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औरों से जरा हटकर है ये फैन, घर में ट्रॉफी की तरह संजोकर रखी है किशोर दा के बाथरूम की टाइल्स - शेष गिरी किशोर कुमार के फैन

किशोर के जन्मदिन पर हम आपको उनके एक ऐसे फैन से मिलवाने जा रहे हैं जो औरों से जरा हटकर है. इस फैन ने किशोर दा के घर की बाथरूम की टाइल्स को अपने घर में किसी ट्रॉफी की तरह संजोकर रखा है.

शेष गिरी, किशोर कुमार के फैन
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Published : Aug 4, 2019, 11:43 PM IST

रायपुर : सुप्रसिद्ध कलाकार किशोर कुमार उर्फ किशोर दा के लिए आज भी लोगों की दीवानगी कम नहीं हुई है. उन्हें चाहने वाले उनकी यादों को अपने दिलों और घरों में किसी न किसी रूप में संजोकर रखे हुए हैं.

शेष गिरी, किशोर कुमार के फैन

किसी को उनके गाए गानों का संग्रह करने का शौक है तो कोई उनके गीतों की किताब रखता है तो कुछ उनकी तस्वीरों को सजाकर रखते हैं, लेकिन उन्हें चाहने वालों में एक ऐसा शख्स भी है जो इन सबसे अलग किशोर दा से जुड़ी एक ऐसी चीज संजोकर रखे हुए है जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता और वो चीज है किशोर दा के बाथरूम की टाइल्स.

घर में संजोकर रखी है बाथरूम की टाइल्स
हम बात कर रहे हैं रायपुर के तेलीबांधा क्षेत्र में रहने वाले यूनिसेफ के अधिकारी शेष गिरी की. शेष गिरी की दीवानगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने किशोर दा के गीत या किताबों का संग्रह करने के बजाए किशोर दा के खंडवा स्थित पुश्तैनी मकान के बाथरूम की टाइल्स को अपने घर के हॉल में संजोकर रखा है. शेष गिरी के लिए किशोर दा के बाथरूम की टाइल्स किसी पारस पत्थर से कम नहीं है. हाथ में इस टाइल्स को लेते ही शेष गिरी के शरीर में एक अलग सी ऊर्जा पैदा हो जाती है. शेष गिरी को ये टाइल्स अपनी जान से भी ज्यादा प्यारी है.

पढ़ें : बिग बी ने किशोर दा को कुछ इस अंदाज में किया याद

'किशोर को लेकर मेरी दीवानगी से प्रभावित हुए असीम'
शेष गिरी तक स्टाइल्स के पहुंचने के पीछे एक रोचक कहानी है इसे ETV भारत के साथ साझा करते हुए शेष गिरी ने बताया कि, 'जब रायपुर में उनकी पोस्टिंग हुई तो उनके साथ असीम चावला नाम के अधिकारी भी काम करते थे, जोकि किशोर दा के बहुत बड़े फैन हैं और इस बीच असीम को इस बात का पता चला की मैं भी किशोर दा का बहुत बड़ा फैन हूं और किशोर दा के गाने गाता हूं. जब तक उनके 2-4 गानों की रिकॉर्डिंग न कर लूं तब तक नींद नहीं आती है. एक-दो बार स्टेज पर गाने का भी मौका मिला है. छोटे-मोटे कार्यक्रम में भी वे अक्सर किशोर दा के गाने गाते हैं. किशोर दा के प्रति मेरे इस लगाव को देखकर असीम काफी प्रभावित हुए'.

'जन्मदिन पर मिले उपहार जैसी है ये टाइल्स'
शेष गिरी बताते हैं कि, 'असीम ने मेरे जन्मदिन के मौके पर मुझे उपहार स्वरूप एक छोटा सा टाइल्स का टुकड़ा भेंट किया'. शेष गिरी ने कहा कि, 'जन्मदिन पर मिले इस उपहार को देखकर पहले तो वे चौक गए कि आखिर यह टाइल्स का छोटा सा टुकड़ा मुझे क्यों दे रहे हैं, लेकिन बाद में जब असीम ने बताया कि ये किशोर दा के खंडवा स्थित पुश्तैनी मकान के बाथरूम की टाइल्स है तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उस दिन से लेकर आज तक स्टाइल्स को मैं अपने पास संजोकर रखे हुए हूं'.

असीम को कैसे मिली किशोर दा के बाथरूम की टाइल्स
जब शेष गिरी से पूछा गया कि ये टाइल्स असीम के पास कैसे पहुंची तो उन्होंने बताया कि, 'असीम साल 2000 में किशोर दा का पुश्तैनी मकान देखने खंडवा गए थे. मकान पूरी तरह जर्जर था उसके अंदर किसी को जाने की अनुमति नहीं थी. इसी बीच उनकी मुलाकात एक मित्र से हुई जो कि किशोर दा के पड़ोसी थे, उन्होंने अपने इस मित्र से किशोर दा की कुछ यादें संजोकर ले जाने के लिए निवेदन किया. जिस पर पड़ोसी मित्र ने किशोर दा के बाथरूम में लगी टाइल्स को उखाड़कर असीम को दे दिया. औरों के लिए तो यह मामूली पत्थर था, लेकिन असीम के लिए लिए बहुमूल्य वस्तु से कम नहीं था. उसके बाद से जब भी असीम को किशोर दा का कोई भी प्रशंसक या चाहने वाला मिलता है तो असीम उसे स्टाइल्स का एक टुकड़ा उपहार स्वरूप दे देते हैं'.

बहरहाल किशोर दा के बाथरूम की टाइल्स इस समय शेष गिरी के घर की शोभा बढ़ा रही है. शेष गिरी इस टाइल्स को अपनी जान से ज्यादा संभाल कर रखते हैं. टाइल्स को अपनी नजरों से 1 मिनट के लिए भी ओझल होने नहीं देते, जो उनकी किशोर दा के प्रति असीम प्रेम और लगाव को दर्शाता है'.

रायपुर : सुप्रसिद्ध कलाकार किशोर कुमार उर्फ किशोर दा के लिए आज भी लोगों की दीवानगी कम नहीं हुई है. उन्हें चाहने वाले उनकी यादों को अपने दिलों और घरों में किसी न किसी रूप में संजोकर रखे हुए हैं.

शेष गिरी, किशोर कुमार के फैन

किसी को उनके गाए गानों का संग्रह करने का शौक है तो कोई उनके गीतों की किताब रखता है तो कुछ उनकी तस्वीरों को सजाकर रखते हैं, लेकिन उन्हें चाहने वालों में एक ऐसा शख्स भी है जो इन सबसे अलग किशोर दा से जुड़ी एक ऐसी चीज संजोकर रखे हुए है जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता और वो चीज है किशोर दा के बाथरूम की टाइल्स.

घर में संजोकर रखी है बाथरूम की टाइल्स
हम बात कर रहे हैं रायपुर के तेलीबांधा क्षेत्र में रहने वाले यूनिसेफ के अधिकारी शेष गिरी की. शेष गिरी की दीवानगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने किशोर दा के गीत या किताबों का संग्रह करने के बजाए किशोर दा के खंडवा स्थित पुश्तैनी मकान के बाथरूम की टाइल्स को अपने घर के हॉल में संजोकर रखा है. शेष गिरी के लिए किशोर दा के बाथरूम की टाइल्स किसी पारस पत्थर से कम नहीं है. हाथ में इस टाइल्स को लेते ही शेष गिरी के शरीर में एक अलग सी ऊर्जा पैदा हो जाती है. शेष गिरी को ये टाइल्स अपनी जान से भी ज्यादा प्यारी है.

पढ़ें : बिग बी ने किशोर दा को कुछ इस अंदाज में किया याद

'किशोर को लेकर मेरी दीवानगी से प्रभावित हुए असीम'
शेष गिरी तक स्टाइल्स के पहुंचने के पीछे एक रोचक कहानी है इसे ETV भारत के साथ साझा करते हुए शेष गिरी ने बताया कि, 'जब रायपुर में उनकी पोस्टिंग हुई तो उनके साथ असीम चावला नाम के अधिकारी भी काम करते थे, जोकि किशोर दा के बहुत बड़े फैन हैं और इस बीच असीम को इस बात का पता चला की मैं भी किशोर दा का बहुत बड़ा फैन हूं और किशोर दा के गाने गाता हूं. जब तक उनके 2-4 गानों की रिकॉर्डिंग न कर लूं तब तक नींद नहीं आती है. एक-दो बार स्टेज पर गाने का भी मौका मिला है. छोटे-मोटे कार्यक्रम में भी वे अक्सर किशोर दा के गाने गाते हैं. किशोर दा के प्रति मेरे इस लगाव को देखकर असीम काफी प्रभावित हुए'.

'जन्मदिन पर मिले उपहार जैसी है ये टाइल्स'
शेष गिरी बताते हैं कि, 'असीम ने मेरे जन्मदिन के मौके पर मुझे उपहार स्वरूप एक छोटा सा टाइल्स का टुकड़ा भेंट किया'. शेष गिरी ने कहा कि, 'जन्मदिन पर मिले इस उपहार को देखकर पहले तो वे चौक गए कि आखिर यह टाइल्स का छोटा सा टुकड़ा मुझे क्यों दे रहे हैं, लेकिन बाद में जब असीम ने बताया कि ये किशोर दा के खंडवा स्थित पुश्तैनी मकान के बाथरूम की टाइल्स है तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उस दिन से लेकर आज तक स्टाइल्स को मैं अपने पास संजोकर रखे हुए हूं'.

असीम को कैसे मिली किशोर दा के बाथरूम की टाइल्स
जब शेष गिरी से पूछा गया कि ये टाइल्स असीम के पास कैसे पहुंची तो उन्होंने बताया कि, 'असीम साल 2000 में किशोर दा का पुश्तैनी मकान देखने खंडवा गए थे. मकान पूरी तरह जर्जर था उसके अंदर किसी को जाने की अनुमति नहीं थी. इसी बीच उनकी मुलाकात एक मित्र से हुई जो कि किशोर दा के पड़ोसी थे, उन्होंने अपने इस मित्र से किशोर दा की कुछ यादें संजोकर ले जाने के लिए निवेदन किया. जिस पर पड़ोसी मित्र ने किशोर दा के बाथरूम में लगी टाइल्स को उखाड़कर असीम को दे दिया. औरों के लिए तो यह मामूली पत्थर था, लेकिन असीम के लिए लिए बहुमूल्य वस्तु से कम नहीं था. उसके बाद से जब भी असीम को किशोर दा का कोई भी प्रशंसक या चाहने वाला मिलता है तो असीम उसे स्टाइल्स का एक टुकड़ा उपहार स्वरूप दे देते हैं'.

बहरहाल किशोर दा के बाथरूम की टाइल्स इस समय शेष गिरी के घर की शोभा बढ़ा रही है. शेष गिरी इस टाइल्स को अपनी जान से ज्यादा संभाल कर रखते हैं. टाइल्स को अपनी नजरों से 1 मिनट के लिए भी ओझल होने नहीं देते, जो उनकी किशोर दा के प्रति असीम प्रेम और लगाव को दर्शाता है'.

Intro:
रायपुर सुप्रसिद्ध कलाकार किशोर कुमार उर्फ किशोर दा के लिए आज भी लोगों की दीवानगी कम नहीं हुई है उन्हें चाहने वाले उनकी यादों को अपने दिलो और घरों में सजोकर रखे हुए हैं। किसी को उनके गाए गानों का संग्रह करने का शौक है तो कोई उनके गीतों की किताब रखता है तो कुछ उनकी तस्वीरों को सजाकर रखते हैं लेकिन उन्हें चाहने वालों में एक ऐसा शख्स भी है जो इन सबसे अलग कुछ ऐसी चीज किशोर दा की सजोकर रखा है जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की होगी वह है




Body:किशोर दा के बाथरूम की टाइल्स संजो रखा है घर में

हम बात कर रहे हैं रायपुर के तेलीबांधा क्षेत्र में रहने वाले यूनिसेफ के अधिकारी शेष गिरी की। जो किशोर दा के गानों के कायल ही नहीं है बल्कि उनकी लिए दीवाने से है उनकी दीवानगी का पता तो इस बात से ही लगता है कि उन्होंने किशोर दा के गीत ओर किताबों को संग्रह नहीं है बल्कि किशोर दा के खंडवा स्थित पुश्तैनी मकान के बाथरूम की टाइल्स को अपने घर के हाल में सजोकर रखा है। शेष गिरी के लिए किशोर दा के बाथरूम की टाइल्स किसी पारस पत्थर से कम नहीं है। हाथ में स्टाइल्स को लेते हैं शेष गिरी के शरीर में एक अलग सी ऊर्जा पैदा हो जाती है सुरेश गिरी को यह टाइल्स अपनी जान से भी ज्यादा प्यारी है


शेष गिरी तक स्टाइल्स के पहुंचने के पीछे एक रोचक कहानी है इसे ईटीवी भारत के साथ साझा करते हुए शेष गिरी ने बताया कि जब रायपुर में उनकी पोस्टिंग हुई तो उनके साथ असीम चावला नाम के अधिकारी भी काम करते थे जोकि किशोर दा के बहुत बड़े फैन हैं और इस बीच असीम को इस बात का पता चला की मैं भी किशोर दा का बहुत बड़ा फैन हूं और किशोर दा के गाने गाता हूं जब तक उनके 2-4 गानों की रिकॉर्डिंग न कर लूं तब तक नींद नहीं आती है एक दो बार स्टेज पर भी गाने का मौका मिला है छोटे-मोटे कार्यक्रम में भी वे अक्सर किशोर दा के गाने गाते हैं किशोर दा के प्रति मेरे इस लगाव को देखकर असीम काफी प्रभावित हुए

जन्मदिन पर मिले उपहार स्वरूप टाइल्स

इसके बाद असीम ने मेरे जन्मदिन के अवसर पर मुझे उपहार स्वरूप एक छोटा सा टाइल्स का टुकड़ा भेंट किया । शेष गिरी ने कहा कि जन्मदिन पर मिले इस उपहार को देखकर पहले तो वे चौक गए कि आखिर यह टाइल्स का छोटा सा टुकड़ा मुझे क्यों दे रहे हैं लेकिन बाद में जब असीम ने बताया कि यह किशोर दा के खंडवा स्थित पुश्तैनी मकान के बाथरूम की टाइल्स है तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उस दिन से लेकर आज तक स्टाइल्स को मैं अपने पास संजोकर रखा हूं

असीम को कैसे मिली किशोर दा के बाथरूम की टाइल्स

जब शेष गिरी से पूछा गया कि यह टाइल्स असीम के पास कैसे पहुंचे उन्होंने बताया कि असीम 2000 में किशोर दा के पुश्तैनी मकान देखने खंडवा गए थे मकान पूरी तरह जर्जर था उसके अंदर किसी को जाने की अनुमति नहीं थी इसी बीच उनकी मुलाकात एक मित्र से हुई जो कि किशोर दा के पड़ोसी थे उन्होंने अपने इस मित्र से किशोर दा की कुछ यादें सजो कर ले जाने के लिए निवेदन किया जिस पर पड़ोसी मित्र ने किशोर दा के बाथरूम में लगी टाइल्स को उखाड़कर असीम को दे दिया। औरों के लिए तो यह मामूली पत्थर था लेकिन असीम के लिए लिए बहुमूल्य वस्तु से कम नहीं था । उसके बाद से जब भी असीम को किशोर दा का कोई भी प्रशंसक यह चाहने वाला मिलता है तो असीम उसे स्टाइल्स का एक टुकड़ा उपहार स्वरूप दे देते हैं ।




Conclusion:बहरहाल किशोर दा के बाथरूम की टाइल्स इस समय शेष गिरी के घर की शोभा बढ़ा रही है किशोर दा ने अपनी जान से ज्यादा संभाल कर रखते हैं टाइल्स को अपनी नजरों से 1 मिनट के लिए भी ओझल होने नहीं देते हैं जो उनकी किशोर दा के प्रति इसने प्रेम और लगाव को प्रदर्शित करता है
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