रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र (Chhattisgarh Assembly Winter Session) के दूसरे दिन हंगामा बरपा. प्रश्नकाल में पहले सवाल पर ही गरमागरम बहस चलती रही. इसी बीच सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई. दोपहर 12 बजे के बाद सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने पत्रों को पटल पर रखा लेकिन विपक्षी दल लगातार नारेबाजी करते रहे. विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत (Assembly Speaker Charandas Mahant) ने बुधवार 11 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर में धरने पर बैठे बीजेपी विधायक
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर निकले. सत्ता पक्ष के विधायक छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर (Chhattisgarh Assembly Complex) में लगी महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने धरने पर बैठ गए. उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. विपक्ष की प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister Housing Scheme) की कमेटी गठित कर जांच करने की मांग है.
सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर बहस
छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र (Winter session of Chhattisgarh Legislative Assembly) के दूसरे दिन की कार्यवाही में सदन में पीएम आवास योजना (PM Awas Yojana) पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर बहस हुई. छत्तीसगढ़ विधानसभा में शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर सदन का माहौल गरमाया रहा. बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने मामले को प्रश्नकाल के दौरान उठाते हुए सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए . इस दौरान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी सदन के अंदर अपनी बात रखी. सदन के बाहर पत्रकारों से चर्चा के दौरान कौशिक ने कहा कि पीएम आवास योजना के तहत सभी गरीबों को 2022 तक मकान मिलना है. मगर राज्य के अंश की कमी और कटौती की वजह से गरीबों को पैसा नहीं मिल पा रहा है. इसी वजह से हमने सदन में मांग की है कि कमेटी बनाकर इस पूरे मामले की जांच करवाई जाए.
रमन सिंह ने राज्य सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
पूर्व सीएम रमन सिंह ने भी पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की अक्षमता की वजह से पीएम आवास योजना से प्रदेश को बाहर कर दिया गया है. उन्होंने इसे राज्य सरकार की नाकामी बताया. रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश में , 2 लाख 56 हजार ऐसे निर्माणाधीन आवास हैं. जिनकी तीसरी और चौथी किस्त राज्य सरकार ने नहीं दी है. जबकि कुल 18 लाख 9 हजार लोगों को 2022 के अंत तक प्रदेश में मकान बना कर देना था . केंद्र की सरकार ने राज्य को इस विषय को लेकर कई बार नोटिस दिया. बावजूद इसके इन्होंने अपने हिस्से का पैसा नहीं दिया. इसलिए राज्य को इस योजना से बाहर कर दिया गया है. रमन सिंह ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि एक और सरकार उत्सव मना रही है. तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश में कर्मचारी और मजदूर आंदोलन करने को मजबूर है. रमन सिंह ने कहा कि कस्टम मिलिंग का रेट बढ़ा दिया गया. जबकि इसकी मांग मिलर्स की ओर से की ही नहीं गई. रमन ने आरोप लगाया कि, जहां कमीशन की बात हो वहां पर यह सरकार कार्रवाई तुरंत करती है. लेकिन पीएम आवास में पैसा सीधे खातों में जाता है इसलिए यहां अड़ंगा लगाने का खेल चल रहा है. रमन सिंह ने कहा कि हम सदन चलाने के लिए हर तरह का सहयोग देने को तैयार हैं लकिन अगर कवर्धा की तरह राज्य के किसी भी हिस्से में भगवा को कुचला जाएगा, महिलाओं, किसानों और मजदूरों के साथ अन्याय होगा तो विपक्ष यह नहीं सहेगा.
पीएम आवास योजना में अनियमितता पर सिंहदेव ने दिया जवाब
पीएम आवास योजना में अनियमितता पर विभागीय मंत्री टीएस सिंहदेव ने पत्रकारों के सामने सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा नहीं लगता कि किसी प्रकार की जांच कमेटी बनाने की आवश्यकता है. सिंहदेव ने पत्रकारों से कहा कि हमने सभी पक्षों को पारदर्शिता से सदन के अंदर रखा है. हमने यह भी माना कि हमसे भी विलंब हुआ है. लेकिन इस योजना को वापस केंद्र ने लिया. राशि के लिए हमने कई बार केंद्र को पत्र लिखा. मगर कोई सकारात्मक सहयोग हमें नहीं मिला. सिंहदेव ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री जी ने इस विषय को उठाया था की प्रधानमंत्री के नाम की योजना में 40% की राशि राज्य सरकार की तरफ से क्यों दी जाती है. अगर नाम पीएम का है तो पूरी राशि केंद्र को देनी चाहिए. सिंहदेव ने आरोप लगाया कि केंद्र की सरकार ने राज्य सरकार के हिस्से की 20000 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि रोक रखी है. उसे जल्द से जल्द राज्य को केंद्र की तरफ से सौंपा जाना चाहिए
अनुपूरक बजट हुआ पेश
प्रश्नकाल में पहले सवाल पर ही गरमा गरम बहस चलती रही. इस बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई. 12 बजे के बाद सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रों को इस दौरान पटल पर रखा. विधानसभा में विपक्ष का इस दौरान हंगामा जारी रहा. हंगामे के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पटल पर अनुपूरक बजट भी पेश किया. इस बार का अनुपूरक बजट 2 हजार 108 करोड़ 62 लाख 84 हजार 389 रुपए का है.
ओमीक्रोन को लेकर बरती जा रही है सतर्कता-सिंहदेव
ओमीक्रोन को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि कोरोना का यह वायरस तेजी से फैलता है. लेकिन इसके कोई घातक परिणाम अब तक नहीं आए. राज्य में पूरी तरह से सतर्कता बरती जा रही है. हमने केंद्र से बूस्टर डोज की मांग की है. अभी केंद्र के जवाब का इंतजार है.