रायपुर: चिटफंड घोटाले को लेकर रायपुर के बूढ़ा तालाब धरनास्थल पर निवेशकों और एजेंटों ने जमकर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान निवेशक और एजेंटों ने छत्तीसगढ़ नागरिक अधिकार समिति के बैनर तले नारेबाजी करते हुए फर्जी चिटफंड कंपनी में जमा की गई राशि को वापस किए जाने की भूपेश सरकार से मांग की.
बता दें कि भूपेश सरकार सत्ता में काबिज होते ही चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए जांच टीम गठित की थी, लेकिन भूपेश सरकार के सिर पर ताज सजे 8 महीने बीत गए, इसके बाद भी फर्जी चिटफंड कंपनियों से पैसा वापस नहीं हो रहा है. इससे फर्जी चिटफंड कंपनियों के चपेट में आए सैंकड़ों पीड़ितों ने बूढ़ा तालाब में धरना प्रदर्शन किया.
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50 हजार करोड़ से ज्यादा डूब गया
प्रदेश में लगभग 20 लाख निवेशकों को फर्जी चिटफंड कंपनी ने पैसा दोगुना करने का लालच देकर फंसाया था, इससे इनका पैसा दोगुना तो नहीं हुआ, लेकिन गरीबों का पैसा डूब जरूर गया. इसमें तकरीबन निवेशकों का 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा फर्जी चिटफंड कंपनियों में फंसा हुआ है.
निवेशकों की सरकार से मांग
- चिटफंड कंपनियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि चिटफंड कंपनियों एवं उनके संचालकों पर जारी कार्रवाई की प्रक्रिया धीमी हैं, जिसे तेज करने की आवश्यकता है.
- साथ ही कोर्ट की लंबी पेचीदा कार्यवाही पर जिला स्तर पर विशेष कोर्ट की स्थापना की जाए.
- घाटे वाले कंपनियों के निवेशकों के पुन: भुगतान के लिए प्रदेश सरकार को विशेष कोष की स्थापना करनी चाहिए.
- इस धरना प्रदर्शन के बाद भी इनका फंसा हुआ पैसा वापस नहीं मिलता है तो एक महीने के बाद इन निवेशकों और एजेंटों द्वारा एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा.