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अजीत-अमित जोगी पर FIR से गुस्से में जेसीसीजे, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

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Published : Jan 18, 2020, 5:51 PM IST

रायपुर में JCCJ कार्यकर्ताओं ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल अनुसुइया उइके को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने ज्ञापन सौंपकर अजीत जोगी और अमित जोगी के खिलाफ दर्ज FIR के न्यायिक जांच की मांग की है.

JCCJ workers submitted memorandum to Governor in raipur
JCCJ ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

रायपुर: JCCJ कार्यकर्ताओं ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल अनुसुइया उइके को ज्ञापन सौंपा है. पुलिस ने अजीत जोगी और अमित जोगी के खिलाफ FIR दर्ज किया है. जिसका कार्यकर्ताओं ने विरोध किया है.

अजीत-अमित जोगी पर एफआईआर की न्यायिक जांच की मांग

दरअसल बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में अजीत जोगी और अमित जोगी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. जिसे लेकर जेसीसीजे कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है.

'राज्य सरकार अजीत जोगी को कर रही परेशान'

इस मामले को लेकर ज्ञापन सौंपने पहुंचे जेसीसीजे नेता और वकील इकबाल रिजवी ने कहा कि 'राज्य रकार पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को परेशान करने के लिए हथकंडे अपना रही है. और किसी न किसी मामले पर वह जबरन FIR दर्ज कर अपराध दर्ज करवा देते हैं.' साथ ही उन्होंने कहा कि 'धारा 306 के मामले में जब तक साक्ष्य पूरे ना हो तब तक अपराध पंजीबद्ध नहीं किया जाता है.'

'दर्ज FIR बेबुनियाद, मजिस्ट्रियल जांच की मांग'

वहीं पूर्व विधायक राजेंद्र राय ने कहा कि 'सरकार हाथ धोकर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी के पीछे लग गई है. और जो FIR दर्ज की गई है वह बेबुनियाद है.' लिहाजा राज्यपाल से मांग की गई है कि 'FIR की मजिस्ट्रियल जांच की जाए.'

मरवाही सदन में एक कर्मचारी ने की थी आत्महत्या

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बिलासपुर स्थित मरवाही सदन में एक कर्मचारी संतोष कौशिक ने 15 जनवरी को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके पुत्र अमित जोगी के खिलाफ धारा 306 ,34 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है.

रायपुर: JCCJ कार्यकर्ताओं ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल अनुसुइया उइके को ज्ञापन सौंपा है. पुलिस ने अजीत जोगी और अमित जोगी के खिलाफ FIR दर्ज किया है. जिसका कार्यकर्ताओं ने विरोध किया है.

अजीत-अमित जोगी पर एफआईआर की न्यायिक जांच की मांग

दरअसल बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में अजीत जोगी और अमित जोगी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. जिसे लेकर जेसीसीजे कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है.

'राज्य सरकार अजीत जोगी को कर रही परेशान'

इस मामले को लेकर ज्ञापन सौंपने पहुंचे जेसीसीजे नेता और वकील इकबाल रिजवी ने कहा कि 'राज्य रकार पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को परेशान करने के लिए हथकंडे अपना रही है. और किसी न किसी मामले पर वह जबरन FIR दर्ज कर अपराध दर्ज करवा देते हैं.' साथ ही उन्होंने कहा कि 'धारा 306 के मामले में जब तक साक्ष्य पूरे ना हो तब तक अपराध पंजीबद्ध नहीं किया जाता है.'

'दर्ज FIR बेबुनियाद, मजिस्ट्रियल जांच की मांग'

वहीं पूर्व विधायक राजेंद्र राय ने कहा कि 'सरकार हाथ धोकर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी के पीछे लग गई है. और जो FIR दर्ज की गई है वह बेबुनियाद है.' लिहाजा राज्यपाल से मांग की गई है कि 'FIR की मजिस्ट्रियल जांच की जाए.'

मरवाही सदन में एक कर्मचारी ने की थी आत्महत्या

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बिलासपुर स्थित मरवाही सदन में एक कर्मचारी संतोष कौशिक ने 15 जनवरी को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके पुत्र अमित जोगी के खिलाफ धारा 306 ,34 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया है.

Intro:जेसीसीजे के नेता राज भवन पहुंच राज्यपाल अनुसूया विको को ज्ञापन दिया उन्होंने अजीत जोगी और अमित जोगी के खिलाफ दर्ज एफआइआर की जांच कराने की मांग की है....
बता देंगे बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में अजीत जोगी और अमित जोगी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है वही जेसीसीजे के नेताओं ने राज्यपाल अनुसुइया उइके को ज्ञापन सौंप सीबीआई और न्यायिक मजिस्ट्रेट से जांच कराने की मांग की है।।


Body:वही राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने पहुंचे वकील इकबाल रिजवी ने कहा सरकार पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को परेशान करने हर तरह के हथकंडे अपना रही है । किसी ना किसी मामले पर वे जबरन एफ आई आर दर्ज कर अपराध पंजीबद्ध करा देती है। धारा 306 के मामले में जब तक साक्ष्य पूर्ण ना हो तब तक अपराध पंजीबद्ध नहीं किया जाता है। आई सरकार तरह-तरह के आरोप लगाकर जोगी परिवार को परेशान कर रही है।

उन्हें परेशान करने की कोशिश की जा रही है। इस संबंध में ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा गया है।


1 बाइट

इकबाल रिजवी
वकील

वहीं पूर्व विधायक राजेंद्र राय ने कहा कि सरकार हाथ धोकर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी के पीछे लग गई है वही जो एफ आई आर दर्ज की गई है वह बेबुनियाद है राज्यपाल से मांग की गई है कि एफआईआर की के जांच सीबीआई और मजिस्ट्रेट जांच की जाए ।।

2

बाइट
राजेंद्र राय पूर्व विधायक गुंडरदेही




Conclusion:पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बिलासपुर स्थित मरवाही सदन में कर्मचारी संतोष कौशिक ने 15 जनवरी को फांसी लगा आत्महत्या कर ली थी पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके पुत्र अमित जोगी के खिलाफ धारा 306 ,34 के तहत आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी।
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