रायपुर: राजधानी में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2021 (National Tribal Dance Festival 2021) का शुभारंभ 28 अक्टूबर को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने किया. उन्होंने आयोजन को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) की जमकर तारीफ की. वहीं पूरे कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने की. इस नृत्य महोत्सव में 7 देशों के नर्तक दल सहित देश के 27 राज्यों तथा 6 केन्द्र शासित प्रदेशों के 59 आदिवासी नर्तक दल (Tribal Dancers) शामिल हो रहे हैं. इन नर्तक दलों में करीब 1,000 कलाकार हैं, जिनमें 63 विदेशी कलाकार (Foreign Artist) भी इनमें शामिल हैं. इसके अलावा कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का स्वागत किया गया.
यह आयोजन 30 अक्टूबर तक चलेगा. तीन दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में देश और विदेश के आदिवासी नर्तक दलों द्वारा रंगारंग प्रस्तुति दी जाएगी.
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दूसरे दिन भी होगा खास आयोजन
दूसरे दिन छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृह एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे समेत अन्य मंत्री होंगे. इस दौरान नाइजीरिया, फिलिस्तीन तथा श्रीलंका सहित विभिन्न राज्यों के कलाकार कल मनमोहक प्रस्तुति देंगे.
नृत्य महोत्सव में कई विदेशी टीम भी पहुंची
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश के नर्तक दल दो विधाओं विवाह संस्कार और अपने राज्य की अन्य पारंपरिक विधाओं में अपनी प्रस्तुति देंगे. दोनों विधाओं में प्रथम तीन स्थान पर रहने वाले नर्तक दलों को कुल 20 लाख रुपये की पुरस्कार राशि, प्रमाण पत्र और ट्रॉफी दी जाएगी. प्रत्येक विधा में फर्स्ट प्राइज पाने वाले दल को 5 लाख रुपये, सेकंड आने वालों को 3 लाख रुपये थर्ड आने वाले दल को 2 लाख रुपए की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया जाएगा.
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गौर मुकुट और वाद्य यंत्र मांदर पहन सीएम भूपेश बघेल ने किया कलाकारों का उत्साहवर्धन
आदिवासी नृत्य महोत्सव में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पूर्व राज्य सभा सदस्य बीके हरिप्रसाद, यूगांडा और पेलेस्टाइन के कांउंसलर और अन्य अतिथियों ने गौर मुकुट (Gaur Mukut) और वाद्य यंत्र मांदर पहन कलाकारों का उत्साहवर्धन किया.
दूसरी बार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का यह द्वितीय आयोजन (Second Event of Tribal Dance Festival) है. देश-विदेश में इस आयोजन को काफी लोकप्रियता मिली है. इस साल आयोजित हो रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में श्रीलंका, उज्बेकिस्तान, स्विट्जरलैंड, नाइजीरिया, फिलीस्तीन, माले और युगांडा के नर्तक दल हिस्सा लेंगे. मोरक्को के दल की भी इस आयोजन में शामिल होने की संभावना है.
मिजोरम के नर्तक दल ने कहा-हमारे यहां विभिन्न आयोजनों में होता है आदिवासी नृत्य
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में मिजोरम से पहुंचे कलाकारों ने बताया कि वे जिस नृत्य की प्रस्तुति करने जा रहे हैं, वह मिजोरम में विभिन्न त्योहारों के अवसर पर किया जाता है. इस दौरान विशेष परिधान धारण किया जाता है. वहीं उन्होंने बच्चों और युवाओं में पुरानी संस्कृति से बन रही दूरी को लेकर कहा कि मिजोरम में बच्चों को पुराने पोशाक की जानकारी देने के लिए स्कूल में 1 दिन सांस्कृतिक पोशाक पहनकर आने के लिए कहा गया है. इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोगों की तारीफ करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सबले बढ़िया.
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ओड़िशा के नर्तक दल ने प्रस्तुत किया शादी-ब्याह का नृत्य
इधर ओड़िशा के नर्तक दल का हुलिया कुछ अलग ही रहा. आदिवासी पोशाक पहने इस नर्तक दल को एक बार जो देखता था, वह देखता ही रह जाता था. इनके हवा-भाव, पहनावा और चाल-ढाल देखकर सभी टकटकी लगाए देखते रह जा रहे थे. नर्तक दल के सदस्यों ने बताया कि वे ओडिशा में शादी-विवाह के समय किए जाने वाले नृत्य की प्रस्तुति देने वाले हैं. उस दौरान हम झूमते हैं, नाचते हैं, गाते हैं. उसी की प्रस्तुति इस नृत्य में देखने को मिलेगी.
असम नर्तक दल ने कहा-छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया...
जबकि असम नर्तक दल ने बताया कि उनके द्वारा इस नृत्य महोत्सव में किस नृत्य की प्रस्तुति दी जा रही है. उसका क्या महत्व है, इसे कब किया जाता है. साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोगों की तारीफ करते हुए कहा छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया.