : सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के झीरम घाटी नक्सली हमले में बड़ी साजिश का आरोप लगाने वाली एक प्राथमिकी की छत्तीसगढ़ पुलिस की जांच के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी. आपको बता दें कि झीरम हमले में नेताओं सहित 29 लोग मारे गए थे. एनआईए की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने पीठ से कहा कि घटना में बड़ी साजिश के हर पहलू की जांच एनआईए से होनी चाहिए क्योंकि मामले की मुख्य एफआईआर की जांच केंद्रीय एजेंसी ही कर रही है.
छत्तीसगढ़ सरकार की क्या थी दलील ? : छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एएनएस नादकर्णी और वकील सुमीर सोढ़ी ने कहा कि राज्य ने शुरू में एनआईए से घटना की बड़ी साजिश के पहलू की जांच करने का अनुरोध किया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. तब राज्य सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया कि एक बड़ी साजिश की जांच सीबीआई को सौंपी जाए. क्योंकि एनआईए ने जांच करने से इनकार कर दिया था. केंद्र ने सीबीआई को जांच सौंपने से इनकार कर दिया. फिर राज्य सरकार क्या कर सकती थी.इसलिए सरकार ने एफआईआर दर्ज करने और बड़ी साजिश के पहलू की जांच करने के लिए पुलिस से पूछा. इसके बाद पीठ ने शिकायतकर्ता जितेंद्र मुदलियार के वकील को भी सुना, जिनकी शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
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झीरम कांड पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का आज का फ़ैसला छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का दरवाज़ा खोलने जैसा है।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 21, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
झीरम कांड दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड था। इसमें हमने दिग्गज कांग्रेस नेताओं सहित 32 लोगों को खोया था।
कहने को एनआईए ने इसकी जांच की, एक आयोग ने भी जांच की…
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— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 21, 2023
झीरम कांड दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड था। इसमें हमने दिग्गज कांग्रेस नेताओं सहित 32 लोगों को खोया था।
कहने को एनआईए ने इसकी जांच की, एक आयोग ने भी जांच की…झीरम कांड पर माननीय सुप्रीम कोर्ट का आज का फ़ैसला छत्तीसगढ़ के लिए न्याय का दरवाज़ा खोलने जैसा है।
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झीरम कांड दुनिया के लोकतंत्र का सबसे बड़ा राजनीतिक हत्याकांड था। इसमें हमने दिग्गज कांग्रेस नेताओं सहित 32 लोगों को खोया था।
कहने को एनआईए ने इसकी जांच की, एक आयोग ने भी जांच की…
सुप्रीम कोर्ट ने NIA की याचिका की खारिज : दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, "क्षमा करें, हम हस्तक्षेप नहीं करना चाहेंगे. कोर्ट ने कहा है कि माओवादी हमलों में बड़ी राजनीतिक साजिश के आरोपों का मामला चलता रहेगा. इसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस के 2020 में दर्ज की गई नई एफआईआर के खिलाफ एनआईए की याचिका खारिज कर दी गई है.
कब हुआ था झीरम हमला ? : आपको बता दें कि 25 मई 2013 को बस्तर जिले के दरभा इलाके की झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला कर दिया था, जिसमें तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 29 लोगों की मौत हो गई थी. भारी हथियारों से लैस नक्सलियों ने घातक हमला किया था. उस समय तत्कालीन विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक प्रचार चल रहा था .कांग्रेस नेता बस्तर जिले में परिवर्तन रैली में हिस्सा लेने के बाद लौट रहे थे.
सोर्स: पीटीआई