रायपुर: सत्ता में आने से पहले कांग्रेस सरकार ने सभी अनियमित संविदा कर्मचारियों से वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद उन्हें नियमित किया जाएगा. अब जल्द ही ऐसी संभावनाएं नजर आ रही हैं कि प्रदेश के एक लाख संविदा कर्मचारियों को 15 अगस्त के दिन नियमित किए जाने की घोषणा हो सकती है. इसके लिए विधि विभाग से सामान्य प्रशासन विभाग ने अभिमत भी ले लिया है. विधि द्वारा नियम बनाकर नियमित करने के निर्देश दिए गए हैं और 16 अगस्त 2022 को कुल 47 विभागों में से 22 विभागों ने सभी आवश्यक जानकारी दे दी थी. बाकी अन्य बचे विभागों ने जानकारी पूरी तरह नहीं दी, जिस कारण जीएडी निर्णय नहीं ले पाया. विपक्ष की ओर से इसे चुनावी मुद्दा बनाकर खूब उछाला जा रहा है. ऐसे में विधानसभा चुनाव 2023 को देखते हुए जीएडी ने अब तक मिली जानकारी के आधार पर अपनी तैयारी शुरू कर दी है.
विधानसभा में भी उठा था कर्मचारियों का मुद्दा: संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का यह मामला काफी जोरों से उठाया गया था. इसके बाद अफसरों ने नए पुराने कर्मचारियों के मापदंड तय करते हुए उनके अनुभव के आधार पर वेतन, भत्ता, पेंशन, पद, नियुक्ति आदि बिंदुओं पर चर्चा की. जानकारी के अनुसार जो भी कर्मचारी विज्ञापन भर्ती प्रक्रिया के जरिए नियुक्त हुआ है, पहले प्राथमिकता उन्हीं को दी जाएगी. बाकी बचे अन्य कर्मचारियों को नियमित करने के लिए दोबारा विज्ञापन निकाला जाएगा और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार उन्हें भी नियमित किया जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार को एक लाख कर्मचारियों को हर माह वेतन देने के लिए 35 से 40 करोड़ का बजट तैयार करना होगा.
इन बिंदुओं पर जीएडी ने मांगी थी जानकारी: जीएडी ने 47 विभाग से कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी. मसलन हर विभाग में सभी अनियमित कर्मचारियों की नियुक्ति किस प्रक्रिया से और कैसे हुई, क्या विज्ञापन द्वारा नियुक्ति हुई, वर्तमान में मिलने वाला मानदेय कितना है, कर्मचारी विभाग की पद संरचना में पदस्थ है या भर्ती नियम में, पद के अनुरूप उचित डिग्री है या नहीं, सभी कर्मचारियों की शैक्षणिक योग्यता क्या है, तकनीकी ज्ञान कितना है, नियुक्ति के दौरान क्या आरक्षण के नियमों का पालन हुआ था.