रायपुर: 14 अप्रैल को राजधानी के डॉ भीमराव अंबेडकर अस्पताल में एक सफाईकर्मी की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई थी. सफाईकर्मी प्रीति जंघेल की जब मौत हुई, उस वो अस्पताल में ड्यूटी कर रही थी. मामले में नगर पुलिस अधीक्षक कोतवाली ने जांच शुरू कर दी है. तबीयत बिगड़ने के बाद प्रीति का आनन-फानन में इलाज किया गया था, लेकिन इसी दौरान उसने दम तोड़ दिया.
प्रीति जंघेल की मौत के बाद से भारतीय सफाई कर्मचारी महासंघ जांच की मांग कर रहा था. महासंघ ने राज्यपाल से लेकर कई मंत्रियों को पत्र लिखकर मामले में जांच की मांग की थी. कोतवाली पुलिस ने जांच शुरू करते हुए उनके साथ काम करने वाले कर्मियों के बयान लिए हैं. भारतीय सफाई कर्मचारी महासंघ ने प्रीति जंघेल की मौत तनाव के कारण होने की बात कही है.
ठेकेदार पर आरोप
भारतीय सफाई कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष निलेश लंगोटे ने बताया कि प्रीति जंघेल ठेकेदार के अंडर काम कर रही थी. ठेकेदार लगातार प्रीति और उनके साथ काम करने वाले कर्मियों के वेतन में कटौती की धमकी देता था. आखरी बार जब प्रीति को वेतन दिया गया था तो, उसमें कटौती हुई थी, जिसके कारण प्रीति तनाव से गुजर रही थी. ऐसे में उसकी तबीयत खराब हुई, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. लंगोटे ने बताया कि, वेतन कटौती प्रीति की मौत की मुख्य वजह है.
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महासंघ की मांग
भारतीय सफाई कर्मचारी महासंघ ने मांग की है कि प्रीति के परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा के तहत नौकरी दी जाए. मृतिका के परिवार को मुआवजे के तौर पर 50 लाख रुपए भी दिए जाएं. साथ ही शासन से मांग की गई है कि, संबंधित ठेकेदार पर कार्रवाई की जाए.